गर्मी में जल संकट और दून का कल

 

बीते डेढ़ दशक में आबादी का ग्राफ 40 फीसद तक बढ़ गया और उसके अनुसार धड़ाधड़ 235 नलकूप (ट्यूबवेल) लगा दिये गये। लेकिन भूजल रिचार्ज की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। जिसका नतीजा है कि शहर के 20 नलकूपों के पानी में प्रति मिनट 13,255 लीटर डिस्चार्ज की कमी आई है।

आग उगलते सूरज की तपिश के कारण बीते तीन महीने में तकरीबन एक करोड़ 72 लाख लीटर पानी रसातल में चला गया। इसके कारण रायपुर क्षेत्र से लेकर राजपुर तक की लगभग 80 हजार की आबादी के सामने जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है।

जल संस्थान की मानें तो गर्मी और चढ़ते पारे के कारण दून को जलापूर्ति करने वाले पाँच प्रमुख जलस्रोतों का पानी तेजी से सूख रहा है। सर्दियों के बाद मार्च से अब तक इन सभी स्रोतों का डिस्चार्ज एक करोड़ 72 लाख लीटर पानी कम हुआ है। अकेले बांदल स्रोत में ही पिछले 15 दिन में 60 फीसद डिस्चार्ज कम हो गया। स्थिति नियंत्रित करने को लेकर जल संस्थान ने टैंकर और सप्लाई का शेड्यूल बदलने की तैयारी कर ली है।

बता दें कि शहर में पानी की आपूर्ति के लिये मासी फॉल, ग्लोकी, बांदल कोल्हूखेत एक और दो जलस्रोत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सामान्य दिनों में इन स्रोतों से प्रतिदिन तीन करोड़ 73 लाख लीटर पानी उपलब्ध होती है, जिससे शहर की लगभग दो लाख 80 हजार की आबादी को पानी की सप्लाई दी जाती है।

इस साल कम बारिश होने से जलस्रोत रिचार्ज नहीं हो पाये। बढ़ती गर्मी के साथ ही लगातार इन स्रोतों का पानी कम होता गया। जल संस्थान ने जब इन स्रोतों का डिस्चार्ज मापा तो हकीकत सामने आई। अब स्रोतों से पानी की आपूर्ति तीन करोड़ 73 लाख लीटर से घटकर दो करोड़ के करीब पहुँच गई है। इससे शहर के कई इलाकों में पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है। स्थिति ये है कि रोजाना 100 से अधिक पेयजल संकट से जुड़ी शिकायतें आ रही हैं। वहीं कम हुए डिस्चार्ज से रोजाना करीब सवा लाख लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है।

जरूरी नहीं समझा भूजल संवर्द्धन

पानी को लेकर पैदा हो रही गम्भीर समस्या की ओर जल संस्थान अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। सूखते जलस्रोतों के संवर्द्धन के बजाय अधिकारी ट्यूबवेल लगाते जा रहे हैं। बीते डेढ़ दशक में आबादी का ग्राफ 40 फीसद तक बढ़ गया और उसके अनुसार धड़ाधड़ 235 नलकूप (ट्यूबवेल) लगा दिये गये। लेकिन भूजल रिचार्ज की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। जिसका नतीजा है कि शहर के 20 नलकूपों के पानी में प्रति मिनट 13,255 लीटर डिस्चार्ज की कमी आई है।

बांदल जलस्रोत पर निर्भर 50 हजार की आबादी

दून की 50 हजार से भी ज्यादा आबादी बांदल जलस्रोत पर निर्भर है। स्रोत से राजपुर रोड से लेकर घंटागर और नजदीक के सभी इलाकों में पेयजल की सप्लाई की जाती है। हालात यह है कि पहले जहाँ इस स्रोत से 17 एमएलडी पानी की सप्लाई हो रही थी वह आधे से कम यानी छह एमएलडी रह गई है।

इन इलाकों में पड़ा असर

सलाणगाँव, बमणगाँव, मनियारवाला, भगवंतपुर, भण्डार गाँव, दानियूका डांडा, कुठालगाँव, बगरियाल गाँव, कृषाली, अम्मावाला, कुठालगेट से मसूरी डायवर्जन के दोनों तरफ का क्षेत्र, जाखन, राजपुर, राजपुर रोड, शहनशाही आश्रम, दून बिहार , अनारवाला, नयागाँव, जोहड़ी, गुच्चूपानी, आर्यनगर, कैनाल रोड, चन्द्रलोक कॉलोनी, मालदेवता, रायपुर रोड, तपोवन, डीएल, ओल्ड सर्वे रोड, हाथीबडकला, सालावाला, विजय कॉलोनी, बकरालवाला आदि।

अब तक 2500 शिकायतें

मई में जल संस्थान के शिकायत केन्द्र में शिकायतों की संख्या भी बढ़ गई है। इन दिनों रोजाना 100 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। 1 मई से अब तक लगभग ढाई हजार शिकायतें मिल चुकी हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादातर शिकायतें बांदल को लेकर ही हैं। चिन्ताजनक 1. ढाई लाख की आबादी को करना पड़ सकता है मुश्किलों का सामना। 2. दून के रायपुर क्षेत्र से लेकर राजपुर तक की 80,000 आबादी झेल रही जलसंकट। 3. बीते 15 दिनों में साठ फीसद तक गिरा बांदल स्रोत सा डिस्चार्ज। 4. भूजल के स्तर में आ रही गिरावट भी है चिन्ता का विषय।

 

 

जलस्रोतों के डिस्चार्ज की स्थिति

स्रोत

पहले उपलब्धता

अब

बांदल
एक करोड़
60 लाख
मासी फॉल
एक करोड़ 40 लाख
75 लाख
कोल्हूखेत एक
तीन लाख
00
कोल्हूखेत दो
10.80 लाख
6.48 लाख
ग्लोकी
एक करोड़ 20 लाख
60 लाख
कुल
3.73 करोड़
2.01 करोड़
नोट- पानी की मात्रा लीटर प्रतिदिन में

 

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