गंगा की अविरलता के लिए संदेश यात्रा

राष्ट्रीय सहारा, देहरादून। 25 अप्रैल 2019

उत्तराखंड के पंच प्रयागों की रक्षा और गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए जल बिरादरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह उत्तराखंड में सात दिवसीय भ्रमण कर प्रदेश में गंगा की अविरलता के लिए संदेश यात्रा निकालेंगे। जल पुरुष की संदेश यात्रा तीन जून को देहरादून से शुरू होगी।

बुधवार को सुभाष रेड स्थित रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेस वार्ता में जल बिरादरी की प्रदेश अध्यक्षा बीना चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए संत-समाज आंदोलनरत और अनशनरत हैं। प्रदेश सरकार उनकी अनदेखी कर इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जिससे गंगा की अविरलता और पंच प्रयाग खतरे में है। उन्होंने कहा कि पंच प्रयागों की रक्षा व गंगा की अविरलता के लिए तीन जून से देहरादून में ऋषिकेश में राजेन्द्र सिंह संदेश यात्रा निकालकर लोगों को जागरूक करेंगे। उसके बाद चार जून को देव प्रयाग और पांच को पौड़ी जाएंगे। यहाँ श्रीनगर गढ़वाल में जनसभा करेंगे। छः जून को रुद्र प्रयाग, कर्णप्रयाग, विष्णु प्रयाग पहुंचेंगे। सात जून को देश के अंतिम गांव बद्रीनाथ माना में जाकर जनसभा करेंगे। गढ़वाल का भ्रमण करते के बांद कुमाऊं मंडल के लिए प्रस्थान करेंगें।

उन्होंने कहा कि कि प्रदेश में बन रहे बड़े बांधों से हमारी धरोहरों को नुकसान पहुँच रहा है। इन बांधों का पूर्ण रूप से विरोध किए जाने की जरूरत है। उनके द्वारा श्रीनगर गढ़वाल के बांध को विरोध किया गया था। लेकिन उसके बाद भी सरकार नहीं चेती। उन्होंने कहा कि बांध बनाएँ जाने से संगम सेथलों को डुबोने का प्रयास किया जा रहा है। और देवंप्रयाग से ऋषिकेश तक कोटली भेज फेज एक से तीन विद्युत परियोजना की स्वीकृति इन सरकारों ने बांध माफियां को दे दी है। इन बांधों से यहां के बचे गांववालों को लालच देकर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इससे यहां के लोग पलायन होने की मजबूर हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों की धरोहर देवप्रयाग संगम के स्थान को भी झील में डुबाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे यहां के स्थानीय लोगों को विकास का कोई लाभ नहीं मिलेगा। उसके बाद धीरे-धीरे सरकारें उत्तराखंड के पांचों प्रयागों को बांध माफिया को बेच देंगी। हमारे हाथ केवल सड़ा-गला जल ही बच पाएगा। इस मौके पर मनोज ध्यानी, शीशपाल सिंह बिष्ट व राजेंद्र प्रधान आदि मौजूद थे।

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Post By: RuralWater
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