दिल्ली जल बोर्ड ने वर्ष 2014 के लिए अपना समर एक्शन प्लान (ग्रीष्मकालीन कार्य योजना) जारी की है। दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली के लगभग 1.80 करोड़ निवासियों के लिए हर साल की तरह इस साल भी गर्मियों के महीनों में, जबकि पानी की बढ़ती मांग चरम सीमा पर होती है, को पूरा करने के लिए ग्रीष्मकालीन कार्य योजना शुरू की है।
जल शोधन संयंत्रों और संबंधित बुनियादी ढांचों के सभी रख-रखाव के कार्य पूरे हो चुके हैं, जिससे गर्मियों के महीनों में संयंत्रों को बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चंद्रावल कच्चा जल पंप हाउस और भागीरथी जल उपचार संयंत्र के पुनरुद्धार से संबंधित कार्य करीब-करीब पूरे हो चुके हैं। इन कार्यों का समयानुसार निष्पादन गर्मी के मौसम में इन दोनों संयंत्रों की ज्यादा उत्पादन क्षमता को सुनिश्चित करेगा।
पिछले साल पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल की उपलब्धता में सुधार के लिए 162 अतिरिक्त ट्यूबवेल्स भी स्थापित किए गए हैं। शहर की लगभग 80 मिलियन गैलन दैनिक भूजल की जल आपूर्ति प्रणाली में बोर्ड द्वारा बढ़ोत्तरी अतिरिक्त ट्यूबवेल्स की स्थापना से की गई है। वर्तमान में लगभग 4400 दिल्ली जल बोर्ड के ट्यूबवेल्स और 15 रैनीवेल्स प्रणाली में कार्य कर रहे हैं।
पुरानी पानी की लाइन प्रणाली को बदलने और रिसावों और जलापूर्ति में प्रदूषण संबंधित शिकायतों को कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड, चरणबद्ध तरीके से नई पानी की लाइनें बिछा रहा है, जिससे प्रतिस्थापन कार्य करते समय प्रणाली क्रियाशील रहे। पिछले साल 250 किलोमीटर लंबाई की पुरानी पाइप लाइनों को बदला गया था और 330 प्रमुख पानी की रिसावों की मरम्मत की गई थी। पानी की संवहन मुख्य लाइन में रिसावों की मरम्मत संयंत्र से प्रणाली को बाधित करने की जरूरत को देखते हुए योजना और निष्पादन कार्य किया जाएगा ताकि ग्रीष्म कालीन महीनों के दौरान उपभोक्ताओं को कम से कम कठिनाई हो।
बोर्ड ने दिल्ली में जल वितरण को युक्तिसंगत बनाने के लिए 3 नए भूमिगत जलाशयों को आरंभ किया है। इससे प्राथमिक जलाशयों की संख्या 105 हो गई है। इन भूमिगत जलाशयों को सुल्तानपुर डबास, कुतुबगढ़ और रामलीला मैदान क्षेत्रों में शुरू किया गया है। इन भूमिगत जलाशयों के शुरू होने से उत्तर-पश्चिम और मध्य दिल्ली की कॉलोनियों में जल आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा।
अधिक गर्मी के समय पानी की कम आपूर्ति से संबंधित शिकायतों से निपटने और संतोषजनक उपाय उपलब्ध कराने में अपनी क्षमता बढ़ाने पर बोर्ड ने ध्यान केंद्रित किया है। पिछले साल की शिकायतों के विश्लेषण से यह पता चला कि मुख्य रूप से शिकायतें 4 अनुरक्षण डिवीजनों से मिली थी। इस गर्मी के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सेवा वितरण में सुधार लाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं।
पानी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 22 अनुरक्षण विभागों ने कार्य योजना तैयार की है। दिल्ली जल बोर्ड ने क्षेत्रों में पाइप लाइनों के अंतिम बिंदु को हटाने, मुख्य पानी की लाइन की सफाई और पानी की पुरानी पाइप लाइनों को बदलने आदि का कार्य पूरा कर लिया है। दिल्ली जल बोर्ड ने हरेक जल भरण बिंदुओं पर टैंकर भरने की क्षमता को बढ़ाकर अपनी जल टैंकर सेवाओं की कार्य क्षमता में सुधार लाने की ओर विशेष ध्यान दिया है। बोर्ड ने टेंकरों के चक्करों की संख्या को पिछली ग्रीष्म ऋतु की तुलना में 4100 प्रति दिन से बढ़ाकर 5500 चक्कर प्रतिदिन करने की योजना बनाई है। ऐसा नियोजित-अनियोजित क्षेत्रों में बढ़ती पानी की मांग को पूरा करने की जरूरत को देखते हुए किया गया है।
जल टैंकर सेवाओं में सुधार के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 23 अतिरिक्त फिलिंग प्वांइट हाईड्रेंट का निर्माण किया है, 145 टैंकर फिलिंग हाईड्रेंट कार्यशील है, जिनसे टैंकर भरने की क्षमता में सुधार हुआ है। टैंकर की आवाजाही की निगरानी में सुधार लाने के लिए दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम ने दिल्ली जल बोर्ड के लिए एक कुशल निगरानी तंत्र विकसित किया है। टैंकर वितरण सेवा को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पर टैंकरों की समय सारणी उपलब्ध कराई गई है। अभी टैंकर समूह में आधी संख्या की जानकारी दी गई है और पूरी टैंकर समूह को सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड को जल वितरण निगरानी प्रणाली, पीने योग्य पानी की निर्धारित बिंदु पर आपूर्ति, हरेक स्थान पर पानी की मात्रा का प्रबंधन, पानी को अधिकृत रूप से भरने, टैंकर समूह के उपयोग में वृद्धि, एसएमएस सुविधा का प्रावधान सुनिश्चित करता है।
शहर के सभी भागों को कवर करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित 24 वॉटर इमरजंसी कंट्रोल रूम बनाए हैं। ये कंट्रोल रूम चौबीस घंटे काम करते हैं। बोर्ड ने वॉटर इमरजंसियों के प्रभावी/प्रबंधन और निगरानी के लिए इन कंट्रोल रूमों के लिए संपर्क अधिकारी भी मनोनीत किए हैं, जिससे शिकायतों का सही तरीके से समाधान किया जा सके। दिल्ली जल बोर्ड का प्रवर्तन विभाग कंट्रोल रूम और उपभोक्ता तक नियमित रूप से आकस्मिक जांच करेगा, जिससे शिकायतों का समय पर समाधान किया जा सके।
सभी जल सुविधाओं जैसे कि जल शोधन संयंत्रों और मुख्य भूमिगत जलाशयों, पंपिंग स्टेशनों में बिजली की नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बिजली कंपनियों से बैठकें की है। निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए पर्याप्त अतिरिक्त प्रबंधनों को सुनिश्चित करने के लिए इन सुविधाओं में डबल फीडर उपलब्ध कराए गए हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने सभी संयंत्रों और पंपिंग स्टेशनों के लिए कीटाणुनाशक, कॉग्यूलेंट्स, स्पेयर पंपों, मोटरें आदि उपभोक्ता वस्तुओं की भंडारण स्थिति की भी समीक्षा की है।
दिल्ली के निवासियों के लिए आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता की प्रयास निगरानी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 6 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं सहित अपनी सभी 12 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं का संयंत्रों और पानी के नमूनों की गहन जांच करने के लिए उन्नयन किया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपूर्ति सुधार किया जा रहा है और पानी पीने योग्य है और बीआइएस 10500: 2012 के अनुसार निर्धारित पीने के पानी के मानकों को पूरा करता है।
बोर्ड शहर में जल उत्पादन 830-835 मिलियन गैलन दैनिक क्षमता बनाए रखने और पानी की मांग को पूरा करने और अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए दिल्ली के नागरिकों से अनुरोध करता है कि पानी का युक्ति-संगत उपयोग और जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के लिए दक्ष पद्धतियों का उपयोग करें।
लोगों की रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए युद्धस्तर पर समयबद्ध योजनाएं बनाने की जरूरत पर जोर दिया
भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन ने कहा है कि आज जब सारी दुनिया विश्व धरती दिवस मना रही है तो भारत की राजधानी दिल्ली में एक बाल्टी पानी के लिए आजादी के 66 साल बाद भी हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के प्राचीन जलाशयों को बचाया या पुनर्जीवित नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ियां हमें इसके लिए दोषी ठहराएंगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक देश आज अंतरिक्ष में बागवानी करके सब्जियां उगाने के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत के लगभग 700 जिलों में से 500 जिले बिजली और पानी की कमी का संकट झेल रहे हैं। विश्व धरती दिवस पर हमें राजनीति से ऊपर उठकर जनता के लिए रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए युद्धस्तर पर समयबद्ध योजनाएं बनानी होंगी तभी भारत वास्तविक तौर पर विकास पथ पर आगे बढ़ पाएगा।
हर्षवर्धन ने बताया कि दिल्ली के सभी दस जोंस में कुल 667 जलाशय हैं। इनमें से 145 जलाशय पूरी तरह सूख गए हैं। 307 जलाशयों की हालत दयनीय है। इन पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो ये भी इतिहास की चीज बन जाएंगे। पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी में स्थित संजय झील में अब कूड़ा डाला जा रहा है ताकि भूमाफिया झील को सुखा कर उस पर अवैध निर्माण करके करोड़ों का वारा न्यारा कर सकें। नॉर्थ ईस्ट जोन के तहत बुराड़ी इलाके में बनी झील इस समय 67 फीट गहरी है। यहां मौजूद कुल 19 जलाशयों में से 4 जलाशय कूड़ा डालकर पाट दिए हैं। शेष बचे जलाशयों पर भी भूमाफिया की गिद्धदृष्टि लगी हुई है।
हर्षवर्धन ने बताया कि वर्ष 2012 में उपराज्यपाल दिल्ली की अध्यक्षता में राजधानी की वॉटर बॉडीज के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक हाई पॉवर कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने अभी तक कोई ठोस कदम वॉटर बॉडीज को जिंदा रखने के लिए नहीं उठाए हैं, न ही इसके लिए कोई ठोस उपाय सुझाए हैं। उन्होंने जल विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि दिल्ली की जनसंख्या को देखते हुए यहां की कुल पानी की मांग 1200 एमजीडी है। सभी स्रोतों से कुल मिलकार 500 से 600 एमजीडी पानी ही मिल पाता है। इसमें से भी ज्यादातर पानी चोरी किया जाता है। इसे जलबोर्ड लीकेज की संज्ञा देता है। दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली में पानी की समस्या गर्मियों में भयावह हो जाती है।
सरकार ने बवाना, ओखला, द्वारका में करोड़ों रुपए की लागत से जल शोधन संयंत्र बनवाएं थे लेकिन 80 एमजीडी की क्षमता वाले ये तीनों जल शोधन संयंत्र बेकार पड़े हैं क्योंकि सरकार इन संयंत्रों तक कच्चा पानी नहीं पहुंचा पाई है। दिल्ली में हर वर्ष 40 एमजीडी पानी की मांग बढ़ रही है। यहां हर साल पांच लाख नए लोग रहने के लिए आ जाते हैं। इनके लिए बिजली-पानी, सीवर, आवास, रोजगार की समस्या का निदान सरकार को करना होगा। इसके लिए भी कोई ठोस योजना आज तक नहीं बनी है। दिल्ली के 40 फीसद लोग पानी के लिए निजी जल टैंकरों पर निर्भर हैं। इन पर कोई ठोस निगरानी की व्यवस्था सरकार ने नहीं की है।
दिल्ली जल बोर्ड ने हर साल की भांति इस बार भी समर एक्शन प्लान तैयार किया है ताकि गर्मियों के महीनों में पानी आपूर्ति की मांग बढ़ने के बावजूद लोगों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े। दिल्ली के लगभग 1.80 करोड़ निवासियों के लिए बेहतर एवं कुशल सेवाएं प्रदान करने का दावा किया गया है।
दिल्ली जल बोर्ड के दावों पर विश्वास करें तो जल शोधन संयंत्रों और संबंधित बुनियादी ढांचों के सभी रखरखाव कार्य पूरे हो चुके हैं, जिससे गर्मियों के महीनों में संयंत्रों को बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। चंद्रावल कच्चा जल पंप हाउस और भागीरथी जल उपचार संयंत्र के पुनरुद्धार का कार्य पूरा हो चुका है और इन दोनों संयंत्रों से ज्यादा पेयजल मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल की उपलब्धता में सुधार के लिए 162 अतिरिक्त ट्यूबवेल्स भी स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में लगभग 4400 दिल्ली जल बोर्ड के ट्यूबवेल्स और 15 रैनीवेल्स कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा पुरानी पानी की पाइप लाईन को बदलने तथा रिसावों और जलापूर्ति में प्रदूषण संबंधित शिकायतों को कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड, चरणबद्ध तरीके से नई पानी की लाइनें बिछा रहा है जिससे प्रतिस्थापन कार्य करते समय जलापूर्ति प्रणाली में बाधा न पहुंचे। पिछले साल 250 किलोमीटर लंबाई की पुरानी पाइप लाइनों को बदला गया था और 330 प्रमुख पानी की रिसावों की मरम्मत की गई थी। पानी की संवहन मुख्य लाईन में रिसावों की मरम्मत संयंत्र से प्रणाली को बाधित करने की आवश्यकता को देखते हुए योजना व निष्पादन कार्य किया जाएगा ताकि ग्रीष्म कालीन महीनों के दौरान उपभोक्ताओं को कम से कम कठिनाई हो।
दिल्ली जल बोर्ड ने अधिक गर्मी के समय पानी की कम आपूर्ति से संबंधित शिकायतों से निपटने और संतोषजनक उपाय प्रदान करने में अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले साल की शिकायतों के विश्लेषण से यह पता चला कि मुख्य रूप से शिकायतें 4 अनुरक्षण डिविजनों से प्राप्त हुई थी। इस गर्मी के लिए, दिल्ली जल बोर्ड ने इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सेवा वितरण में सुधार लाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं।
जल टैंकर सेवाओं में सुधार के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 23 अतिरिक्त फिलिंग प्वाइंट हाईड्रेंट का निर्माण किया है, 145 टैंकर फिलिंग हाईड्रेंट कार्यशील है, जिनसे टैंकर भरने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
टैंकर की आवाजाही की निगरानी में सुधार लाने के लिए दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम ने दिल्ली जल बोर्ड के लिए एक कुशल निगरानी तंत्र विकसित किया है। टैंकर वितरण सेवा को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पर टैंकरों की समय सारणी उपलब्ध कराई गई है। अभी टैंकर समूह में आधी संख्या की जानकारी दी गई है और पूरी टैंकर समूह को सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड को जल वितरण निगरानी प्रणाली, पीने योग्य पानी की निर्धारित बिंदु पर आपूर्ति, प्रत्येक स्थान पर पानी की मात्रा का प्रबंधन, पानी को अधिकृत रूप से भरने, टैकर समूह के उपयोग में वृद्धि, एस.एम.एस. सुविधा का प्रावधान सुनिश्चित करता है।
पानी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 22 अनुरक्षण विभागों ने कार्य योजना तैयार की है। दिल्ली जल बोर्ड ने क्षेत्रों में पाइप लईनों के अंतिम बिंदु को हटाने, मुख्य पानी की लाईन की सफाई और पानी की पुरानी पाइप लाइनों को बदलने आदि का कार्य पूरा कर लिया है। दिल्ली जल बोर्ड ने प्रत्येक जल भरण बिंदुओं पर टैंकर भरने की क्षमता को बढ़ाकर अपनी जल टैंकर सेवाओं की कार्य क्षमता में सुधार लाने की ओर विशेष ध्यान दिया है। बोर्ड ने टैंकरों के चक्करों की संख्या की पिछला ग्रीष्म ऋतु की तुलना में 4100 प्रति दिन से बढ़ाकर 5500 चक्कर प्रति दिन करने की योजना बनाई है। ऐसा पानी की आवश्यकता को देखते हुए किया गया है।
दिल्ली जल बोर्ड ने शहर के सभी भागों को कवर करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित 24 वॉटर इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाए हैं। ये कंट्रोल रूम चौबीस घंटे काम करते हैं। बोर्ड ने वॉटर इमरजेंसी कंट्रोल रूम के प्रभावी प्रबंधन और निगरानी के लिए संपर्क अधिकारी भी नियुक्त किए हैं जिससे शिकायतों का सही तरीके से समाधान किया जा सके। दिल्ली जल बोर्ड का प्रवर्तन विभाग कंट्रोल रूम और उपभोक्ता तक नियमित रूप से आकस्मिक जांच करेगा जिससे शिकायतों का समय पर समाधान किया जा सके।
दिल्ली जल बोर्ड ने सभी जल सुविधाओं जैसे कि जल शोधन संयंत्रों और मुख्य भूमिगत जलाशयों, पम्पिंग स्टेशनों में बिजली की नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बिजली कंपनियों से बैठकें की हैं। निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए पर्याप्त अतिरिक्त प्रबंधनों को सुनिश्चित करने के लिए इन सुविधाओं में डबल फीडर उपलब्ध कराए गए हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने सभी संयंत्रों और पम्पिंग स्टेशनों के लिए कीटाणुनाशक, कॉग्यूलेंट्स, स्पेयर पंपों, मोटरें आदि उपभोक्ता वस्तुओं की भंडारण स्थिति की भी समीक्षा की है।
दिल्ली के निवासियों के लिए आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता की पर्याप्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 6 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं सहित अपनी सभी 12 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं का संयंत्रों और पानी के नमूनों की गहन जांच करने के लिए उन्नयन किया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपूर्ति सुधार किया जा रहा है और पानी पीने योग्य है और बीआईएस के अनुसार निर्धारित पीने के पानी के मानकों को पूरा करता है।
इसके अलावा जल बोर्ड ने दिल्ली में जल वितरण को युक्तिसंगत बनाने के लिए तीन नए भूमिगत जलाशयों को आरंभ किया है। इससे प्राथमिक जलाशयों की संख्या 105 हो गई है। इन भूमिगत जलाशयों को सुल्तानपुर डबास, कुतुबगढ़ और रामलीला मैदान क्षेत्रों में शुरू किया गया है। इन भूमिगत जलाशयों के शुरू होने से उत्तर-पश्चिम और मध्य दिल्ली के कालोनियों में जल आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा।
जल शोधन संयंत्रों और संबंधित बुनियादी ढांचों के सभी रख-रखाव के कार्य पूरे हो चुके हैं, जिससे गर्मियों के महीनों में संयंत्रों को बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चंद्रावल कच्चा जल पंप हाउस और भागीरथी जल उपचार संयंत्र के पुनरुद्धार से संबंधित कार्य करीब-करीब पूरे हो चुके हैं। इन कार्यों का समयानुसार निष्पादन गर्मी के मौसम में इन दोनों संयंत्रों की ज्यादा उत्पादन क्षमता को सुनिश्चित करेगा।
पिछले साल पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल की उपलब्धता में सुधार के लिए 162 अतिरिक्त ट्यूबवेल्स भी स्थापित किए गए हैं। शहर की लगभग 80 मिलियन गैलन दैनिक भूजल की जल आपूर्ति प्रणाली में बोर्ड द्वारा बढ़ोत्तरी अतिरिक्त ट्यूबवेल्स की स्थापना से की गई है। वर्तमान में लगभग 4400 दिल्ली जल बोर्ड के ट्यूबवेल्स और 15 रैनीवेल्स प्रणाली में कार्य कर रहे हैं।
पुरानी पानी की लाइन प्रणाली को बदलने और रिसावों और जलापूर्ति में प्रदूषण संबंधित शिकायतों को कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड, चरणबद्ध तरीके से नई पानी की लाइनें बिछा रहा है, जिससे प्रतिस्थापन कार्य करते समय प्रणाली क्रियाशील रहे। पिछले साल 250 किलोमीटर लंबाई की पुरानी पाइप लाइनों को बदला गया था और 330 प्रमुख पानी की रिसावों की मरम्मत की गई थी। पानी की संवहन मुख्य लाइन में रिसावों की मरम्मत संयंत्र से प्रणाली को बाधित करने की जरूरत को देखते हुए योजना और निष्पादन कार्य किया जाएगा ताकि ग्रीष्म कालीन महीनों के दौरान उपभोक्ताओं को कम से कम कठिनाई हो।
बोर्ड ने दिल्ली में जल वितरण को युक्तिसंगत बनाने के लिए 3 नए भूमिगत जलाशयों को आरंभ किया है। इससे प्राथमिक जलाशयों की संख्या 105 हो गई है। इन भूमिगत जलाशयों को सुल्तानपुर डबास, कुतुबगढ़ और रामलीला मैदान क्षेत्रों में शुरू किया गया है। इन भूमिगत जलाशयों के शुरू होने से उत्तर-पश्चिम और मध्य दिल्ली की कॉलोनियों में जल आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा।
अधिक गर्मी के समय पानी की कम आपूर्ति से संबंधित शिकायतों से निपटने और संतोषजनक उपाय उपलब्ध कराने में अपनी क्षमता बढ़ाने पर बोर्ड ने ध्यान केंद्रित किया है। पिछले साल की शिकायतों के विश्लेषण से यह पता चला कि मुख्य रूप से शिकायतें 4 अनुरक्षण डिवीजनों से मिली थी। इस गर्मी के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सेवा वितरण में सुधार लाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं।
पानी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 22 अनुरक्षण विभागों ने कार्य योजना तैयार की है। दिल्ली जल बोर्ड ने क्षेत्रों में पाइप लाइनों के अंतिम बिंदु को हटाने, मुख्य पानी की लाइन की सफाई और पानी की पुरानी पाइप लाइनों को बदलने आदि का कार्य पूरा कर लिया है। दिल्ली जल बोर्ड ने हरेक जल भरण बिंदुओं पर टैंकर भरने की क्षमता को बढ़ाकर अपनी जल टैंकर सेवाओं की कार्य क्षमता में सुधार लाने की ओर विशेष ध्यान दिया है। बोर्ड ने टेंकरों के चक्करों की संख्या को पिछली ग्रीष्म ऋतु की तुलना में 4100 प्रति दिन से बढ़ाकर 5500 चक्कर प्रतिदिन करने की योजना बनाई है। ऐसा नियोजित-अनियोजित क्षेत्रों में बढ़ती पानी की मांग को पूरा करने की जरूरत को देखते हुए किया गया है।
जल टैंकर सेवाओं में सुधार के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 23 अतिरिक्त फिलिंग प्वांइट हाईड्रेंट का निर्माण किया है, 145 टैंकर फिलिंग हाईड्रेंट कार्यशील है, जिनसे टैंकर भरने की क्षमता में सुधार हुआ है। टैंकर की आवाजाही की निगरानी में सुधार लाने के लिए दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम ने दिल्ली जल बोर्ड के लिए एक कुशल निगरानी तंत्र विकसित किया है। टैंकर वितरण सेवा को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पर टैंकरों की समय सारणी उपलब्ध कराई गई है। अभी टैंकर समूह में आधी संख्या की जानकारी दी गई है और पूरी टैंकर समूह को सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड को जल वितरण निगरानी प्रणाली, पीने योग्य पानी की निर्धारित बिंदु पर आपूर्ति, हरेक स्थान पर पानी की मात्रा का प्रबंधन, पानी को अधिकृत रूप से भरने, टैंकर समूह के उपयोग में वृद्धि, एसएमएस सुविधा का प्रावधान सुनिश्चित करता है।
शहर के सभी भागों को कवर करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित 24 वॉटर इमरजंसी कंट्रोल रूम बनाए हैं। ये कंट्रोल रूम चौबीस घंटे काम करते हैं। बोर्ड ने वॉटर इमरजंसियों के प्रभावी/प्रबंधन और निगरानी के लिए इन कंट्रोल रूमों के लिए संपर्क अधिकारी भी मनोनीत किए हैं, जिससे शिकायतों का सही तरीके से समाधान किया जा सके। दिल्ली जल बोर्ड का प्रवर्तन विभाग कंट्रोल रूम और उपभोक्ता तक नियमित रूप से आकस्मिक जांच करेगा, जिससे शिकायतों का समय पर समाधान किया जा सके।
सभी जल सुविधाओं जैसे कि जल शोधन संयंत्रों और मुख्य भूमिगत जलाशयों, पंपिंग स्टेशनों में बिजली की नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बिजली कंपनियों से बैठकें की है। निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए पर्याप्त अतिरिक्त प्रबंधनों को सुनिश्चित करने के लिए इन सुविधाओं में डबल फीडर उपलब्ध कराए गए हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने सभी संयंत्रों और पंपिंग स्टेशनों के लिए कीटाणुनाशक, कॉग्यूलेंट्स, स्पेयर पंपों, मोटरें आदि उपभोक्ता वस्तुओं की भंडारण स्थिति की भी समीक्षा की है।
दिल्ली के निवासियों के लिए आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता की प्रयास निगरानी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 6 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं सहित अपनी सभी 12 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं का संयंत्रों और पानी के नमूनों की गहन जांच करने के लिए उन्नयन किया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपूर्ति सुधार किया जा रहा है और पानी पीने योग्य है और बीआइएस 10500: 2012 के अनुसार निर्धारित पीने के पानी के मानकों को पूरा करता है।
बोर्ड शहर में जल उत्पादन 830-835 मिलियन गैलन दैनिक क्षमता बनाए रखने और पानी की मांग को पूरा करने और अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए दिल्ली के नागरिकों से अनुरोध करता है कि पानी का युक्ति-संगत उपयोग और जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के लिए दक्ष पद्धतियों का उपयोग करें।
पानी के लिए हो रही हैं हत्याएं : हर्षवर्धन
लोगों की रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए युद्धस्तर पर समयबद्ध योजनाएं बनाने की जरूरत पर जोर दिया
भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन ने कहा है कि आज जब सारी दुनिया विश्व धरती दिवस मना रही है तो भारत की राजधानी दिल्ली में एक बाल्टी पानी के लिए आजादी के 66 साल बाद भी हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के प्राचीन जलाशयों को बचाया या पुनर्जीवित नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ियां हमें इसके लिए दोषी ठहराएंगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक देश आज अंतरिक्ष में बागवानी करके सब्जियां उगाने के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। भारत के लगभग 700 जिलों में से 500 जिले बिजली और पानी की कमी का संकट झेल रहे हैं। विश्व धरती दिवस पर हमें राजनीति से ऊपर उठकर जनता के लिए रोजमर्रा की जरूरी चीजों के लिए युद्धस्तर पर समयबद्ध योजनाएं बनानी होंगी तभी भारत वास्तविक तौर पर विकास पथ पर आगे बढ़ पाएगा।
हर्षवर्धन ने बताया कि दिल्ली के सभी दस जोंस में कुल 667 जलाशय हैं। इनमें से 145 जलाशय पूरी तरह सूख गए हैं। 307 जलाशयों की हालत दयनीय है। इन पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो ये भी इतिहास की चीज बन जाएंगे। पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी में स्थित संजय झील में अब कूड़ा डाला जा रहा है ताकि भूमाफिया झील को सुखा कर उस पर अवैध निर्माण करके करोड़ों का वारा न्यारा कर सकें। नॉर्थ ईस्ट जोन के तहत बुराड़ी इलाके में बनी झील इस समय 67 फीट गहरी है। यहां मौजूद कुल 19 जलाशयों में से 4 जलाशय कूड़ा डालकर पाट दिए हैं। शेष बचे जलाशयों पर भी भूमाफिया की गिद्धदृष्टि लगी हुई है।
हर्षवर्धन ने बताया कि वर्ष 2012 में उपराज्यपाल दिल्ली की अध्यक्षता में राजधानी की वॉटर बॉडीज के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक हाई पॉवर कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने अभी तक कोई ठोस कदम वॉटर बॉडीज को जिंदा रखने के लिए नहीं उठाए हैं, न ही इसके लिए कोई ठोस उपाय सुझाए हैं। उन्होंने जल विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि दिल्ली की जनसंख्या को देखते हुए यहां की कुल पानी की मांग 1200 एमजीडी है। सभी स्रोतों से कुल मिलकार 500 से 600 एमजीडी पानी ही मिल पाता है। इसमें से भी ज्यादातर पानी चोरी किया जाता है। इसे जलबोर्ड लीकेज की संज्ञा देता है। दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली में पानी की समस्या गर्मियों में भयावह हो जाती है।
सरकार ने बवाना, ओखला, द्वारका में करोड़ों रुपए की लागत से जल शोधन संयंत्र बनवाएं थे लेकिन 80 एमजीडी की क्षमता वाले ये तीनों जल शोधन संयंत्र बेकार पड़े हैं क्योंकि सरकार इन संयंत्रों तक कच्चा पानी नहीं पहुंचा पाई है। दिल्ली में हर वर्ष 40 एमजीडी पानी की मांग बढ़ रही है। यहां हर साल पांच लाख नए लोग रहने के लिए आ जाते हैं। इनके लिए बिजली-पानी, सीवर, आवास, रोजगार की समस्या का निदान सरकार को करना होगा। इसके लिए भी कोई ठोस योजना आज तक नहीं बनी है। दिल्ली के 40 फीसद लोग पानी के लिए निजी जल टैंकरों पर निर्भर हैं। इन पर कोई ठोस निगरानी की व्यवस्था सरकार ने नहीं की है।
दिल्ली जल बोर्ड ने जारी किया समर एक्शन प्लान
नेशनल दुनिया से साभार
दिल्ली जल बोर्ड ने हर साल की भांति इस बार भी समर एक्शन प्लान तैयार किया है ताकि गर्मियों के महीनों में पानी आपूर्ति की मांग बढ़ने के बावजूद लोगों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े। दिल्ली के लगभग 1.80 करोड़ निवासियों के लिए बेहतर एवं कुशल सेवाएं प्रदान करने का दावा किया गया है।
दिल्ली जल बोर्ड के दावों पर विश्वास करें तो जल शोधन संयंत्रों और संबंधित बुनियादी ढांचों के सभी रखरखाव कार्य पूरे हो चुके हैं, जिससे गर्मियों के महीनों में संयंत्रों को बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। चंद्रावल कच्चा जल पंप हाउस और भागीरथी जल उपचार संयंत्र के पुनरुद्धार का कार्य पूरा हो चुका है और इन दोनों संयंत्रों से ज्यादा पेयजल मिलने की उम्मीद है।
162 अतिरिक्त ट्यूबवेल स्थापित
दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल की उपलब्धता में सुधार के लिए 162 अतिरिक्त ट्यूबवेल्स भी स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में लगभग 4400 दिल्ली जल बोर्ड के ट्यूबवेल्स और 15 रैनीवेल्स कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा पुरानी पानी की पाइप लाईन को बदलने तथा रिसावों और जलापूर्ति में प्रदूषण संबंधित शिकायतों को कम करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड, चरणबद्ध तरीके से नई पानी की लाइनें बिछा रहा है जिससे प्रतिस्थापन कार्य करते समय जलापूर्ति प्रणाली में बाधा न पहुंचे। पिछले साल 250 किलोमीटर लंबाई की पुरानी पाइप लाइनों को बदला गया था और 330 प्रमुख पानी की रिसावों की मरम्मत की गई थी। पानी की संवहन मुख्य लाईन में रिसावों की मरम्मत संयंत्र से प्रणाली को बाधित करने की आवश्यकता को देखते हुए योजना व निष्पादन कार्य किया जाएगा ताकि ग्रीष्म कालीन महीनों के दौरान उपभोक्ताओं को कम से कम कठिनाई हो।
शिकायत वाले चार डिविजनों पर ज्यादा फोकस
दिल्ली जल बोर्ड ने अधिक गर्मी के समय पानी की कम आपूर्ति से संबंधित शिकायतों से निपटने और संतोषजनक उपाय प्रदान करने में अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले साल की शिकायतों के विश्लेषण से यह पता चला कि मुख्य रूप से शिकायतें 4 अनुरक्षण डिविजनों से प्राप्त हुई थी। इस गर्मी के लिए, दिल्ली जल बोर्ड ने इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सेवा वितरण में सुधार लाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं।
23 अतिरिक्त फिलिंग प्वाइंट्स
जल टैंकर सेवाओं में सुधार के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 23 अतिरिक्त फिलिंग प्वाइंट हाईड्रेंट का निर्माण किया है, 145 टैंकर फिलिंग हाईड्रेंट कार्यशील है, जिनसे टैंकर भरने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
टैंकर की आवाजाही की निगरानी में सुधार लाने के लिए दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम ने दिल्ली जल बोर्ड के लिए एक कुशल निगरानी तंत्र विकसित किया है। टैंकर वितरण सेवा को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पर टैंकरों की समय सारणी उपलब्ध कराई गई है। अभी टैंकर समूह में आधी संख्या की जानकारी दी गई है और पूरी टैंकर समूह को सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड को जल वितरण निगरानी प्रणाली, पीने योग्य पानी की निर्धारित बिंदु पर आपूर्ति, प्रत्येक स्थान पर पानी की मात्रा का प्रबंधन, पानी को अधिकृत रूप से भरने, टैकर समूह के उपयोग में वृद्धि, एस.एम.एस. सुविधा का प्रावधान सुनिश्चित करता है।
अन्य कार्ययोजना
पानी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 22 अनुरक्षण विभागों ने कार्य योजना तैयार की है। दिल्ली जल बोर्ड ने क्षेत्रों में पाइप लईनों के अंतिम बिंदु को हटाने, मुख्य पानी की लाईन की सफाई और पानी की पुरानी पाइप लाइनों को बदलने आदि का कार्य पूरा कर लिया है। दिल्ली जल बोर्ड ने प्रत्येक जल भरण बिंदुओं पर टैंकर भरने की क्षमता को बढ़ाकर अपनी जल टैंकर सेवाओं की कार्य क्षमता में सुधार लाने की ओर विशेष ध्यान दिया है। बोर्ड ने टैंकरों के चक्करों की संख्या की पिछला ग्रीष्म ऋतु की तुलना में 4100 प्रति दिन से बढ़ाकर 5500 चक्कर प्रति दिन करने की योजना बनाई है। ऐसा पानी की आवश्यकता को देखते हुए किया गया है।
24 इमरजेंसी कंट्रोल रूम
दिल्ली जल बोर्ड ने शहर के सभी भागों को कवर करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित 24 वॉटर इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाए हैं। ये कंट्रोल रूम चौबीस घंटे काम करते हैं। बोर्ड ने वॉटर इमरजेंसी कंट्रोल रूम के प्रभावी प्रबंधन और निगरानी के लिए संपर्क अधिकारी भी नियुक्त किए हैं जिससे शिकायतों का सही तरीके से समाधान किया जा सके। दिल्ली जल बोर्ड का प्रवर्तन विभाग कंट्रोल रूम और उपभोक्ता तक नियमित रूप से आकस्मिक जांच करेगा जिससे शिकायतों का समय पर समाधान किया जा सके।
दिल्ली जल बोर्ड ने सभी जल सुविधाओं जैसे कि जल शोधन संयंत्रों और मुख्य भूमिगत जलाशयों, पम्पिंग स्टेशनों में बिजली की नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बिजली कंपनियों से बैठकें की हैं। निरंतर विद्युत आपूर्ति के लिए पर्याप्त अतिरिक्त प्रबंधनों को सुनिश्चित करने के लिए इन सुविधाओं में डबल फीडर उपलब्ध कराए गए हैं। दिल्ली जल बोर्ड ने सभी संयंत्रों और पम्पिंग स्टेशनों के लिए कीटाणुनाशक, कॉग्यूलेंट्स, स्पेयर पंपों, मोटरें आदि उपभोक्ता वस्तुओं की भंडारण स्थिति की भी समीक्षा की है।
दिल्ली के निवासियों के लिए आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता की पर्याप्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने 6 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं सहित अपनी सभी 12 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं का संयंत्रों और पानी के नमूनों की गहन जांच करने के लिए उन्नयन किया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपूर्ति सुधार किया जा रहा है और पानी पीने योग्य है और बीआईएस के अनुसार निर्धारित पीने के पानी के मानकों को पूरा करता है।
जलाशयों की संख्या बढ़कर हुई 105
इसके अलावा जल बोर्ड ने दिल्ली में जल वितरण को युक्तिसंगत बनाने के लिए तीन नए भूमिगत जलाशयों को आरंभ किया है। इससे प्राथमिक जलाशयों की संख्या 105 हो गई है। इन भूमिगत जलाशयों को सुल्तानपुर डबास, कुतुबगढ़ और रामलीला मैदान क्षेत्रों में शुरू किया गया है। इन भूमिगत जलाशयों के शुरू होने से उत्तर-पश्चिम और मध्य दिल्ली के कालोनियों में जल आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा।
दैनिक भास्कर से साभार
पानी की आपूर्ति के स्रोत
जल संयंत्र
1. | चंद्रावल | 92.5 एमजीडी |
2. | वजीराबाद | 122 एमजीडी |
3. | हैदरपुर | 206 एमजीडी |
4. | नांगलोई | 40.5 एमजीडी |
5. | ओखला | 8.5 एमजीडी |
6. | भागीरथी | 98 एमजीडी |
7. | सोनिया विहार | 138.5 एमजीडी |
गंदे पानी के शोधन से आपूर्ति
वजीरापुर | 10.5 एमजीडी |
हैदरपुर | 15.5 एमजीडी |
भागीरथी | 4.5 एमजीडी |
रेनीवेल्स और ट्यूबवेल्स | 80 एमजीडी |
कुल पानी की आपूर्ति | 816.5 एमजीडी |
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