जाको मारा चाहिए, बिन लाठी बिन घाव।
वाको यही बताइए, घुइयाँ पूरी खाव।।
भावार्थ- यदि किसी व्यक्ति को बिना लाठी या बिना हथियार के मारना चाहते हो तो उसे धुइयाँ (अरुई) और पूड़ी खाने की सलाह दो क्योंकि घुइयाँ और पूड़ी स्वास्थ्य के लिए हानिकारिक होती हैं।
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