समूचे विश्व में पानी की किल्लत के चलते जल संचयन, सरंक्षण जैसे कोर्स की मांग खूब बढ़ गई है। निश्चित तौर पर इनमें भी अब पेशेवरों की मांग है। इसी के मद्देनजर इग्नू में जल संचयन एवं प्रबंधन का कोर्स शुरू किया गया है। इस कोर्स के अंतर्गत पानी का प्रबंधन कैसे किया जाए, पानी का संरक्षण कैसे किया जाए जैसे विषयों के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी जाती है।
बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण आज समूचा विश्व पानी की किल्लत से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों में जल संचयन की जागरूकता फैलाकर उन्हें जल की आवश्यकता बताना समय की मांग है। इसी के मद्देनजर सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने कुछ ऐसे कोर्सों की शुरुआत की है जो जल आपूर्ति से लेकर जल संचयन आदि विषयों की पूर्ण जानकारी देते हैं, साथ ही यह भी बताते हैं कि किस तरह से आप पानी की किल्लत से बच सकते हैं। इसी के मद्देनजर इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली ने जल संचयन एवं प्रबंधन का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है जिसे करने पर आप इससे जुड़ी अलग-अलग विधाओं में अपने कदम रख सकते हैं।
जल संचयन एवं प्रबंधन नामक यह कोर्स 6 महीने की अवधि का है। इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को जल को किस तरह से संरक्षित किया जाता है, बरसात के पानी को किस तरह से मापा जाता है, वॉटर टेबल का क्या महत्व है और उसे किस तरह से रिचार्ज किया जाए यह सब सिखाया जाता है । डेस्क वर्क के बाद फील्ड की भी जानकारी छात्रों को इसमें दी जाती है ।
इस कोर्स के समन्वयक संजय पाण्डेय कहते हैं कि निश्चित तौर पर इस कोर्स की आने वाले समय में खूब मांग होने वाली है। इस कोर्स के बलबूते छात्र बहुत सी विधाओं में अपने हाथ आजमा सकते हैं। इस कोर्स के अंतर्गत हम छात्रों को नई-नई तकनीक से रूबरू कराते हैं कि आखिर किस तरह से वह जल को माप सकते हैं आदि। निश्चित तौर पर इस विधा में प्रशिक्षित लोगों की मांग होती है ।
इस कोर्स की खासियत है कि इसमें दाखिला लेने की न्यूनतम योग्यता 10वीं पास है। वहीं यदि आपने इग्नू से बैचलर प्रीपेट्री प्रोग्राम (बीपीपी) किया हुआ है तो आप सीधे इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। 6 महीने के लिए इस कोर्स की फीस 1600 रुपए है जिसके अंतर्गत आपको स्टडी मेटेरियल भी मिलता है ।
इस कोर्स को कर आप बड़े-बड़े उद्योगों में लग सकते हैं। आजकल हाउसिंग काम्प्लेक्स से लेकर उद्योगों आदि में कुछ पेशेवर लोगों की जरूरत होती है जो वॉटर हारवेस्टिंग से लेकर जल संचयन आदि की तकनीकों को जानते हों।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली । संपर्क करें – 01129535924-32 । वेबसाइट :www.ignou.ac.in
बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण आज समूचा विश्व पानी की किल्लत से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों में जल संचयन की जागरूकता फैलाकर उन्हें जल की आवश्यकता बताना समय की मांग है। इसी के मद्देनजर सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने कुछ ऐसे कोर्सों की शुरुआत की है जो जल आपूर्ति से लेकर जल संचयन आदि विषयों की पूर्ण जानकारी देते हैं, साथ ही यह भी बताते हैं कि किस तरह से आप पानी की किल्लत से बच सकते हैं। इसी के मद्देनजर इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली ने जल संचयन एवं प्रबंधन का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है जिसे करने पर आप इससे जुड़ी अलग-अलग विधाओं में अपने कदम रख सकते हैं।
कोर्स
जल संचयन एवं प्रबंधन नामक यह कोर्स 6 महीने की अवधि का है। इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को जल को किस तरह से संरक्षित किया जाता है, बरसात के पानी को किस तरह से मापा जाता है, वॉटर टेबल का क्या महत्व है और उसे किस तरह से रिचार्ज किया जाए यह सब सिखाया जाता है । डेस्क वर्क के बाद फील्ड की भी जानकारी छात्रों को इसमें दी जाती है ।
विशेषज्ञों की राय
इस कोर्स के समन्वयक संजय पाण्डेय कहते हैं कि निश्चित तौर पर इस कोर्स की आने वाले समय में खूब मांग होने वाली है। इस कोर्स के बलबूते छात्र बहुत सी विधाओं में अपने हाथ आजमा सकते हैं। इस कोर्स के अंतर्गत हम छात्रों को नई-नई तकनीक से रूबरू कराते हैं कि आखिर किस तरह से वह जल को माप सकते हैं आदि। निश्चित तौर पर इस विधा में प्रशिक्षित लोगों की मांग होती है ।
योग्यता
इस कोर्स की खासियत है कि इसमें दाखिला लेने की न्यूनतम योग्यता 10वीं पास है। वहीं यदि आपने इग्नू से बैचलर प्रीपेट्री प्रोग्राम (बीपीपी) किया हुआ है तो आप सीधे इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। 6 महीने के लिए इस कोर्स की फीस 1600 रुपए है जिसके अंतर्गत आपको स्टडी मेटेरियल भी मिलता है ।
संभावनाएं
इस कोर्स को कर आप बड़े-बड़े उद्योगों में लग सकते हैं। आजकल हाउसिंग काम्प्लेक्स से लेकर उद्योगों आदि में कुछ पेशेवर लोगों की जरूरत होती है जो वॉटर हारवेस्टिंग से लेकर जल संचयन आदि की तकनीकों को जानते हों।
यहां से करें कोर्स
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली । संपर्क करें – 01129535924-32 । वेबसाइट :www.ignou.ac.in
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