एक दौर था जब भारत की 70 प्रतिशत आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी थी। भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता था, लेकिन आधुनिक युग के आते ही विकास ने रफ्तार पकड़ी। विकास की इस रफ्तार के पीछे देश का हर वर्ग भी तेजी से चल पड़ा। खेतों के स्थानों पर भवनों और उद्योगों को लगाया गया। जंगलों को तेजी से काटा गया, जो आज भी निरंतर जारी है। उद्योगपतियों ने किसानों को जमीन की मोटी रकम दी तो लालच में किसानों ने लाखों हेक्टेयर जमीन को बेच दिया और जीवनस्तर को बढ़ाकर आरामदायक जीवन जीने लगे। जीवनस्तर में सुधार और लालच का ये दौर आज भी जारी है। नतीजन, लगातार घटते जंगलों और कम होती खेती के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। हमने जमीन से इतना पानी खींच लिया कि भूजल समाप्त होने की कगार पर है। कई राज्य सूखे की चपेट में हैं। भूमि मरुस्थल में तब्दील हो रही है। जिससे खेती करना किसानों के लिए घाटे का सौदा सिद्ध हो रहा है। मौसम में बदलाव के कारण बढ़ते घाटे को देखते हुए किसान खेती-बाडी छोड़ कर रोजगार के अन्य साधनों को अपना रहे हैं, तो कहीं नुकसान के कारण कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन ऐसे समय में कनार्टक के एचआर जयराम हैं, जिन्होंने खेती करने के लिए 34 साल की वकालत छोड़ दी और जैविक खेती कर खुशहाली के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
तीन साल पहले उन्होंने बेंगलरु के मल्लेस्वरम में ग्रीन पार्क ऑर्गेनिक स्टेट लांच किया। उन्होंने इस बंजर भूमि में हरियाली उगाई और इसे सुकृषि ऑर्गेनिक फार्म नाम दिया। जिससे दावा किया जाता है कि यह भारत का सबसे बड़ा जैविक गंतव्य है। जयराम ने अपने फार्म में एक कृत्रिम झील का निर्माण कराने के साथ ही डेयरी फार्म भी बनवाया, जिसके बाद किसानों के लिए यहां रोजगार की संभावनाए पैदा हो गई।
जयराम का जन्म कनार्टक के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके माता-पिता दो अलग-अलग जातियों से थे। उन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर शादी कर ली, जिसका नतीजा ये रहा कि उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया, लेकिन जयराम की माता ने उनकी पढ़ाई पर पूरा जोर दिया। जयराम के पिता किसान थे। उन्होंने अपने पिता की मदद करने के लिए सात साल की उम्र में ही खेती करनी शुरू कर दी। पढ़ाई में काफी होनहार होने के कारण माता-पिता ने उनका दाखिला गांव के बाहर एक स्कूल में करा दिया, लेकिन सामाजिक रूप से बहिष्कार होने के कारण यहां जयराम को काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा। यहां से उनके मन में सामाजिक एकता लाने और परिवार को सामाजिक मान्यता दिलाने की ललक घर कर गई। मार्गदर्शन का काम उनके स्कूल के प्रधानाचार्य ने किया, जो कि जयराम के अंक और पृष्ठभूमि से काफी प्रभावित थे। प्रधानाचार्य ने मुख्यधारा में भविष्य बनाने और जाति को लेकर समस्या का सामना करने वाले लोगों की आवाज बनने की प्रेरणा दी। जिसके बाद जयराम ने पढ़ाई के लिए बेंगलुरु जाने का निर्णय लिया और यहां रेणुकाचार्य काॅलेज में कानून की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया।
उस समय एचआर जयराम की आर्थिक हालत काफी खराब थी। पढ़ाई के लिए सालाना 55 रुपये चाहिए होते थे। उन्होंने जैसे तैसे मैनेज किया और कानून की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्हें वरिष्ठ वकीलों के मार्गदर्शन में उनके साथ कार्य करने का मौका मिला। इस मौके को सच्ची लगन और कर्तव्यनिष्ठा के साथ भुनाया और जल्द ही शहर के अग्रणी वकीलों में उनका नाम शामिल हो गया। यह उनकी मेहनत ही थी, कि जहां एक वक्त पर उन्हे सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा और पढ़ाई के लिए पैसे तक नहीं थे, वहीं उनके नीचे 30 वकील काम करने लगे। उन्होंने अपनी एक लाॅ फर्म भी बना ली। एक बड़े वकील के रूप में प्रतिष्ठा हासिल करने के बाद भी उन्हें इस काम में खुशी नहीं मिलती थी। उन्होंने विभिन्न कार्यों में खुशी ढूंढ़ने का प्रयास किया। इसी बीच बचपन में माता-पिता के साथ खेती-बाडी में मदद करने की यादों ने उन्हें खेती करने के लिए प्रेरित किया। इसके लिए उन्होंने अपनी 34 वर्षों की वकालत छोड़ दी।
बेंगलुरु के नेलमंगला से कछ ही दूरी पर स्थित मरासराहल्ली में 40 एकड़ बंजर भूमि खरीदी और खेती शुरू की। शुरुआती एक साल तक तो रसायनों का उपयोग करते हुए ही खेती की, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि जैविक खेती में स्थायी समाधान है तो उन्होंने कई किसानों से बात की, जैविक खेती के बारे में पढ़ा और कई देशों का दौरा किया। करीब एक साल तक रयायनिक खेती करने के बाद जयराम ने जैविक खेती शुरू कर दी। तीन साल पहले उन्होंने बेंगलरु के मल्लेस्वरम में ग्रीन पार्क ऑर्गेनिक स्टेट लांच किया। उन्होंने इस बंजर भूमि में हरियाली उगाई और इसे सुकृषि ऑर्गेनिक फार्म नाम दिया। जिससे दावा किया जाता है कि यह भारत का सबसे बड़ा जैविक गंतव्य है। जयराम ने अपने फार्म में कृत्रिम झील का निर्माण कराने के साथ ही डेयरी फार्म भी बनवाया, जिसके बाद किसानों के लिए यहां रोजगार की संभावनाए पैदा हो गई।
एचआर जयराम के फार्म में मल्टीक्राॅप खेती की जाती है, जिसमें अरेका नट, नारियल, अमरूद, चूना और नीम आदि की खेती होती है। होटलों के लिए यहाँ फार्म में ही कच्चा माल तैयार किया जाता है। जयराम का पूरा खेत बारिश के पानी पर ही निर्भर है और एक दिन की बारिश से खेतों के लिए 20 दिन के पानी की व्यवस्था कर ली जाती है। इसके अलावा खेत के कचरे को कीटनाशक के रूप में उपयोग में लाया जाता है। फार्म में ही जयराम ने डिटाॅक्स कैफे, वर्कशाॅप सेंटर, शाॅपिंग स्टोर और रेस्टोेरेंट बनाया है, जहां सभी उत्पाद जैविक हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर इकोफ्रैंडली बनाया गया है। इसके अलावा फार्म में इकोफ्रैंडली होटल भी बनाया है। एचआर जयराम कहते हैं कि कम लागत में जैविक खेती को किया जा सकता है और ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं होती। जैविक खेती के लाभों के कारण ही उन्होंने अपना जीवन जैविक खेती के लिए समर्पित करने का निर्णय लिया और अनुभवों को साझा करने तथा लोगों को जागरुक करने के लिए ग्रीन पाथ फाउंडेशन बनाया।
TAGS |
green path foundation benglore, green path foundation, HR jayram, founder of green path foundation, sukrishi farm benglore, sukrishi farm, where is sukrishi farm, HR jayram kaun hai, HR jayram ka sukrishi farm kaha hai, organic farming in hindi, importance of organic farming, organic farming in english, types of organic farming, organic farming in india, organic farming pdf, organic farming benefits, organic farming wikipedia, organic farming in hindi, organic farming in india, organic farming pdf, organic farming in english, organic farming meaning in hindi, organic farming ppt, organic farming business, organic farming images, organic farming in bihar, what is organic farming in english, what is organic farming in india, benefits of organic farming pdf, benefits of organic farming in india, benefits of organic farming upsc, benefits of organic farming to farmers, benefits of organic farming in hindi, benefits of organic farming wikipedia, benefits of organic farming on health, benefits of organic farming on soil, benefits of organic farming on the environment, enefits of organic farming on human health, farming in hindi, farming simulator, farming simulator 18, types of farming, farming simulator 19, farming simulator 19 download, arming simulator 15, farming simulator 19 farming simulator, farming system and sustainable agriculture, farming simulator 18, farming system, farming simulator, farming simulator 18 mod apk, farming meaning in hindi, farming tools, farming simulator 19, farming simulator 14, farming in india, types of farming in india, agriculture in india today, importance of agriculture in india, agriculture in india pdf, history of agriculture in india, griculture in india essay, types of farming in india in hindi, types of agriculture, farming in india in hindi, farming in india essay, farming in india and usa, farming in india video, farming in india wikipedia, farming in india quora, farming in india images, farming in india facts, farming in india, farming in india profitable, farmers suiciding in india 2018, ypes of farming in india, importance of agriculture in india, percentage of farmers in india 2017, farmers suiciding in india 2017, farmer suiciding in india 2018 statistics, agriculture in india today, indian farmer essay, farmers in india essay, armers in india 2019, farmers in india in hindi, farmers in india population, farmers in india images, farmers in india statistics, farmers in india wiki, farmers in india in telugu, farmers in india ppt, farmers in india upsc, positive stories of farmings, positive stories of farmers. |
/articles/jaaivaika-khaetai-kae-laie-chaoda-dai-34-varasaon-kai-vakaalata