जल संतुलन के अध्ययन से जल स्रोतों के संयुक्त उपयोग की योजना-बरगी परियोजना के अंतर्गत एक अध्ययन

सतही जल स्रोतों का अधिकता में उपयोग करने से विभिन्न सिंचाई कमान क्षेत्रों में भूमिगत जल के पुनर्भरण में वृद्धि देखी गई है जिसक कारण भूमिगत जल का स्तर ऊपर उठने लगता है, जल संतुलन के अध्ययन द्वारा जल के आवागमन के विभिन्न घटकों का मूल्यांकन कर उनके संयुक्त उपयोग के बारे में योजना बनाई जा सकती है। प्रस्तुत अध्ययन मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास बरगी कमान क्षेत्र में इन्हीं घटकों का मूल्यांकन करने हेतु किया गया। मौसम, भूमि उपयोग, लगाई गई फसलों, सिंचाई के स्रोतों और नहरों से संबंधित जानकारी जुटाई गई और इस अध्ययन में प्रयोग की गई।

भूमि का जल के उपयोग इसमें होने वाले पुनर्भरण से बहुत कम पाया गया जिसके फलस्वरूप भूमिगत जल का स्तर औसतन लगभग 20 से.मी./वर्ष की दर से ऊपर उठता पाया गया। क्षेत्र को जल क्रांति से बचाने हेतु नहर और कुंओं का 60 और 40 के अनुपात में उपयोग करने की अनुशंसा की गई है।

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