हर दो माह में आएगा पानी का बिल

बिल वसूली में हुआ 10 गुना का इज़ाफा


जल बोर्ड के बजट में ऐलान, साल के अंत तक मिलने लगेगा हर महीने बिल
फिरोजशाह रोड पर बर्बाद होता दिल्ली जल बोर्ड का पानीफिरोजशाह रोड पर बर्बाद होता दिल्ली जल बोर्ड का पानीदिल्ली जल बोर्ड अब अचानक आपको कई हजार का बिल नहीं भेजेगा। मई से उपभोक्ताओं को हर दो महीने का बिल भेजा जाएगा और अगले छह महीने में बिल प्रतिमाह आने लगेगा। बोर्ड ने साल 2013-14 के बजट में बिलिंग सिस्टम में सुधार पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। गुरुवार को पेश किए गए बजट में कहा गया है कि बोर्ड ने आठ लाख घरों में मीटर बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बजट में आंकड़े दिए गए हैं कि बीते पांच वर्षों में करीब 20 लाख में से चार लाख उपभोक्ताओं के घरों में मीटर बदले गए या नए लगाए गए हैं। उसी का नतीजा है कि बिल वसूली में 10 गुना का इज़ाफा हुआ है। राजधानी में आपूर्ति किए गए पानी में से महज 40 फीसदी पानी की वसूली ही हो पाती है।

पानी उपलब्ध न होने की बात नकारी


बजट पेश किए जाने के बाद बोर्ड की अध्यक्ष व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि राजधानी की लगातार बढ़ती आबादी और घटते भूजल के बावजूद बोर्ड स्थानीय निवासियों की पानी की मांग को पूरा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह मानती हैं कि दिल्ली में मांग व आपूर्ति के बीच करीब 200 एमजीडी का अंतर है लेकिन फिर भी पानी तो उपलब्ध करा ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति दो दिन बिना पानी के जीवित रह सकता है क्या? पानी नहीं है तो आबादी कैसे बसी है।

मुनक नहर विवाद सुलझाने के लिए पीएम करें हस्तक्षेप


सीएम ने कहा कि बोर्ड कच्चे पानी की उपलब्धता के लिए लगातार प्रयासरत है। हम पड़ोसी राज्य हरियाणा के साथ मुनक नहर विवाद का समाधान निकालने के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करेंगे। हम केंद्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत के साथ भी एक बैठक करने जा रहे हैं जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री भी उपस्थित होंगे। हमने कई वर्ष पूर्व ही मुनक नहर के लिए 520 करोड़ का भुगतान भी हरियाणा को कर दिया। नहर भी बन गई लेकिन हमें पानी नहीं मिल रहा है। कई वर्ष से स्थिति जस की तस है। मुनक नहर से पानी की उपलब्धता होते ही हमें 80 एमजीडी पानी मिलने लगेगा। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में बनने वाले तीन बांध रेणुका, किशु और लक्शरव्यासी प्रोजेक्ट से भी 1994 के करार के मुताबिक 275 एमजीडी पानी मिलेगा। बोर्ड ने इसके लिए भी शुरुआती अध्ययन व ज़मीन अधिग्रहण के लिए 214.83 करोड़ हिमाचल प्रदेश को मुहैया करा दिया है। केंद्र ने तीन परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया है।

गर्मियों के लिए एक्शन प्लान तैयार


उन्होंने कहा कि बोर्ड ने गर्मियों के लिए एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है। बोर्ड को जिन इलाकों में पाइप्ड या ज़मीनी पानी उपलब्ध नहीं है वह वहां पानी मुहैया कराने के लिए किराए पर टैंकर लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं। बजट में जीपीएस युक्त 400 नए स्टेनलेस स्टील के टैंकर खरीदने का ऐलान किया गया है। जीपीएस की मदद से टैंकर की लोकेशन व सप्लाई पर निगरानी हो सकेगी।

बजट एक नजर में


कुल बजट 3951.78 करोड़ रुपए
1. पानी के लिए 890.20 करोड़
2. सीवर के लिए 774.80 करोड़
3. घरेलू मीटर लगाने के लिए 173.69 करोड़ रुपए (सात वर्ष के लिए)
4. जीपीएस वाले बल्क मीटर लगाने के लिए 26.81 करोड़ रुपए (चार वर्ष के लिए)
5. मंगोलपुरी में भूमिगत जलाशय व पाइपलाइन बिछाने के लिए 23.83 करोड़ रुपए
6. 200 किलोमीटर पुरानी पाइपलाइन बदलेगी और 300 किलोमीटर नई लाइन डलेगी
7. यमुना विहार, कोंडली, कापसहेड़ा व चिल्ला में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट चालू होंगे
8. जीपीएस लगे 400 स्टेनलेस टैंकर से होगी समयबद्ध आपूर्ति

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