गंगा में प्रदूषण रोकने के लिये खर्च होंगे 1200 करोड़

गंगा
गंगा


देहरादून: गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण रोकने के लिये जर्मन डेवलपमेंट बैंक उत्तराखण्ड को 1200 करोड़ रुपए का ऋण देगा। बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में वित्त मंत्री प्रकाश पन्त व केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की मौजूदगी में बैंक और उत्तराखण्ड सरकार के मध्य अनुबन्ध पर हस्ताक्षर हुए।

प्रदेश सरकार की ओर से सचिव पेयजल एवं स्वच्छता अरविन्द सिंह ह्यांकी ने हस्ताक्षर किये। परियोजना के तहत ऋषिकेश, हरिद्वार नगर और उसके आस-पास के इलाकों में घरेलू सीवेज लाइन बिछाई जाएगी और सीवेज पम्पिंग स्टेशन स्थापित होंगे। परियोजना के तहत ऐसे उपाय किए जाएँगे कि गंगा में सीवेज का पानी शोधन के बाद ही प्रवाहित होगा।

परियोजना का काम छह साल में पूरा किया जाएगा। इसके बाद 15 साल तक केन्द्र सरकार परियोजना के तहत कराए गए कार्यों के रख-रखाव के लिये नमामि गंगे के तहत धनराशि देगी। पेयजल मंत्री प्रकाश पन्त ने इसे एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया है।

ऋण का 10 फीसदी ही लौटना होगा

राज्य सरकार को कुल ऋण की केवल 10 फीसदी राशि ही लौटानी होगी। नब्बे फीसदी ऋण की वापसी का दायित्व केन्द्र सरकार वहन करेगी। ऋण अनुबन्ध के तहत कुल परियोजना लागत 150 मिलियन यूरो यानी करीब 1200 करोड़ है। इसमें से 120 मिलियन यूरो 960 करोड़ ऋण केन्द्र का अंश होगा और 30 मिलियन यूरो लगभग 240 करोड़ राज्य सरकार को स्टेट काउंटर पार्ट फंडिंग के रूप में वहन करना होगा।

परियोजना के तहत ये कार्य होंगे

1. हरिद्वार व उससे सटे हरिपुर कला, जगजीतपुर, सीतापुर एवं सराय में 181.50 किमी सीवर नेटवर्क बिछेगा 14 सीवेज पम्पिंग स्टेशन बनाए जाएँगे।
2. ऋषिकेश नगर व उससे सटे प्रगति बिहार, शैल बिहार, इन्दिरा नगर, मीरा नगर, खड़कमाफी, शिवजी नगर, वीरपुर खुर्द , बापूग्राम, आमबाग एवं निर्मलबाग में 180 किमी. सीवर नेटवर्क बिछेगा। दो सीवेज पम्पिंग स्टेशन और दो एमएलडी क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लाण्ट लगेगा।

ऋषिकेश हरिद्वार में पूरी तरह से स्वच्छ हो जाएगी गंगा

माना जा रहा है कि परियोजना के धरातल पर उतरने के बाद ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा पूरी तरह से स्वच्छ हो जाएगी। दोनों नगरों में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत पूर्व से ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा नालों के डायवर्जन का कार्य चल रहा है। करार के बाद सीवर नेटवर्क के आवश्यक कार्य भी पूरे हो जाएँगे।

“राज्य के लिये यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस ऋण से राज्य में घरेलू सीवर का नालों में अथवा सीधे गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में हो रहे प्रवाह को रोकने में मदद मिलेगी। हम केन्द्र सरकार और जर्मन डेवलपमेंट बैंक के इस सहयोग के आभारी हैं” -प्रकाश पन्त, पेयजल मंत्री

 

 

TAGS

ganga pollution in hindi, uttarakhand in hindi, german development bank in hindi, sewage treatment in hindi, haridwar in hindi, rishikesh in hindi, namami gange in hindi, sewer network in hindi

 

 

Path Alias

/articles/gangaa-maen-paradauusana-raokanae-kae-laiyae-kharaca-haongae-1200-karaoda

Post By: editorial
×