जनपद कानपुर (देहात) उत्तर प्रदेश के आंशिक भाग के प्राकृति जल की जल गुणवत्ता एवं पर्यावरणीय प्रदूषण

जनपद कानपुर (देहात) के कुछ भाग के जल नमूनों के विश्लेषण में पाए गए वृहद संघटकों के भू-रासायनिक अध्ययन दर्शाते हैं कि यहां का जल पीने की उपयुक्तता के साथ-साथ सिंचाई के योग्य भी है। कुछ भागों को छोड़कर, जहां पर फ्लोराइड की मात्रा अपेक्षित मात्रा से अधिक जैसे काकवां, भू-गर्भ सर्वेक्षण कूप (3.4 मि.ग्रा/लीटर), बिन्दोरी (3.00 मि.ग्रा/ली.), अलीपुर (2.8 मि.ग्रा./ली.), बिल्होर और उर्सी (2.4 मि.ग्रा./ली.), नारायण पुरवा और सिवली (2.2 मि.ग्रा./ली.) अपेक्षित मात्रा से अधिक फ्लोराइड संघटक वाले जल को पीने हेतु प्रयोग नहीं करना चाहिए, जिसके निरंतर उपयोग से दांतों की चमकीली सतह खराब हो सकती है।

सामान्यतः इस भाग में बाई कार्बोनेट आयन के साथ मैग्नीशियम तथा सोडियम आयन का बाहुल्य है।

अध्ययन से पता चलता है कि इस भाग में पोटैशियम के कारण प्रदूषण दूर-दूर तक पाया जाता है, जैसे उर्सी (813 मि.ग्रा./ली.), रसूलाबाद (585 मि.ग्रा./ली.), बजराजपुर (382 मि.ग्रा./ली.), बड़ा सिरोही (121 मि.ग्रा./ली.), तथा लालपुर (117 मि.ग्रा./ली.), यह अपेक्षित मात्रा से अधिक पोटेशियम सम्भवतः अत्यधिक उर्वरकों के प्रयोग के कारण हैं।

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