गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए 194 दिनों से अनशन कर रहे हरिद्वार के मातृ सदन के आत्मबोधानंद ने नेशनल क्लीन मिशन फाॅर गंगा के निदेशक के लिखित आश्वासन के बाद अपने अनशन को विराम दे दिया है। हालांकि मातृ सदन ने ये भी कहा है कि लिखित आश्वासन के अनुरूप अगर काम नहीं हुआ तो मातृ सदन गंगा की अविरलता के लिए फिर से अनशन पर बैठेगा।
गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन पर बैठे आत्मबोधानंद 24 अक्टूबर 2018 से अनशन पर बैठे थे। जिसके बाद 29 नवंबर 2018 को प्रशासन ने उनको जबरन उठकर एम्स अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनके स्वास्थ्य में ज्यादा गिरावट आने लगी। आत्मबोधानंद को लगा कि उनको यहां पर मारने की कोशिश की जा रही है, इसलिए वे बिना किसी को बताये अपने अनुयायी के साथ मातृ सदन लौट आये।
आश्रम में लौटने के बाद आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य में काफी सुधार आया। लेकिन शासन और प्रशासन ने इसके बाद भी उन पर ध्यान नहीं दिया, वे फिर भी अनशन पर बैठे रहे। जिसके बाद आत्मबोधानंद ने घोषणा कर दी कि वे 27 अप्रैल 2019 से जल त्यागेंगे। लेकिन जल त्यागने से कुछ दिन पहले ही नेशनल क्लीन मिशन फाॅर गंगा के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा आत्मबाधोनंद से मिलने मातृसदन आये और उनसे बात की।
नेशनल क्लीन मिशन फाॅर गंगा के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने आत्मबोधानंद की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। मातृसदन ने सारे आश्वासन को लिखित रूप से मांगा और उसके लिए 2 मई तक का समय दिया। आत्मबोधानंद ने अपना अनशन 2 मई 2019 तक टाल दिया। इसी बीच मातृसदन ने अवैध खनन पर एक चिट्ठी प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी और एक एनएमसीजी के डायरेक्टर को भेजी। जिसके बाद हरिद्वार के एनएमसीजी ने हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत से पिछले छः महीने में अवैध खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी और साथ ही धरातल पर हुये उसके असर के बारे में भी रिपोर्ट में बताने को कहा।
2 मई 2019 से पहले नमामि गंगे को देखते हुये आत्मबोधानंद ने अपने अनशन को 2 दिन के लिए स्थगित कर दिया था। शनिवार को जब उनके दो दिन पूरे होने को थे तो एसडीएम कुसुम चौहान, सर्किल अधिकारी विजेंद्र दत्त सीओ व एसओ के साथ पूरी पुलिस टीम मातृसदन पहुंची। लेकिन इस बीच एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक रोजी अग्रवाल और देहरादून यूनिट प्रभारी प्रभात राज लिखित आश्वासन लेकर मातृसदन पहुंचे। उन्होंने मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद को लिखित आश्वासन दिया। जिसके बाद एनएमसीजी के यूनिट प्रभारी प्रभात राज ने जूस पिलाकर आत्मबोधानंद का अनशन तोड़ा और इस तरह 194 दिनों के बाद आत्मबोधानंद ने अपने अनशन को विराम दिया।
मातृसदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने बताया कि एनएमसीजी ने लिखित में आश्वासन दे दिया है और सारी रिपोर्टें भी दी हैं जो अवैध खनन पर हुई कार्रवाई पर मांगी गई थी। शिवानंद ने आखिर में कहा कि अगर इन मांगों पर शासन ने कार्रवाई नहीं की तो मातृसदन फिर से अनशन पर बैठेगा। गंगा की निर्मलता के लिए इससे पहले स्वामी सानंद ने भी गंवाई थी अपनी जान। 22 जून 2018 को स्वामी सानंद अनशन पर बैठे थे और अनशन के 112वें दिन यानि 11 अक्टूबर 2018 को उनका देहांत हो गया था।
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