जल एक संवेदी तत्व है जिसमें खुद में प्राण होता है और संवेदना होती है अतः अगर हम जल का अपमान करते हैं तो जल हमारा अपमान करेगा और अगर हम जल का सम्मान करते हैं तो जल हमारा सम्मान करेगा। अपने वक्तव्य में जिला एचआरडी सलाहकार नवीन कुमार सारस्वत ने कहा कि दूषित जल पीने से कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है और स्वास्थ्य को खतरा होता है। बीकानेर, 21 फरवरी, जल जागरूकता सप्ताह के तहत आज बीकानेर जिले के खाजूवाला ब्लाॅक के जाट धर्मशाला में ब्लाॅक स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपखण्ड अधिकारी खाजूवाला मदनलाल सियाग ने कहा कि परंपरागत जल स्रोतों का जब तक संरक्षण नहीं होगा और बरसात की बूंद-बूंद को सहेजा नहीं जाएगा तब तक जल संकट से नहीं उबरा जा सकता है।
सियाग ने कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति नागरिक दायित्व के बोध को भूल गया है और जब तक प्रत्येक व्यक्ति में नागरिक दायित्व का बोध नहीं होगा और सरकारी अधिकारी में अपने कार्य के प्रति दायित्व का बोध नहीं होगा तब तक जल की बचत व संरक्षण के कार्यक्रम को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता है। सियाग ने उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति से चर्चा करें व इस मूद्दे पर गहन चिंतन करें कि वर्तमान में हम जल संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व पंचायत समिति सदस्य रघुवीर सिंह ताखर ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों के उन साधनों को अपनाना चाहिए जिनके द्वारा वे जल का संरक्षण करते थे और जल के महत्व को समझते थे। इस अवसर पर अपना संबोधन देते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के जिला आईईसी सलाहकार श्याम नारायण रंगा ने कहा कि हमें जल के प्रति संवेदना रखनी होगी और जल के प्रति अपनत्व का भाव रखना होगा।
रंगा ने कहा कि जल एक संवेदी तत्व है जिसमें खुद में प्राण होता है और संवेदना होती है अतः अगर हम जल का अपमान करते हैं तो जल हमारा अपमान करेगा और अगर हम जल का सम्मान करते हैं तो जल हमारा सम्मान करेगा। अपने वक्तव्य में जिला एचआरडी सलाहकार नवीन कुमार सारस्वत ने कहा कि दूषित जल पीने से कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है और स्वास्थ्य को खतरा होता है। सारस्वत ने कहा कि हमें साफ व स्वच्छ पेयजल पीना चाहिए।
इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता श्री प्रहलाद गोदारा ने कहा कि हमारे यहां जल की कमी नहीं है और विभाग समस्त ब्लाॅक में साफ व पीने योग्य पानी की सप्लाई करता है। लोगों को चाहिए कि वे जल का उचित व वैध तरीके से प्रयोग करे और जल के महत्व को समझते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियंता श्री आलोक गुप्ता ने कहा कि जल मानव जीवन की आवश्यकता है और जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
इस अवसर पर ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी रामकिशोर मीणा, खाजूवाला ब्लाॅक के बाल विकास अधिकारी सत्यप्रकाश शुक्ला, वार्ड पंच घासीराम रैगर, वार्ड नम्बर दो के गंगाराम जाट, समाजसेवी पतराम जाट, राजेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग के ताराचंद गोदारा सहित पत्रकार, समाजसेवी व ब्लाॅक के प्रमुख व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यशाला का संचालन श्यामनारायण रंगा ने किया और सभी आगुंतकों का स्वागत व आभार सहायक अभियंता श्री प्रहलाद गोदारा ने किया।
सियाग ने कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति नागरिक दायित्व के बोध को भूल गया है और जब तक प्रत्येक व्यक्ति में नागरिक दायित्व का बोध नहीं होगा और सरकारी अधिकारी में अपने कार्य के प्रति दायित्व का बोध नहीं होगा तब तक जल की बचत व संरक्षण के कार्यक्रम को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता है। सियाग ने उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति से चर्चा करें व इस मूद्दे पर गहन चिंतन करें कि वर्तमान में हम जल संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व पंचायत समिति सदस्य रघुवीर सिंह ताखर ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों के उन साधनों को अपनाना चाहिए जिनके द्वारा वे जल का संरक्षण करते थे और जल के महत्व को समझते थे। इस अवसर पर अपना संबोधन देते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के जिला आईईसी सलाहकार श्याम नारायण रंगा ने कहा कि हमें जल के प्रति संवेदना रखनी होगी और जल के प्रति अपनत्व का भाव रखना होगा।
रंगा ने कहा कि जल एक संवेदी तत्व है जिसमें खुद में प्राण होता है और संवेदना होती है अतः अगर हम जल का अपमान करते हैं तो जल हमारा अपमान करेगा और अगर हम जल का सम्मान करते हैं तो जल हमारा सम्मान करेगा। अपने वक्तव्य में जिला एचआरडी सलाहकार नवीन कुमार सारस्वत ने कहा कि दूषित जल पीने से कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है और स्वास्थ्य को खतरा होता है। सारस्वत ने कहा कि हमें साफ व स्वच्छ पेयजल पीना चाहिए।
इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता श्री प्रहलाद गोदारा ने कहा कि हमारे यहां जल की कमी नहीं है और विभाग समस्त ब्लाॅक में साफ व पीने योग्य पानी की सप्लाई करता है। लोगों को चाहिए कि वे जल का उचित व वैध तरीके से प्रयोग करे और जल के महत्व को समझते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियंता श्री आलोक गुप्ता ने कहा कि जल मानव जीवन की आवश्यकता है और जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है।
इस अवसर पर ब्लाॅक शिक्षा अधिकारी रामकिशोर मीणा, खाजूवाला ब्लाॅक के बाल विकास अधिकारी सत्यप्रकाश शुक्ला, वार्ड पंच घासीराम रैगर, वार्ड नम्बर दो के गंगाराम जाट, समाजसेवी पतराम जाट, राजेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग के ताराचंद गोदारा सहित पत्रकार, समाजसेवी व ब्लाॅक के प्रमुख व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यशाला का संचालन श्यामनारायण रंगा ने किया और सभी आगुंतकों का स्वागत व आभार सहायक अभियंता श्री प्रहलाद गोदारा ने किया।
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