जल, भूमि व पर्यावरण प्रबंध हेतु उपयोगी आंकड़ों, सूचनाओं व मानचित्रों का थालावार (Basin Wise) नियमित प्रकाशन : एक सामयिक आवश्यकता

इस लेख में जल, भूमि व पर्यावरण प्रबंध क्षेत्र में विचाराधीन व प्रगतिगत कार्यक्रमों को एक ठोस दिशा प्रदान करने के आशय से निम्न सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं:

(1) प्रदेश की भौगोलिक स्थिति व प्रबंध व्यवस्था के अधिकतर पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश-क्षेत्र को छोटे-छोटे बेसिन में बांटा जाना चाहिए। बांटे गए प्रत्येक बेसिन क्षेत्र में एकीकृत रूप से सर्वेक्षण, आंकड़े एकत्र करने, मानचित्रण, कार्यक्रमों का संचालन, नियंत्रण व मूल्यांकन करने से अनेक वर्तमान समस्याओं का समाधान हो सकता है।
(2) क्षेत्रीय इकाइयों के सभी मानचित्र, वर्ष भर के पुनरीक्षित आंकड़े व सूचनाएं, लागू की गई प्रबंध-व्यवस्थाएं व उनकी उपलब्धियां प्रत्येक वर्ष के अन्त में सभी संबंधित वर्गों, संस्थाओं के सूचनार्थ, समीक्षार्थ व निर्णयों के पुनरीक्षण के आशय से प्रकाशित किया जाना चाहिए।
(3) इस बात की भी आवश्यकता है कि स्वचालित यंत्रों से जुड़े कम्प्यूटर आधारित एक सुदृढ़ डाटा-बेस में नवीनतम आंकड़े नेटवर्किंग द्वारा प्रयोक्ता संस्थाओं को कम्प्यूटर टर्मिनल पर उपलब्ध रहे ताकि मॉडलिंग व सिमुलेशन तकनीक द्वारा प्रबंध निर्णय व उनके परिणामों का आंकलन सुगमता से हो सके।

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