प्रस्तावना
किसी भी स्मार्ट सिटी के लिए संस्थागत आधारभूत संरचना, भौतिक आधारभूत संरचना, सामाजिक आधारभूत संरचना तथा आर्थिक आधारभूत संरचना मुख्यरूप के चार बुनियादी स्तंभ होते हैं जिन पर एक स्मार्ट सिटी टिकी होती है अर्थात् उसका विकास संभव होता है। संस्थागत आधारभूत संरचना में उन गतिविधियों को प्रकट करते हैं जो कि शहरी क्षेत्रों के शासन एवं प्रबंधन से संबंधित होती हैं। जयपुर स्मार्ट सिटी में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने इस प्रणाली को अधिक कुशल, पारदर्शी व जवबदेह बना दिया है। इसके अन्तर्गत सहभागी शासन, ई-शासन तथा समावेशी शासन आते हैं। भौतिक आधारभूत संरचना में स्मार्ट सिटी के भौतिक बुनियादी ढांचे को प्रदर्शित किया जाता है। जिसके अन्तर्गत जयपुर में शहरी गतिशीलता, परिवहन, ऊर्जा प्रणाली, जल आपूर्ति तंत्र, सीवरेज व्यवस्था, जल निकासी व्यवस्था, स्वच्छता सुविधाएं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि में प्रौद्योगिकी एवं नवीन तकनीकी का प्रयोग कर सुव्यवस्थित व एकीकृत विकास किया जा रहा है।
आर्थिक आधारभूत संरचना में जयपुर स्मार्ट सिटी के आर्थिक परिवेश व संगठन को प्रकट किया जाता है। इसमें आर्थिक अवसर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश, बँकिंग, उद्योग, रोजगार, उत्पादन क्षमता. लाभ, एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों को सम्मिलित किया जाता है। सामाजिक आधारभूत संरचना में जयपुर स्मार्ट सिटी की मानवीय एवं सामाजिक पूंजी के विकास को शामिल करते हैं। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, खेल, बच्चों के पार्क, उद्यान व खुले स्थान आदि को सम्मिलित किया गया है। जयपुर शहर में ऐसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं जिनसे वंचित वर्गों अर्थात् एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों, विकलांगों व महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में लाने में सहयोग प्राप्त हो सके ।
अध्ययन क्षेत्र
जयपुर शहर प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी भाग में अरावली पर्वतश्रंखला की तलहटी में स्थित है। यह शहर 26°46 से 27401 उत्तरी अक्षांशों तथा 75°37 से 76°57' पूर्वी देशान्तरों के मध्य अवस्थित है। इस नगर की समुद्र तल से औसत ऊंचाई 425 मीटर है। यह शहर परिवहन के मामले में उच्च स्तर रखता है जो कि रेल, सडक, मेट्रो एवं ववायुमार्गों से देश-विदेशों से जुड़ा हुआ है। यह उत्तर पूर्व में प्रदेश की राजधानी दिल्ली से 308 किमी. पूर्व में आगरा शहर से 242 किमी. पश्चिम में अजमेर से 136 किमी.एवं दक्षिण में कोटा से 250 किमी. दूरी पर स्थित है। सड़क मार्गों में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 दिल्ली-मुम्बई, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 आगरा-बीकानेर जयपुर शहर से होकर ही गुजरते हैं। इनके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 जयपुर कोटा, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 248 जयपुर चन्दवाजी को जोड़ते हैं। राज्य राजमार्ग, जिला स्तरीय सड़क मार्ग, ग्रामीण सड़क मार्ग आदि भी जयपुर को अनेक दूसरे शहरों व कस्बों से जोड़ते हैं। किसी भी क्षेत्र के भौतिक स्वरूप के द्वारा क्षेत्रीय विभिन्नता अथवा विषमता को प्रदर्शित किया जाता है।
उद्देश्य
1.जयपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट आधारभूत बुनियादी स्तंभों का अध्ययन करना।
2 जयपुर शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित स्मार्ट सुविधाओं का अध्ययन करना।
परिकल्पना
1. जयपुर शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित किये गए स्मार्ट आधारभूत बुनियादी स्तंभों से शहर में स्मार्ट सुविधाओं का तीव्र विकास हुआ है।
शोध विधि
उक्त अध्ययन में उद्देश्यों एवं परिकल्पनाओं को ध्यान में रखते हुए विषय पर उपलब्ध साहित्य से सम्बन्धित पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं, प्रतिवेदनों का अध्ययन किया गया है। अध्ययन क्षेत्र की सूचनाएँ सरकारी कार्यालयों से एकत्रित करके विश्लेषित की गयी हैं। प्रस्तुत शोध अध्ययन हेतु सामग्री तथा आंकड़ों का एकत्रीकरण निम्नलिखित स्रोतों से किया गया है।
- प्राथमिक स्रोत इस सम्बन्ध में अनुसूची प्रश्नावली कार्यकरण तथा परिचर्चा के बारे में व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से उपयोग किया गया है।
- द्वितीय स्रोत इस सम्बन्ध में प्रकाशित व अप्रकाशित सामग्री, पत्र-पत्रिकाओं लेखों, कार्यालयों की सूचनाओं का उपयोग किया गया है।
स्मार्ट सिटी के बुनियादी स्तंभ
जयपुर स्मार्ट सिटी के लिए संस्थागत आधारभूत संरचना, भौतिक आधारभूत संरचना, सामाजिक आधारभूत संरचना तथा आर्थिक आधारभूत संरचना मुख्यरूप के चार बुनियादी स्तंभ हैं।
1. संस्थागत आधारभूत संरचना
यह स्तंभ उन गतिविधियों को प्रकट करते हैं जो कि शहरी क्षेत्रों के शासन एवं प्रबंधन से संबंधित होती हैं। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने इस प्रणाली को अधिक कुशल, पारदर्शी व जबाबदेह बना दिया है। इसके अन्तर्गत सहभागी शासन. ई-शासन तथा समावेशी शासन आते हैं।
2. भौतिक आधारभूत संरचना
जयपुर स्मार्ट सिटी का यह स्तंभ भौतिक बुनियादी ढ़ाचे को प्रदर्शित करता है। जिसके अन्तर्गत शहरी गतिशीलता, परिवहन ऊर्जा प्रणाली, जल आपूर्ति तंत्र, सीवरेज व्यवस्था, जल निकासी व्यवस्था, स्वच्छता सुविधाएं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि में प्रौद्योगिकी एवं नवीन तकनीकी का प्रयोग कर सुव्यवस्थित व एकीकृत विकास किया जाता है।
3. आर्थिक आधारभूत संरचना
आर्थिक आधारभूत संरचना जयपुर स्मार्ट सिटी के आर्थिक परिवेश व संगठन को प्रकट करती है। इसमें आर्थिक अवसर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश, बैंकिंग, उद्योग, रोजगार, उत्पादन क्षमता, लाभ, एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों को सम्मिलित किया जाता है।
4. सामाजिक आधारभूत संरचना
सामाजिक आधारभूत संरचना जयपुर स्मार्ट सिटी में मानवीय एवं सामाजिक पूंजी के विकास से संबंधित है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, खेल, बच्चों के पार्क, उद्यान व खुले स्थान आदि को सम्मिलित किया जाता है। शहर में ऐसी सुविधाएं विकसित की जाएं जिनसे वंचित वर्गों अर्थात् एससी,एसटी, अल्पसंख्यकों, विकलांगों व महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में लाने में सहयोग प्राप्त हो सके।
आधारभूत संरचनाओं के अन्तर्गत गतिविधियों व सेवाएँ जयपुर स्मार्ट सिटी विभिन्न आधारभूत संरचनाओं के अन्तर्गत अनेक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं जो कि शहर के विकास में अपना अहम योगदान दे रही हैं। ये निम्न प्रकार हैं-
1. बेहतर आवास
पिछली कुछ समय में जयपुर शहर के आवासीय क्षेत्र में अनेक परिवर्तन हुए हैं, रिहायशी विकास जो कि पूर्व में केन्द्रोन्मुखी शक्ति से प्रभावित था, धीरे-धीरे चारदीवारी के बाहर फैलता हुआ वर्तमान समय में अनेक नयी नियोजित कॉलोनियों में प्रतिस्थापित हो गया है। इनमें बनी पार्क, न्यू कालोनी, आदर्श नगर, तिलक नगर, गाँधी नगर, बापू नगर, बजाज नगर, राजा पार्क, सी स्कीम, जालपुरा, मालवीय नगर, जगतपुरा, वैशाली नगर, मुरलीपुरा, प्रतापनगर, विद्याधर नगर आदि कॉलोनी उल्लेखनीय हैं। शहर में आवास हेतु बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. शहर का क्षितिज विकास के साथ-साथ उर्ध्वाधर विकास भी हो रहा है अर्थात् अनेक बहुमंजिला ईमारतें बन चुकी हैं। सरकार द्वारा लॉटरी सिस्टम अपना कर प्लॉट आवंटन कर अनेक आवासीय योजनाऐं विकसित की जा रही है जिनमें कम दर पर आवास उपलब्ध होता है।
2. परिवहन
शहर में सिटी बस सेवा विकसित रूप में है, शहर के प्रत्येक भाग में इनका संचालन होता है, यहाँ वातानुकूलित बसों का भी संचालन किया जा रहा है। इनके अतिरिक्त निजि बस सेवा भी शहर में काफी पुराने समय से उपयोग में ली जा रही हैं। ऑटो, रिक्शा, बैटरी रिक्शा शहर में आंतरिक परिवहन में विशेष योगदान दे रहे हैं। ओला व उबर मुख्यरूप से दो ऑनलाईन बुकिंग एप्लीकेशन हैं जो कि जयपुर शहर में कार बाईक व ऑटो उपलब्ध करवाती हैं। शहर में मैट्रो सेवा बड़ी चौपड़ से मानसरोवर तक संचालित है एवं अन्य रूट पर अभी विकास कार्य जारी है।
3. जयपुर रिंग रोड़ परियोजना
जयपुर स्मार्ट सिटी के चारों तरफ रिंग रोड़ का निर्माण किया जा रहा है जो कि शहर पर सघन यातायात के प्रभाव एवं अभिगम्यता को नियंत्रित करने में एक कारगर कदम है। रिंग रोड़ से शहर से निकलने वाले विभिन्न राष्ट्रीय राज्यीय व मुख्य मार्ग आपस में जुड़ हुए हैं जिस से भारी वाहनों एवं अन्य क्षेत्रों की ओर जाने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश किए बिना ही मार्ग उपलब्ध हो जाता है रिंग रोड पर विभिन्न औद्योगिक ईकाईयाँ एवं उच्च वर्ग के लोगों के आवास स्थित हैं। रिंग रोड़ परियोजना का क्रियान्वयन विभिन्न चरणों के तहत किया जा रहा है।
4. जलापूर्ति
जयपुर स्मार्ट सिटी में चौबीस घण्टे पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है, यहाँ की अधिकतर कॉलोनी में जल की आपूर्ति लगभग दो से तीन घण्टे ही होती है। शहर के लिए पानी सप्लाई मुख्यरूप से बीसलपुर बाँध से की जाती है जिसकी मात्रा 480 एम.एल.डी. (मिलियन लीटर प्रति दिन) है। इसे अतिरिक्त बोरवेल, नलकूप, हैण्डपम्प आदि भी शहर में जल प्राप्ति के स्त्रोत हैं। सरकारी एवं निजि टैंकरों से भी आवश्यकता पड़ने पर पेयजल आपूर्ति की जाती है। शहर में जगह-जगह पर आरओ प्लांट स्थित हैं जिनसे बड़ी बोतलों व कैम्परों में पानी भर कर सप्लाई किया जाता है। शहरी क्षेत्र में बढ़ती आबादी के लिए पानी की बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन द्वारा न्यूनतम पानी की मात्रा प्रति व्यक्ति प्रति दिन निर्धारित की गयी है। जल की इस सीमित मात्रा का उपयोग पीने, रसोई, स्नान, कपड़ा धोने, फर्श व वाहन धोने एवं बागवानी में किया जाना चाहिए।
5. विद्युत एवं ईंधन आपूर्ति
जयपुर स्मार्ट सिटी में बिजली की आपूर्ति नियमित और सुचारू अवस्था में पायी जाती है, शहर में यह आपूर्ति 24 घण्टे लगातार होती है ताकि विभिन्न उद्योगों व अस्पतालों में सेवाऐं बाधित ना हों जयपुर में अधिकतर क्षेत्रों में बिजली के तारों को भूमिगत कर दिया गया है बाकि का कार्य जारी है। बिजली की लाइन में कोई फॉल्ट आ जाने, मरम्मत कार्य, नवीन सप्लाई लाईन डालने या देश-प्रदेश में इसकी किल्लत की स्थिति में ही कभी-कभी यह आपूर्ति बाधित रहती है। शहर में रोड़ लाईटों की व्यापक व्यवस्था है। सोलर पैनलों के माध्यम से शहर में विद्युत आपूर्ति के विकल्प तैयार किए जा रहे हैं। जयपुर स्मार्ट सिटी में ईंधन के रूप में प्रमुख रूप से एल.पी.जी. गैस आपूर्ति पर निर्भरता है।
6. जल निकासी एवं सीवरेज की व्यवस्था
जयपुर स्मार्ट सिटी में वर्तमान समय में जल निकासी के लिए प्रमुख नाला अमानीशाह नाला है जो कि उद्गम नाहरगढ़ पहाड़ियों से निकलता है। यह नाला एक धारा के रूप में साल भर लगातार धीरे-धीरे प्रवाहित होता जिसमें शहर का गन्दा पानी मिलता रहता है। अमानीशाह नाले को वर्तमान में पक्का कर दिया गया है। महानगर में दो अन्य नाले शहर की दक्षिणी व पश्चिमी दिशाओं से बहते हुए अमानीशाह नाले में आकर मिल जाते हैं। साथ ही दो अन्य नाले उत्तर से पूर्वी दिशा में बहते हुए मानसागर झील में अपना पानी डालते हैं। शहर की दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित होने वाला एक गन्दा नाला जो कि जयपुर का सबसे बड़ा नाला है एवं यह शहर की दक्षिणी चार दीवारी में प्रवाहित होता है एवं जिसे सामान्यतः धनवन्तरी नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह नाला सी-स्कीम एवं सिविल लाईन्स में बहता हुआ अन्त में अमानी शाह नाले में जा कर मिल जाता है।
7. कचरा निपटान की व्यवस्था
नगरों में जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ एक भारी मात्रा में कचरा निष्कासित होता है एवं यदि इसका प्रबंधन नहीं किया जाए तो यहाँ गंदगी में अत्यधिक वृद्धि होती है जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो जाती हैं। जयपुर शहर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरा एकत्रीकरण का कार्य घर-घर से किया जाता है अर्थात् प्रत्येक कॉलोनी व घर के द्वार गाडी जाती है, वह गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करती है। उसके पश्चात् कचरे की निपटान की समुचित व्यवस्था की जाती है। कचरे की निपटान की तकनीक के रूप में लैंडफिल तकनीक का प्रयोग किया जाता है इसमें बड़े व गहरे गड्ढे खोदे जाते हैं फिर उनमें कचरा डाल कर ढक दिया जाता है। कचरे के निपटान की दूसरी तकनीक भस्मीकरण है जिसमें कचरे का दहन किया जाता है जो कि उच्च तापमान पर किया जाता है। कचरे के निपटान की एक प्रमुख तकनीक पुनर्चक्रण है इसके अन्तर्गत मूल्यवान चीजों को कचरे से निकाल लिया जाता है। तत्पश्चात् उनका पुनर्चक्रण किया जाता है। कचरे के निपटान के फलस्वरूप बायोगैस के रूप में ऊर्जा प्राप्त की जाती है।
8. सुरक्षा व्यवस्था
नगरीय क्षेत्रों में भौतिकतावादी संस्कृति का प्रसार तीव्र गति से हो रहा है जिस कारण से शहरों में लोग पश्चिमी संस्कृति की चमक-दमक के आँख बंद करके अनुयायी बनते जा रहे हैं। समाज के आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न व गरीब दोनों वर्गों के लोग भिन्न-भिन्न रूप में अपराधों के लिए उत्तरदायी हैं। अतः लोगों में बढ़ता हुआ भौतिकतावाद, उपभोक्तावाद, आपसी प्रतिस्पर्धा, स्वार्थ की प्रवृति, विलासिता, सामाजिक-आर्थिक विषमताएं लगातार बढ़ती हुई बेरोजगारी एवं अकेलेपन की भावना आदि के कारण आपराधिक कार्य कर जाते हैं। शहरी क्षेत्रों में अपराधियों को विभिन्न राजनेता, नौकरशाह व शहर के कुलीन वर्ग के लोग अपने अनुचित लाभ के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं।
9. बैंकिंग
जयपुर शहर में बैंकिग की व्यवस्था संतोषप्रद स्थिति में है यहाँ लगभग सभी सरकारी बैंकों की ब्रांच स्थित हैं सबसे अधिक विस्तृत सेवाएँ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बडौदा, पंजाब नेशनल बैंक आदि प्रदान कर रहे हैं जिनकी शाखाएं शहर लगभग हर कोने में हैं। इनके अलावा यूको आईसीआईसीआई एच.डी.एफ.सी. आदि अन्य बैंक भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन बैंकों में लोग अपना पैसा सुरक्षित रखते हैं, इनमें लॉकर की सुविधा भी उपल्ध रहती है। बैंकों से विभिन्न प्रकार के ऋण प्राप्त किए जाते हैं जिनमें होम लोन, पर्सनल लोन स्टेडी लोन आदि आते हैं।
10. निवेश
जयपुर शहर में निवेश के अनेक अवसर हैं यहाँ एक बडी संख्या में जनसंख्या है जिसकी अनगिनत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शहर में अनेक आर्थिक गतिविधियाँ संचालित हैं। जिनके लिए सरकारी व निजि निवेश की अत्यधिक आवश्यकता है। जयपुर सिटी में वर्तमान में अनेक कंपनियां निवेश कर रही हैं जिससे शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है. अनेक आवासीय एवं व्यापारिक महत्व की बहुमंजिला ईमारतों का निर्माण किया गया है। क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु निवेश किया जा रहा है। विभिन्न उद्योगों, शिक्षा, स्वास्थ्य मनोरंजन, सोफ्टवेयर, हार्डवेयर, सूचना प्रौद्योगिकी आदि में निवेश बढ़ा है।
11. रोजगार
जयपुर शहर में शिक्षित-अशिक्षित, प्रशिक्षित अप्रशिक्षित सभी प्रकार के लोगों के लिए रोजगार के अनेक अवसर विद्यमान हैं। विनिर्माण, व्यापार, सूचना प्रौद्योगिकी, इंजिनियरिंग, होटल, रेस्टोरेन्ट, पर्यटन, हीरे-जवाहरात के आभूषण, कपड़ा उद्योग, चमड़ा उद्योग, केमिकल व मेडिसिन उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य परिवहन, सोफ्टवेयर, हार्डवेयर खाद्य प्रसंस्करण आदि अनेक प्रकार के कार्य हैं जिनमें स्मार्ट सिटी के लोग कार्यरत हैं। जयपुर में लगातार रोजगार की संभावनाओं हेतु विभिन्न क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है।
12. व्यापार
जयपुर स्मार्ट सिटी में कई व्यापारिक क्षेत्र ऐसे अवस्थित हैं जिनका महत्व प्राचीन समय से ही है एवं इनका जमाव पुरानी सिटी अर्थात् चारदिवारी की सड़कों व कटरों में मिलता है। जिनको 5 उप क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है जो कि जौहरी बाजार क्षेत्र, बापू बाजार-नेहरू बाजार क्षेत्र, चाँदपोल बाजार-त्रिपोलिया बाजार-रामगंज-चौड़ा रास्ता क्षेत्र किशनपोल से गणगौरी बाजार क्षेत्र तथा घाट गेट से मिर्जा इस्माइल रोड पर फैला हुआ क्षेत्र हैं। वर्तमान में जयपुर स्मार्ट सिटी में व्यापारिक गतिविधियाँ सम्पूर्ण शहर में संचालित की जा रही हैं क्योंकि ये गतिविधियां बहुमंजिला ईमारतों में प्रतिस्थापित होती जा रही हैं जैसे मालवीय नगर के गौरव टावर क्षेत्र, वर्ल्ड ट्रेड पार्क आदि ।
13. औद्योगिक विकास
जयपुर स्मार्ट सिटी में उद्योगों का जमाव मुख्यरूप से शहर की सीमाओं पर सड़कों व रेल्वे मार्गों के समीप मिलता है। स्वतन्त्रता से पूर्व यहाँ उद्योगों की स्थिति लगभग न के बराबर थी लेकिन स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् नगर में अनेक प्रकार के उद्योगों की स्थापना होती चली गयी तथा जयपुर राजस्थान का एक प्रमुख औद्योगिक नगर बन गया। प्रारम्भ में यहाँ सिर्फ केन्द्रीय रेल्वे स्टेशन के चारों तरफ ही उद्योगों की स्थापना की गयी थी क्योंकि रेल्वे मार्गों के माध्यम से कच्चे माल व तैयार माल के आयात व निर्यात क्षेत्रों से जोड़ा गया यहाँ इंजीनियरिंग वर्कशॉप, स्पिनिंग एवं वीविंग मिल, धातु एवं बिजली उपकरणों जैसे बृहत् उद्योग स्थापित है
14. उत्तम शिक्षा व्यवस्था
जयपुर स्मार्ट सिटी पूर्व में विकसित शिक्षा क्षेत्र उसकी चारदीवारी से लगभग पांच किमी. की दूरी में जे.एल.एन मार्ग के सहारे फैला हुआ है। यहाँ पर राजस्थान विश्वविद्यालय राजस्थान कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज, पोद्दार मेनेजमेंट कॉलेज, पोद्दार सरकारी कॉलेज, पोद्दार सरकारी स्कूल ऑफीसर्स ट्रेनिंग स्कूल, गूंगे व बहरों का स्कूल स्थित हैं। अजमेरी गेट के निकट महाराजा कॉलेज व महारानी कॉलेज स्थित हैं। इन शिक्षा संस्थानों के अलावा यहाँ पर संग्रहालय, रवीन्द्र मंच थियेटर, जयपुर का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह अस्पताल भी स्थापित है। इस अस्पताल के सामने मेडिकल कॉलेज स्थित है। शहर में सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज, डेन्टल कॉलेज, होम्योपैथी कॉलेज, प्राकृतिक चिकित्सालय आदि स्थित हैं।
15. पर्यटन
जयपुर स्मार्ट सिटी में नए जमाने में पुरानी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है यह गुलाबी शहर के नाम से विश्व प्रसिद्ध हैं। जयपुर अपनी रंगीन संस्कृति, किलों, महलों, मंदिरों, झीलों व बसावट के लिए जाना जाता है। जयपुर को काफी नियोजित तरीके से बसाया गया है। यहाँ के बाजारों के बरामदों में सजी दुकाने बेहद आकर्षक लगती हैं। गुलाबी रंग के महलों और घरों के कारण जयपुर को गुलाबी शहर कहा जाता है। जयपुर में बहुत सारे पर्यटन स्थल मौजूद हैं, यहां देश विदेश से बड़ी तादाद में सैलानी आते है इन सैलानियों को यहां की सभ्यता संस्कृति बहुत पसंद आती है। विभिन्न पर्यटन स्थलों में सिटी पैलेस, हवा महल, जल महल, जंतर मंतर, आमेर किला, जयगढ किला, नाहरगढ़ किला, बायोलोजिकल पार्क, गोविन्द देवजी मंदिर खोले के हनुमान जी मंदिर, बिरला मंदिर, राम निवास बाग, सिसोदिया रानी का बाग, सेन्ट्रल म्यूजियम, जौहरी बाजार, किशनपोल बाजार, सुभाष चौक, बापू और नेहरू बाजार आदि पर्यटन स्थल है।
निष्कर्ष जयपुर स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत चारों बुनियादी स्तंभों संस्थागत आधारभूत संरचना, भौतिक आधारभूत संरचना, सामाजिक आधारभूत संरचना तथा आर्थिक आधारभूत संरचना के सुदृढिकरण के क्षेत्र में कार्य किए गए हैं जिनके तहत बेहतर आवास, परिवहन, जयपुर रिंग रोड़ परियोजना, जलापूर्ति विद्युत एवं ईंधन आपूर्ति, जल निकासी एवं सीवरेज की व्यवस्था, कचरा निपटान की व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, बैंकिंग, निवेश, रोजगार, व्यापार, औद्योगिक विकास, उत्तम शिक्षा व्यवस्था पर्यटन आदि सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है ताकि जयपुर स्मार्ट सिटी को वास्तविक मायनों में स्मार्ट सुख-सुविधाओं युक्त बनाया जा सके।
सन्दर्भ
1. चटर्जी उदय, बिस्वास अरिंदम मुखर्जी जेनिया, मजूमदार सुशोभन ( 2022 ) एडवान्सेस इन अरबनिरम, स्मार्ट सिटीज एण्ड सस्टेनेबिलिटी" सी.आर.सी प्रेस टेलर एण्ड फ्रांसिस ग्रुप फ्लोरिडा ।
2. मिश्रा आर. के. कुमारी लक्ष्मी चाचरा संदीप, जानकी कृष्णा पी एस (2022), स्मार्ट सिटीज फॉर सस्टेनेबल डवलपमेन्ट' स्प्रिंगर वरलेग, सिंगापुर।
3. सक्सेना, हरिमोहन (2021) राजस्थान का भूगोल, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, राजस्थान सरकार ।
4. कुमार अशोक प्रकाश पूनम व संजीव (2020) "सिटी प्लानिंग इन इण्डिया 1947 से 2017 रॉटलेज प्रकाशन, नई दिल्ली।
5. अनिल कुमार पी.पी. (2019 ) इन्ट्रोडक्शन टू स्मार्ट सिटीज पीयरसन इंडिया प्रकाशन, चेन्नई
6. जिला साख्यिकी रूपरेखा, जयपुर जिला- 2019
लेखक परिचय :- प्रो. धर्मेन्द्र सिंह चौहान विभागाध्यक्ष, शिक्षा विभाग एवं पूर्व विभागाध्यक्ष, भूगोल शास्त्र विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान, भारत श्वेता गुप्ता, शोधार्थी भूगोल शास्त्र विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान, भारत
स्रोत:- इंटरनेशनल जर्नल ऑफ जियोग्राफी एंड एनवायरनमेंट
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