जलवायु परिवर्तन से वर्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव

जलवायु परिवर्तन से वर्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव
जलवायु परिवर्तन से वर्षा के पैटर्न में हुआ बदलाव

जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के स्वरूप में बदलाव हुआ है। इसका प्रभाव दिल्ली की हवा और तापमान पर भी पड़ा है। दिल्ली में नमी का स्तर बढ़ा है और तापमान में भी थोड़ा सा उतार-चढ़ाव हुआ है। इससे लोगों को परेशानी और असहनीयता का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि 2011 से अब तक महानगर के परिवेशी तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ है। यह बात एक हालिया अध्ययन से पता चली है।

उच्च गर्मी और आर्द्रता का संयोजन हमारे शरीर को ठंडा रखने वाले पसीने के तंत्र को प्रभावित कर सकता है। जब पसीना हमारी त्वचा से उड़ जाता है, तो हमारा शरीर शीतल होता है। लेकिन, जब हवा में आर्द्रता ज्यादा होती है, तो यह प्रक्रिया कम हो जाती है। इससे हमें गर्मी, थकान और बीमारी का अनुभव हो सकता है। कुछ मामलों में, यह स्थिति मौतकी वजह भी हो सकती है। 41 डिग्री सेल्सियस का ताप मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है।

सीएसई के शोधकर्ताओं का मानना है कि स्थानीय परिवर्तन वैश्विक जलवायु विज्ञानियों के संगठन ‘इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज’ (IPCC) की टिप्पणियों से मेल खाते हैं। IPCC की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (ARWGI) में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में हीट वेब  की संख्या में वृद्धि हुई है, जहां हवा का तापमान पास के क्षेत्रों से कहीं अधिक होता है।

आइपीसीसी ने यह भी बताया है कि रात में हीट वेब का प्रभाव स्थानीय तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा सकता है, जिससे शहर की जो का अनुकूलन रहने क्षमता है  उसमें मुश्किल हो सकती है, और इसके कारण लोगों को अधिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.

Path Alias

/articles/jalvayu-parivartan-se-varsha-ke-pattern-mein-hua-badlav

Post By: Shivendra
×