गतिविधि 1 : बढ़ते ताप के खतरे को काबू में रखना।
उद्देश्य : हमारे देश की ऊर्जा क्षमता को बेहतर करने के उपायों द्वारा वैश्विक तापवृद्धि को धीमा करना। जब तक हम कारों से निकली गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित नहीं करते, कोई भी तापवृद्धि संबंधी उपाय सफल नहीं हो सकते।
चूंकि किसी कार के उत्सर्जन को कार्बन डाइऑक्साइड से मुक्त करने की कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है, हम उन्हें अधिकाधिक ईंधन कुशल बनाकर प्रदूषण में कमी कर सकते हैं। आज की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए मोटर वाहन निर्माता अपनी कारों और ट्रकों की ईंधन मितव्ययता में नाटकीय वृद्धि कर सकते हैं।
अलमारियों से बाहर निकलकर प्रौद्योगिकी अधिक सक्षम वाहनों के निर्माण में सहयोग कर सकती है।
गैसोलीन-विद्युत संकर वाहन ईंधन मितव्ययता में महत्वूर्ण सुधार प्राप्त करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। यदि हमें वैश्विक तापवृद्धि को घटाने में कुछ प्रगति करनी है तो हमें अपनी कारों को प्रति लीटर पेट्रोल या डीजल में और अधिक दूरी तय करने लायक बनाना होगा।
हमारे विद्युत ऊर्जा संयंत्रों की सफाई
हमें अपने विद्युत ऊर्जा को स्वच्छ करना होगा। अधिकांश यंत्र अभी भी विद्युत उत्पादन के लिए कोयले का उपयोग करते हैं और हर साल वायुमंडल में लाखों टन कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य प्रदूषकों को मुक्त करते हैं।
इन संयंत्रों में शुद्ध प्राकृतिक गैस के वहन को अपनाकर समस्या का कुछ हद तक समाधान किया जा सकता है।
हम अपने घरों और दफ्तरों में ऊर्जा बचाने के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। अधिक ऊर्जा कुशल प्रकाश, गर्माहट एवं वातानुकूलन से हर वर्ष लाखों टन कार्बन डाइऑक्साइड को हमारी हवा में घुलने से रोका जा सकता है।
शुद्ध पवन और सौर ऊर्जा के प्रयोग की ओर बढ़ना।
सूर्य पवन की शुद्ध और असीमित ऊर्जा का दोहन वैश्विक तापवृद्धि की समस्या को सुलझाने में अत्यंत महत्वूपर्ण है। प्रौद्योगिकी के विकास के चलते 1981 से पवन ऊर्जा द्वारा निर्मित विद्युत की लागत में 82 प्रतिशत की कमी की जा चुकी है।
सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी ने भी अत्यंत महत्वपूर्ण प्रगति की है और सूर्य के प्रकाश की अधिकाधिक मात्रा को सीधे विद्युत में परिवर्तन करने के लिए नए फोटोवोल्टेनिक सैल विकसित किए जा चुके हैं। आज हवा और सूर्य से प्राप्त विद्युत की लागत गंदे कोयला-दहन वाले संयंत्रों से टक्कर लेने की स्थिति में है। नवीनीकृत ऊर्जा के स्रोत के रूप में भारत के पास असीमित क्षमता है।
एक सही ढंग से ‘ट्यून’ की गई कार जिसके टायरों में समुचित हवा भरी हो, कम ईंधन का दहन करती है – इससे न सिर्फ प्रदूषण में कमी आती है बल्कि धन की भी बचत होती है। यदि आपके पास दो कारें हैं तो जब भी संभव हो बेहतर ‘माईलेज’ वाली कार चलाएं। इससे भी बेहतर होगा कि जब कभी संभव हो, कार छोड़े, जन यातायात के साधन का उपयोग करें, पैदल चले जाएं या साईकिल पर ही निकल पड़े।
तापदीप्त प्रकाश बल्बों के स्थान पर सघन प्रतिदीप्त बल्ब अपनाएं
सघन प्रतिदीप्त बल्ब समान्य बल्बों के समान ही प्रकाश उत्पन्न करते हैं लेकिन इनमें बिजली की खपत लगभग एक चौथाई होती है और ये 10 गुना ज्यादा चलते हैं। लगभग आपके द्वारा किया गया प्रत्येक बल्ब का बदलाव हवा को शुद्ध करेगा, वैश्विक तापवृद्धि को रोकेगा और आपके बिजली के बिल में कटौती करेगा।
एक चतुर जल उपभोक्ता बनें
अपने स्नानागार (बाथरूम) में कम बहाव वाले ‘शावर’ और टोंटिया लगाकर आप आधे पानी का उपयोग करते हुए भी पहले की ही भांति कम नहा सकते हैं या अन्य कार्य कर सकते हैं। अपने पानी गर्म करने वाले विद्युत हीटर के तापमान को घटाकर 48.9 डिग्री सेल्सियस पर ले आएं और आप देखेंगे कि पानी गर्म करने की लागत में 50 प्रतिशत की कमी आ जाएगी।
ऊर्जा कुशल इलैक्ट्रॉनिक्स और उपकरण खरीदें
आपके पुराने फ्रिज या एअरकंडीशनर के स्थान पर नये ऊर्जा कुशल मॉडल खरीदने से न सिर्फ बिजली के बिल में कटौती होगी बल्कि वैश्विक तापवृद्धि प्रदूषण भी घटेगा। नए उपकरण खरीदते समय ‘एनर्जी स्टार’ चिन्ह ज़रूर देखें।
वृक्ष लगायें, वन बचाएं
वैश्विक तापवृद्धि से लोहा लेने की दिशा में वनों का संरक्षण एक महत्वपूर्ण कदम है। वृक्ष कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। परंतु काटो-और-जलाओ वाली कृषि पद्धतियां, उच्चतर पशुधन उत्पादन और लकड़ियों के उपयोग ने भारत के अधिकांश पुराने वनों को नष्ट कर दिया है। आप अपने आस-पास की कार्यवाही कर सकते हैं। घर के चारों ओर छायादार वृक्ष लगाने से ये न सिर्फ कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करेंगे बल्कि गर्मियों में आपके एअरकंडीशनर के बिल में भी कटौती होगी।
घटायें, पुनः उपयोग करें, पुनर्चक्रित करें
पुराने समान को पुनः चक्रित कर नए कागज, कांच, धातु की वस्तुओं आदि के उत्पादन में नए सिरे से उत्पादन की तुलना में 70 से 90 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है और प्रदूषण में भी कमी आती है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड का प्रदूषण भी शामिल है। एक मीटर ऊंचाई के अखबारों के एक बंडल को पुनः उपयोग करने से एक अच्छे आकार के वृक्ष को बचाया जा सकता है। पुनर्चक्रित उत्पाद खरीदें।
वैश्विक तापवृद्धि के खिलाफ स्थानीय स्तर पर जागरूकता कार्य करें
अपने आसपास के समाज का ध्यान इस ओर आकर्षित करें कि किस प्रकार से वे तापवृद्धि में कमी लाने में सहयोग कर सकते हैं। राष्ट्रीय, प्रादेशिक और स्थानीय स्तर पर निम्नानुसार सहयोग किया जा सकता हैः
डीजल/पैट्रोल के प्रत्येक लीटर पर वहन अधिकतम दूरी तय करें।
शुद्ध और नवीनीकृत ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाएं।
ऊर्जा के अधिकतम उपयोग और संरक्षण को बढ़ाएं और
वनों का संरक्षण करें।
गतिविधि-2
उद्देश्यः वैश्विक तापवृद्धि के कारण फेफड़े के क्षोभकों एवं एलर्जीकारक के उत्सर्जन को कम करना।
गतिविधियों को कार्यान्वित करनाः
घर से बाहर निकलने से पहले वायु गुणवत्ता (जिसमें धुम कोहरा और पराग गणना शामिल हों) के लिए मौसम रिपोर्ट को देखो।
धूल और कणों में कमी के लिए दरवाज़ों में जाली लगाएं। जूते-चप्पलों को दरवाज़े से बाहर निकाले।
कालीनों को बदलें इसमें प्रदूषक एकत्र हो सकते हैं; क्षेत्र को अच्छे से धोएं।
वैक्यूम क्लिनर जैसे उपकरणों में उच्च दक्षता विविक्त हवा छनित्र का उपयोग करें। इस प्रकार के छनित्र 0.3 माइक्रोमीटर व्यास वाले कणों को लगभग 99.97 प्रतिशत हटा सकते हैं।
दुकानों, संग्रहालयों, कैफे या सिनेमाघरों में जहां हवा की गुणवत्ता अच्छी न हो वहां वातानुकूलित व्यवस्था को अपनाएं।
गतिविधि – 3
उद्देश्यः छात्रों द्वारा वैश्विक तापवृद्धि के संकट के प्रति जागरूकता का प्रसार करना।
छात्र जलवायु परिवर्तन के संबंध में वैज्ञानिक सूचनाओं को जनमानस तक प्रचारित कर सकते हैं।
वे अपने विचारों को नीतिनिर्माताओं एवं जनसामान्य तक पहुंचाकर वैश्विक तापवृद्धि के प्रभावों एवं संभावित समाधानों के बारे में प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर छात्र इस समस्या से निपटने के लिए क्योटो संधि जैसे समाधान के लिए जनजागरुकता का अभियान चला सकते हैं और समाधान के पक्ष में माहौल बना सकते हैं।
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