गुजरात के विश्वविद्यालय ने वर्षा जल को सरंक्षित करने का नायाब तरीका ढूंढा 

गुजरात विश्वविद्यालय में वर्षा जल संरक्षण
गुजरात विश्वविद्यालय में वर्षा जल संरक्षण

जल ही जीवन है इस बात का हम सब बखूबी जानते है जल रूपी जीवन को संजोकर और संभालकर रखना है। हम सब के लिए बड़ी चुनौती है कि बारिश के पानी का साल भर इस्तेमाल हो सके। इसके लिए गुजरात के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय में अनोखे प्रयास किये जा रहे है जवानों की शक्ति बढ़ाने में के क्षेत्र में कार्यरत गुजरात स्तिथ  राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय जल शक्ति का महत्व भी जानता है बारिश के मौसम में पानी को संगृहीत करने के लिए यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग को ख़ास तरह से डिज़ाइन किया आया है।

बिल्डिंग की भूगर्भ में बड़े बड़े टैंक बनाए गए जहाँ छतों से गिरने वाला पानी संगृहीत होता है विश्वविद्यालय की हर बिल्डिंग में 7 लाख लीटर के टैंक लगाय गए है साथ ही कैंपस में बड़े बड़े कनाल भी बनाएं गए है जहाँ पानी को सरंक्षित किया जाता है यूनिवर्सिटी के महानिदेशक सुशिल गोस्वामी बताते है की ग्राउंड वाटर बहुत नीचे है इसलिए हमारी कोशिश है की जो रेन हार्वेस्टिंग और  नेचुरल पानी है जो जमीन के माध्यम से आता है

 

उससे हम लैंड वाटर को रिचार्ज करे आगे महानिदेशक सुशिल गोस्वामी बताते है की हमारे पास चार वाटर बॉडीज है बड़ी वाली जिसके माध्यम से पानी हमारे टैंक में इकट्ठा होता है और उसका इस्तेमाल में पूरे साल पीने के लिए करते है पानी के सरंक्षण के इस तरीके से लैंड वाटर लेवल भी बढ़ता है महानिदेशक सुशिल गोस्वामी का मानना है की देशभर में जितनी भी बड़ी बड़ी इमारते बन रही है अगर वह भी यही तरीका अपनाया जाता है तो पानी की स्थिरता पर हमें बड़ी कामयाबी मिल सकती है ।

आपको बताते चले की इस यूनिवर्सिटी द्वारा न सिर्फ पानी का सरंक्षण किया जाता है बल्कि  रोजाना के कई कार्य में इसका इस्तेमाल भी किया जाता है। बारिश के पानी का ज्यादा से ज्यादा सरंक्षण किया जाय और उसका सदुपयोग हो यही इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है साथ ही विश्वविद्यालय लोगो से ज्यादा से ज्यादा जल बचाने की भी अपील करता है

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Post By: Shivendra
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