जी क्राइम/जालंधर/पंजाब। कहते हैं 'जल ही जीवन है', लेकिन पंजाब में अब यही बात हम दावे के साथ नहीं कह सकते, क्योंकि पंज दरियाओं की इस धरती का पानी अब इतना जहरीला हो चुका है कि अगर अब भी हम न चेते तो यह जीवन देने की बजाय, जीवन ले लेगा। इसका कारण है पानी में बढ़ता केमिकल। मालवा के पानी में तो केमिकल पहले ही काफी मात्रा में मिल चुका है और अब दोआबा व माझा में भी पानी प्रदूषित हो चुका है।
पीजीआई के वैज्ञानिकों की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भूमिगत पानी में काफी अधिक मात्रा में हैवी मेटल पाए गए हैं। इनमें कैडमियम व मरकरी खासतौर पर शामिल हैं। इस सबके पीछे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अपने काम में नाकामी बड़ी वजह है। बोर्ड की इंडस्ट्री, विशेषकर इलेक्ट्रोप्लांटिंग की चेकिंग में विफलता का खामियाजा आज प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है और यहां किडनी रोग के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। और तो और इन इलाकों में इस पानी से सिंचाई के बाद पैदा होने वाली सब्जियां भी पैदा होने वाली सब्जियां भी लोगों को किडनी का रोगी बना रही हैं, लेकिन फिर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व स्वास्थ्य विभाग अपनी आंखें मूंदे बैठा है।
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