हँसुआ ठाकुर खँसुआ चोर


हँसुआ ठाकुर खँसुआ चोर।
इन्हैं ससुरवन गहिरे बोर।।


भावार्थ- हँस कर बात करने वाले ठाकुर और खाँसी आने वाले चोर इन ससुरों को गहरे पानी में डुबो देना चाहिए।

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Post By: tridmin
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