जब बरखा चित्रा में होय।
सगरी खेती जावै खोय।
भावार्थ- यदि चित्रा नक्षत्र में वर्षा होती है तो सम्पूर्ण खेती नष्ट हो जाती है, इसलिए कहा जाता है कि चित्रा नक्षत्र की वर्षा ठीक नहीं होती।
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