घर भी करेगा प्रकृति की रक्षा

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हमारी बदलती जीवनशैली ने प्रकृति के लिये कई खतरे पैदा कर दिये हैं। प्रकृति के विनाश में अगर आप अपनी भूमिका कम करना चाहती हैं तो शुरुआत अपने घर से करें। कैसे होगा यह सम्भव बता रही हैं- नीलम शुक्ला

बेशक आप पर्यावरण को बचाने के लिये बहुत से काम कर रही हैं, लेकिन इस दिशा में अगर आप अपने घर को भी इको फ्रेंडली बना लेंगी तो इस काम में आपकी भूमिका और मजबूत हो जाएगी। मोटे तौर पर किसी भी घर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिये सात मानक बनाए गए हैं, जिनमें निर्माण के साथ ही काम शुरू हो जाता है। पर, आप अपने पुराने घर में जरूरी बदलाव लाकर भी उसे इको फ्रेंडली बना सकती हैं।

आजकल घर के इंटीरियर के लिये लिविंग रूम से लेकर बालकनी तक के लिये इको फ्रेंडली सामान उपलब्ध हैं। इससे घर की खूबसूरती में निखार तो होता ही है, साथ ही घर के वातावरण में भी कम समय में ही काफी बदलाव देखने को मिलता है।

मिट्टी से बने सामान

यदि आप मिट्टी से बने इको फ्रेंडली सामानों से अपने घर की शोभा बढ़ाना चाहती हैं तो आपके पास इसके लिये ढेरों विकल्प हैं। आप रसोई में ढेर सारे मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल कर सकती हैं। साथ ही सजावट के लिये आपको दीवार पर लटकाने वाली मिट्टी से बने शो पीस, वास, अगरबत्ती स्टैंड आदि कई चीजें मिल जाएँगी। ये सभी सामान परम्परागत तरीके से बनाए जाते हैं। इसमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है।

लकड़ी से बढ़ाएँ दोस्ती

घर के हर तरफ की साज-सज्जा के लिये आप लकड़ी को आधार बना सकती हैं। सीलिंग के लिये आप वुड पैनल्स का प्रयोग कर सकती हैं। फ्लोरिंग के लिये पत्थर, लकड़ी या बाँस का प्रयोग कर सकती हैं। टाइल्स में वुडेन टेक्सचर की टाइल्स से बहुत खूबसूरत लुक दिया जाता है। चेयर और टेबल के लिये लकड़ी के ब्लॉक्स का प्रयोग करें। अगर आप पेड़ों की शाखाओं को खूबसूरत अन्दाज में सजाएँ तो ये आपके घर को बेहतरीन लुक प्रदान करेगा।

स्टोन और मार्बल का इस्तेमाल

टेबल टॉल के लिये पत्थर का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो मार्बल के फर्नीचर द्वारा भी घर की शोभा बढ़ा सकती हैं। इंटीरियर एसेसरीज के लिये ग्लास, क्ले, पत्थर और बास्केट जैसे विकल्प उपलब्ध हैं।

दीवारों को सजाने के लिये आप इको फ्रेंडली वॉल कवरिंग्स और पेंट्स या स्टोन्स का उपयोग कर सकती हैं। दीवारों पर सिरेमिक या टाइल्स भी लगवाई जा सकती है। फर्नीचर के लिये नैचुरल वुड और पत्थर का प्रयोग करें।

रोशन करें जहाँ

आजकल हर विशेष मौके पर घरों या फिर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में जगमगाती लाइट्स लगाने का चलन बढ़ा है। इससे बिजली की खपत बढ़ती है, जो बिल्कुल भी ईको फ्रेंडली नहीं है। बेहतर होगा कि घरों को अरोमा कैंडल और मिट्टी से बने दीयों से रोशन किया जाए। ऐसा करके आप पर्यावरण के साथ बिजली भी बचाएँगी।

नियमित करें साफ सफाई

घर में कीड़े-मकोड़े होने से भी प्रदूषण बढ़ता है। घर में चीटियाँ, मकड़ियों की गन्दगी और चूहे, तिलचट्टे और छिपकलियों की बीट से प्रदूषण फैलता है। इससे बचने के लिये घर की नियमित साफ सफाई करें। पर्दों और कालीन की धूल समय-समय पर साफ करते रहें। रसोई और बाथरूम की नालियों की सफाई का भी खासतौर पर ध्यान रखें। (इंटीरियर डेकोरेटर पुनीत मल्होत्रा से बातचीत पर आधारित)

अपनाएँ गो ग्रीन का फंडा

अपने घर में उन्हीं सामग्री का इस्तेमाल करें जो पूरी तरह से प्राकृतिक हो। जब हम बात इको फ्रेंडली डिजाइन की कर रहे हों तो पौधों को किसी भी प्रकार से नकारा नहीं जा सकता। घर के अलग-अलग हिस्सों को पौधों से सजाएँ। इनडोर प्लाण्टिंग के लिये एरेका पाम, लेडी पाम, बैम्बू पाम, डरेकेना, जैनेट क्रैंग, इंग्लिश इवी या पीस लिली जैसे पौधे लगाएँ। तुलसी, पुदीन, धनिया, जैसे हर्ब को भी प्राथमिकता दे सकती हैं। आप ऐसे पौधे भी लगा सकती हैं जो ऑक्सीजन का ज्यादा उत्पादन करते हैं।

घर में करें छोटे बदलाव

1. तेज जलने, जल्दी गर्म होने वाले बल्ब को सीएफएल एलईडी बल्ब से बदलें। इससे ऊर्जा की भी बचत होगी और आपका घर भी ठंडा रहेगा।
2. टीवी, लैपटॉप, माइक्रोवेव, इलेक्ट्रिक कैटल, वॉशिंग मशीन और आयरन के स्विच बन्द करने के साथ ही उनका प्लग निकालना न भूलें।
3. हमेशा उन उपकरणों का इस्तेमाल करें जिसमें ऊर्जा की खपत कम हो या जो ऊर्जा बचाने में सक्षम हों।
4. अपने किचन के वेस्ट कम्पोस्ट को फेंकने के बजाय गार्डनिंग के लिये इस्तेमाल करें।
5. कम्पोस्टिंग के लिये बगीचे में अलग तरह का कूड़ेदान लगाकर खाने की चीजों से बेहतरीन खाद तैयार कर सकती हैं।
6. अगर घर में बेकार का सामान हो तो उन्हें फेंक दें या बेच दें।

प्रकृति को अापका योगदान

1. घर का डिजाइन ऐसा चुनें कि उसमें अधिक-से-अधिक रोशनी और हवा घर में आ सके।
2. सम्भव हो तो वर्षा जल के संरक्षण और उनके दोबारा उपयोग की प्रणाली तैयार करें।
3. सम्भव हो तो पवन ऊर्जा एवं सोलर ऊर्जा के संयंत्र लगाएँ ताकि आपको आर्थिक फायदा हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे।
4. घर को इको फ्रेंडली बनाने के लिये उसी सामग्री का चुनाव करें, जिन्हें नष्ट करने पर पर्यावरण प्रदूषित न हो।
5. केमिकल युक्त सामग्री का इस्तेमाल घर के निर्माण में न करें।

 

 

 

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