खतरनाक स्तर तक नीचे आ चुके ग्राउंड वाटर का असर अब दिल्ली के तालाब पर भी पड़ने लगा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की पचास फीसदी से ज्यादा तालाब, ताल-तलैया पूरी तरह से सूख गए हैं और जो बाकी बचे हैं उनमें से भी ज्यादातर का पानी जहरीला हो चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी के 527 तालाबों में से 304 तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं जबकि बाकी बचे 223 में पानी तो है लेकिन इनमें से केवल 111 में गुणवत्ता वाला पानी पाया गया है। गुणवत्ता वाला पानी का मतलब वैसा पानी जो जलीय जीव-जंतु व मछलियों के लिहाज से ठीक हो। नियंत्रण बोर्ड की दो साल की रिपोर्ट पर गौर करें तो सूख चुके तालाबों व दूषित पानी वाले तालाबों की संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2008-09 में जहां 104 तालाब सूखे पाये गए थे वहीं 2011-12 में यह संख्या बढ़कर 304 तक पहुंच गई थी। इसके अलावा वर्ष 2008-09 में केवल 34 तालाब ही ऐसे पाये गए जिसका पानी जलीय जीव जंतु के लिहाज से ठीक था जबकि 44 तालाबों का पानी काफी दूषित पाया गया। इसी तरह वर्ष 2011-12 में तो केवल 13 तालाबों का ही पानी ठीक पाया गया जबकि 52 तालाबों का पानी जलीय जीव-जंतु के लायक पाया गया। इस बाबत जब बोर्ड के एक सदस्य से पूछा तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसमें दो राय नहीं कि पिछले कुछ सालों में प्रदषण बढ़ा है लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इसे कम करने लिए सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी के दिल्ली रीजन के प्रमुख एडी राव के मुताबिक जिस तरह से ग्राउंड वाटर में लगातार जिस तरह से ग्राउंड वाटर में लगातार गिरावट आ रही है और वह खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा है।
1. 527 राजधानी में कुल तालाबों की संख्या
2. 304 सूख चुके तालाबों की संख्या
3. 223 बाकी बचे में से केवल 111 में गुणवत्ता वाला पानी
4. 2011-12 में 304 तालाब सूखे पाए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी के 527 तालाबों में से 304 तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं जबकि बाकी बचे 223 में पानी तो है लेकिन इनमें से केवल 111 में गुणवत्ता वाला पानी पाया गया है। गुणवत्ता वाला पानी का मतलब वैसा पानी जो जलीय जीव-जंतु व मछलियों के लिहाज से ठीक हो। नियंत्रण बोर्ड की दो साल की रिपोर्ट पर गौर करें तो सूख चुके तालाबों व दूषित पानी वाले तालाबों की संख्या में साल दर साल बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2008-09 में जहां 104 तालाब सूखे पाये गए थे वहीं 2011-12 में यह संख्या बढ़कर 304 तक पहुंच गई थी। इसके अलावा वर्ष 2008-09 में केवल 34 तालाब ही ऐसे पाये गए जिसका पानी जलीय जीव जंतु के लिहाज से ठीक था जबकि 44 तालाबों का पानी काफी दूषित पाया गया। इसी तरह वर्ष 2011-12 में तो केवल 13 तालाबों का ही पानी ठीक पाया गया जबकि 52 तालाबों का पानी जलीय जीव-जंतु के लायक पाया गया। इस बाबत जब बोर्ड के एक सदस्य से पूछा तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसमें दो राय नहीं कि पिछले कुछ सालों में प्रदषण बढ़ा है लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इसे कम करने लिए सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी के दिल्ली रीजन के प्रमुख एडी राव के मुताबिक जिस तरह से ग्राउंड वाटर में लगातार जिस तरह से ग्राउंड वाटर में लगातार गिरावट आ रही है और वह खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा है।
1. 527 राजधानी में कुल तालाबों की संख्या
2. 304 सूख चुके तालाबों की संख्या
3. 223 बाकी बचे में से केवल 111 में गुणवत्ता वाला पानी
4. 2011-12 में 304 तालाब सूखे पाए गए।
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