भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में ऐसे पल कम ही आते हैं जब हालात सामान्य से हों या सामान्यता की ओर हों, वर्ना हर समय तल्खी और तनाव बना ही रहता है। अब दोनों पड़ोसियों के बीच पानी को लेकर हालात गर्मा रहे हैं। आशंका तो जल युद्ध की भी जताई जा रही है। दरअसल, दोनों देश कश्मीर में अपने-अपने इलाके में कई हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं में लगे हुए हैं। खबर है कि किशनगंगा नदी पर बन रही भारतीय परियोजनाओं का पाकिस्तान विरोध कर रहा है। उसे लगता है कि भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये पानी अपनी ओर मोड़ सकता है। वैसे कुछ समय पहले पाकिस्तान के केन्द्रीय बैंक ने एक रिपोर्ट में बताया था कि भविष्य में पानी की कमी से देश में खाद्य सुरक्षा और लम्बी अवधि, वृद्धि की राह में मुश्किलें आएँगी। इस लिहाज से देखें तो स्थितियाँ जटिल होती जा रही हैं।
![सिन्धु नदी](https://farm9.staticflickr.com/8311/29756290202_2a511bedc8.jpg)
राजनीतिक और सीमायी तनाव के बीच पानी पर टकराव से हालात और जटिल इसलिये हो सकते हैं क्योंकि पानी का सीधा सम्बन्ध जीवन से है। जाहिर है कि जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर यदि टकराव की स्थितियाँ पैदा होंगी तो उसका हल उतना आसान भी नहीं होगा। पहले से तल्ख चले आ रहे रिश्तों में पानी का मसला और उबाल ला सकता है। अब देखना यह है कि पानी को लेकर बन रही खतरनाक स्थितियों को किस तरह से सुलझाया जाता है। इन हालात को देर तक टाला भी नहीं जा सकता।
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