अगर आपसे कोई कहे कि आपके घर में पॉल्यूशन है, तो शायद आपकी प्रतिक्रिया कुछ यूँ हो- ‘सवाल ही नहीं उठता। घर तो साफ है।’ आपका घर दिखता भले ही साफ है, मगर पॉल्यूशन फ्री है, इसकी गारंटी नहीं है।
शायद आपको जानकर आश्चर्य हो कि झाड़ू देते समय उड़ने वाले धूल, खाना बनाते समय निकलने वाला धुआँ, परदों या कारपेट वगैरह पर मौजूद धूल-मिट्टी या दीवारों पर लगे पेंट आदि भी घर में प्रदूषण बढ़ाते हैं। यकीन नहीं होता, मगर शोध बताते हैं कि हर साल 43 लाख लोग घर के प्रदूषण के ही शिकार हो रहे हैं। इसमें एलर्जी और साँस से सम्बन्धित समस्याएँ भी शामिल हैं। इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) द्वारा कराए गए एक शोध में यह बात सामने आई है कि घर और दफ्तर में पीएम 2.5 सुबह 6 से 9 बजे के बीच, जबकि रात को 9 से 12 बजे के बीच सर्वाधिक होता है। इसकी एक वजह सड़कों पर वाहनों की भीड़ व उनका धुआँ तथा दूसरी तरफ साफ-सफाई व रसोई में खाना बनाना होता है। इस प्रदूषण को आप अपनी सजगता से कम कर सकती हैं, बशर्ते की आपको पता हो कि घर में प्रदूषण फैलाता कौन है?किचन से निकलने वाला धुआँ
खाना बनाते वक्त निकलने वाला धुआँ भी घर में प्रदूषण का एक कारण है। अगर आप लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाती हैं, तो यह और भी खतरनाक है। यह धुआँ सिर्फ दमे के मरीजों के लिये ही नहीं, बल्कि सेहतमन्द व्यक्तियों के लिये भी नुकसानदेह है। इसलिये रसोई के प्रदूषण से बचने के लिये चिमनी या एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल करें या धुएँ की निकासी की उचित व्यवस्था करें। अगर चिमनी या एग्जॉस्ट लगा रही हैं, तो उसकी भी साफ-सफाई करती रहें, क्योंकि इस पर जमने वाले धूल भी प्रदूषण फैलाते हैं। घर के अन्दर धूम्रपान करने से भी, वहाँ की हवा में धुआँ फैल जाता है और इससे परिवार वालों को साँस लेने में मुश्किल हो जाती है। शायद आपको पता नहीं कि एक्टिव स्मोकिंग से ज्यादा खतरनाक पैसिव स्मोकिंग होती है। इसलिये घरों में इसका धुआँ न फैलाएँ, क्योंकि इसका सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है।
परदों या अप्लाएंसेज पर जमी धूल
एसी की अगर आप सफाई समय-समय पर नहीं करतीं, तो इसके फिल्टर पर जमने वाली धूल की परत साँस की तकलीफ बढ़ा सकती है। इससे फेफड़ों में संक्रमण से खाँसी की शिकायत भी हो सकती है। घर की दीवार में यदि कोई दरार है या घर में सीलन है, तो ये भी प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक हैं। सीलन या दीवारों पर मौजूद धूलकण से सर्दी, खाँसी और साँस से सम्बन्धित समस्याएँ बढ़ती हैं। इसलिये घर की दीवार या छत में कोई दरार दिखाई दे या कहीं सीलन हो, तो उसे तुरन्त ठीक करा लें। घरों में झाड़ू लगाते समय ध्यान रखें कि धूल ज्यादा न उड़े, क्योंकि धूल के कण वातावरण में मिल जाते हैं और काफी देर तक नीचे नहीं आते। फिर साँस लेते समय ये कण शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जो आपको बीमार करते हैं।
कोई भी पेंट नहीं चलेगा
दीवारों पर पुतने वाले पेंट कई बार प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं, क्योंकि अधिकतर पेंट में फार्मेल्डिहाइड और एसीटेल्डिहाइड जैसे खतरनाक रसायन होते हैं, जो स्नायुतंत्र पर बुरा असर डालते हैं। बच्चों पर इनका असर और भी खतरनाक होता है। इसी तरह इसमें मौजूद शीशा बच्चों के दिमागी विकास में रुकावट डालता है, इसलिये पेंट ऐसी कम्पनी का लें, जिसमें कम-से-कम मात्रा में शीशा और वीओसी यानी वाष्पशील कार्बनिक यौगिक हों। घर में कीटनाशक का इस्तेमाल करने से बचें।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि घर में मौजूद कीड़े-मकोड़े और पक्षी भी प्रदूषण फैलाने का काम करते हैं। चूहों, तिलचट्टों, कबूतर और छिपकलियों की बीट से प्रदूषण फैलता है। ऐसे में जरूरी है घर की नियमित सफाई करना। कीड़े-मकोड़ों को मारने के लिये केमिकल युक्त क्लीनर इस्तेमाल करने की बजाय नैचुरल उपाय आजमाएँ। रसोई और बाथरूम की नालियों की सफाई नियमित तौर पर करें। घर में वेंटिलेशन का पूरा इन्तजाम करें। सुबह के समय घर की सभी खिड़कियाँ और दरवाजे खोलें। ताजा हवा घर के भीतर की प्रदूषित हवा का असर कम कर देती है। घर और आसपास मौजूद वायु प्रदूषण को दूर करने के लिये घर में कपूर जलाएँ। कहते हैं यह हवा में मौजूद दूषित कणों को काटता है और यदि घर में सीलन की बदबू है, तो उसे भी दूर करता है।
घर में लगाएँ इनडोर प्लांट
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी में हुए एक शोध के मुताबिक, घर के आसपास अगर ज्यादा हरियाली है, तो यह कई खतरनाक बीमारियों की आशंका को कम कर सकता है। शोध की मानें, तो घर के आसपास की हरियाली से डायबिटीज की आशंका 14 प्रतिशत, दिल के रोगों की आशंका 10 प्रतिशत और हाई ब्लड प्रेशर की आशंका 13 प्रतिशत तक कम होती है। साथ में प्रदूषण का असर भी कम होता है। इसलिये कई इनडोर प्लांट हैं, जो अपने आसपास मौजूद हवा को प्रदूषण मुक्त बनाते हैं जैसे एरिका पाम, रबर प्लांट, पीस लिली, स्पाइडर प्लांट, ड्रासाइना आदि। इन पौधों से आप अपने घर को सजा सकती हैं। इससे आपको साफ हवा तो मिलेगी ही, घर की खूबसूरती भी बढ़ेगी।
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