1. भारत में लगभग 1.19 मीटर (1190 मिमी.) औसत वार्षिक वर्षा होती है, जो परिणाम के हिसाब से पर्याप्त है परन्तु वर्ष आगमन के समय व स्थान में अनिश्चितता व अस्थिरता होने के कारण देश के विभिन्न भागों में सूखे व बाढ़ की स्थिति बनी रहती है।
2. भारत में जल प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 से लागू किया गया।
3. ओजोन परत को पर्यावरण छतरी के नाम से जाना जाता है।
4. 1987 में ओजोन परत को नुकसान पहुँचाने वाले उत्तरदायी तत्वों की रोकथाम के लिय माॅन्ट्रियाल समझौता किया गया था।
5. मनुष्य के शरीर में प्रधान रूप से छः तत्त्व आॅक्सीजन, कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कैल्शियम तथा फाॅस्फोरस पाये जाते हैं।
6. शुष्क बर्फ ठोस कार्बन डाइआॅक्साइड़ के रूप में पाई जाती है।
7. जल की अस्थायी कठोरता मैग्नीशियम और कैल्शियम बाइकार्बोनेट लवणों के कारण होती है।
8. जल की स्थायी कठोरता उनमें मिले मैग्नीशियम और कैल्शियम के क्लोराइड़ एवं सल्फेट लवणों के कारण होती है।
9. भारी पानी का क्वथनांक 101.5 डिग्री सेंटीग्रेड होता है।
10. 11.6 डिग्री सेंटीग्रेड पर भारी पानी का घनत्त्व महत्तम होता है।
11. पानी का मोलर द्रव्यमान 18 ग्राम होता है।
12. समुद्री शैवालों में आयोडीन तत्त्व संचित होता रहता है।
13. एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में लगभग 61000 लीटर पानी पीता है।
14 समाचार पत्रों की एक दिन की छपाई में लगभग 2000 गैलन पानी इस्तेमाल किया जाता है।
15. 22 अप्रैल को ‘विश्व पृथ्वी दिवस’ मनाया जाता है।
16. 2 फरवरी को ‘विश्व वेटलैंड्स दिवस’ मनाया जाता है।
डाॅ. रमा मेहता
वैज्ञानिक, रा.ज.सं., रुड़की
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