हे मेरी तुम सोई सरिता!

हे मेरी तुम सोई सरिता!
उठो,
और लहरों से नाचो
तब तक, जब तक
आलिंगन में नहीं बाँध लूँ
और चूम लूँ
तुमको!
मैं मिलने आया बादल हूँ!!

‘फूल नहीं रंग बोलते हैं’ से संकलित

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