रामनारायण श्रीवास्तव, हिंदुस्तान, 09 जनवरी 2019
मोदी सरकार दो के सबसे महत्वाकांक्षी ‘जलजीवन मिशन’ के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्स सबसे बड़ी चुनौती हैं। इन राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय दो फीसदी से भी कम घरों तक नल से जल की आपूर्ति हो पा रही है।
3.60 लाख करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि वाली इस परियोजना से 2024 तक देश के सभी 17.87 करोड़ घरों तक नल से स्वच्छ जल की आपूर्ति की जानी है। अभी केवल 3.28 करोड़ घरों तक ही नल से पानी पहुंचाया जा रहा है। मिशन के सामने बड़े राज्यांे की चुनौतियां ज्यादा हैं। जल संसाधन मंत्रालय की संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 1.31 फीसदी घरों तक ही नल से जल आपूर्ति हो रही है।
उत्तर प्रदेश में 1.33 फीसद और बिहार में 1.88 फीसदी ग्रामीण घरों में नल से पानी उपलब्ध है। आबादी के हिसाब से देखा जाए तो बिहार की 9.94 करोड़ ग्रामीण आबादी में 1.16 करोड़ लोगों (11.71 फीसदी) तक ही नल का जल पहुंच पा रहा है। उत्तर प्रदेश में 16.73 करोड़ ग्रामीण आबादी में 2.53 करोड़ लोगों (15.15 फीसदी) को ही नल का जल उपलब्ध है।
सिक्किम सबसे आगे
ग्रामीण घरों मंे नल से जल उपलब्ध कराने में सिक्किम (99.34 फीसदी) सबसे आगे हैं। गुजरात में 78.46 फीसदी, हिमाचल प्रदेश में 56.27 फीसदी, हरियाणा में 53.74 फीसदी और पंजाब में 53.28 फीसदी घरों तक नल से पेयजल पहुंच रहा है। उत्तराखंउ में 71.93 लाख ग्रामीण आबादी में से 53 लाख आबादी को, झारखंड में 2.73 करोड़ ग्रामीण आबादी में से 69 लाख लोगों को ही नल से जल की उपलब्धता है।
हर व्यक्ति को 55 लीटर पानी
‘जलजीवन मिशन’ को पांच साल में पूरा किया जाना है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में हर घर को नल से जल की आपूर्ति करना है। इसमें हर रोज तीन घंटे पानी प्रदान करना है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर पानी उपलब्ध कराया जा सके। हालांकि, कुछ राज्यों ने इससे भी ज्यादा पानी उपलब्ध कराने की बात कही है। इसमें तेलंगाना ने अपने ‘मिशन भागीरथ’ के तहत रोज 100 लीटर पानी की उपलब्धता का लक्ष्य रखा है।
साल दर साल बढ़ेगी परियोजना
साल 2019-20 में 36 हजार करोड़ से इसे 30 फीसदी घरों तक 5.36 करोड़ कनेक्शन दिए जाएंगे। 2020-21 तक 60 हजार करोड़ से 45 फीसदी घरों को कवर कर आठ करोड़ कनेक्शन कर दिए जाने हैं। 2021-22 में एक लाख करोड़ जारी कर 12.51 करोड़ कनेक्शन कर 70 फीसदी घरों तक पहुंच बनाई जाएगी। 2022-23 में 84 हजार करोड़ व 2023-24 में अस्सी हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। 15.19 करोड़ व 17.87 करोड़ कनेक्शन देकर शत प्रतिशत कवरेज होगा।
चार स्तरीय संरचना
‘जलजीवन मिशन’ के लिए चार स्तरीय संरचना बनाई गई है। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय जल जीवन, राज्य पर राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, जिला स्तर पर जिला जल एवं स्वच्छता मिशन और ग्राम पंचायत स्तर पर पानी समिति व ग्राम जल स्वच्छता समिति।
राज्यों को मद्द
केंद्र शासित राज्यों को शत प्रतिशत, हिमालयी व पूर्वोत्तर राज्यों को 90ः10 और अन्य राज्यों को 50ः50 के अनुपात में राशि मुहैया होगी। पांच साल में 3.60 लाख करोड़ राशि की व्यवस्था की गई है, जिसमें केंद्र दो लाख आठ हजार 652 करोड़ रुपये देगी।
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