हस्त बरसे तीन होय, साठी सक्कर मास।
हस्त बरसे तीन जाय, तिल कोदो औ कपास।।
भावार्थ- हस्त नक्षत्र की वर्षा से धान, ईख और ऊड़द इन तीनों की पैदावार बढ़ जाती है, लेकिन इसी नक्षत्र की वर्षा से कोदो, कपास और तिल तीनों की फसल नष्ट हो जाती है।
Path Alias
/articles/hasata-barasae-taina-haoya