1. राज्यों तथा जल संसाधन मंत्रालय के सुझावों के अनुसार 5 राज्यों में 24 आदर्श ‘गंगा ग्राम’ विकसित किये जाएँगे।
2. उत्तराखण्ड में 3 गाँव, उत्तर प्रदेश में 10, बिहार में 4, झारखण्ड में 5 और पश्चिम बंगाल में 2 गाँव चिन्हित किये गए हैं।
3. राज्य/मंत्रालय क्रियान्वयन और निगरानी के लिये जिला एवं राज्य-स्तरों पर संसाधन आवंटित करेंगे।
4. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) समूची प्रायोगिक परियोजना का समन्वय करेंगे।
गंगा ग्रामों की विशेषताएँ (एनएमसीजी के दिशा-निर्देश)
1. परिवारों में 100 प्रतिशत शौचालयों के साथ खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) गाँव
2. नालियों की प्रणाली के जरिए अपशिष्ट जल की समुचित निकासी
3. ठोस कचरे का समुचित निपटारा
4. वर्षाजल संचयन/भूजल आपूर्ति/कुओं तथा तालाबों के रख-रखाव समेत जल संरक्षण की गतिविधियाँ
5. औषधीय पौधों और जैविक खेती को प्रोत्साहन देना।
गंगा ग्रामों की विशेषताएँ (एनएमसीजी दिशा-निर्देश)
1. आधुनिक तकनीकों वाले शमशान स्थलों का निर्माण
2. गाँव के तालाबों की मरम्मत
3. छिड़काव के जरिए सिंचाई को बढ़ावा देना
4. पर्यटन को प्रोत्साहन
5. गंगा ग्रामों में केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के बीच तालमेल बिठाना तथा उनका क्रियान्वयन प्राथमिकता के साथ करना।
गंगा तट को खुले में शौच से मुक्त कराने की राह की चुनौतियाँ
1. भारी संख्या तथा बड़ा भौगोलिक दायरा
2. राज्यों में बालू की अनुपलब्धता
3. गंगा के मैदान में बाढ़
4. उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव
5. दियरा गाँवों की समस्याएँ
6. बिहार में विभागों में बदलाव जैसे प्रशासनिक मुद्दे
7. धन की अनुपलब्धता
उपाय
1. जिलाधिकारियों के लिये विशेष अनुकूलन कार्यक्रम
2. सीएलटीएस तथा व्यवहार परिवर्तन के लिये आभासी कक्षाएँ
3. इलाहाबाद में 20 अगस्त, 2016 को गंगा ग्राम पंचायत सम्मेलन
4. एसबीएम-जी मशीनरी तथा धन का प्रयोग किया गया
5. प्रधानमंत्री, जल संसाधन एवं गंगा पुनर्जीवन मंत्री और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री से लगातार मार्गदर्शन
6. पीएमओ, कैबिनेट सचिव की ओर से लगातार समीक्षा
7. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव, नोडल अधिकारी और टीम द्वारा सख्त जाँच
9. राज्यों के साथ सभी स्तरों पर लगातार संवाद
ग्राम स्तर पर क्रियान्वयन के लिये रणनीति
1. स्थिति का विश्लेषण
2. आधार सामग्री
3. सामुदायिक सहभागिता अभियान के जरिए गुणात्मक जानकारी का संग्रह
4. सामुदायिक परामर्श तथा क्षमता निर्माण
5. क्रियान्वयन, निगरानी एवं मूल्यांकन के लिये सामुदायिक-स्तर के संस्थानों का निर्माण
6. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करना
7. क्रियान्वयन के लिये चरणवार कार्ययोजना तैयार करना
8. डीपीआर तथा कार्ययोजना को ग्रामसभा में समुदाय द्वारा स्वीकृति मिलना
9. कार्ययोजना का क्रियान्वयन।
राज्य/मंत्रालय स्तर पर क्रियान्वयन के लिये रणनीति
1. राज्य/जिला-स्तर पर अनुकूलन एवं परामर्श
2. नोडल अधिकारियों की नियुक्ति
3. विभिन्न विभागों के साथ सभी तीन स्तरों पर तालमेल
4. धनराशि एनएमसीजी/अन्य सम्बन्धित मंत्रालयों से प्राप्त होगी
5. घटनाक्रम एवं कार्य साझा करना।
आगामी कदम
1. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा राज्यों/जिलों के साथ प्रारम्भिक विचार-विमर्श।
2. 12 अगस्त, 2017 को इलाहाबाद में गंगा ग्राम परियोजना का शुभारम्भ।
3. कार्य आवंटन के लिये मंत्रालय/राज्य-स्तरीय विचार-विमर्श
4. ठोस एवं तरल कचरा प्रबन्धन के लिये समुचित नमूने तलाशना तथा लागू करना।
5. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का संयुक्त दल कार्य की निगरानी करेगा।
स्वच्छ-a-thon 1.0 केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, साफ-सफाई और स्वच्छता से सम्बन्धित मुद्दों पर अभिनव विचार प्राप्त करने के लिये ‘स्वच्छ-a-thon 1.0’ नामक स्वच्छ भारत हैथॉन का आयोजन कर रहा है। राउंड एक 2 अगस्त से 25 अगस्त, 2017 तक सम्पन्न हो चुका है। राउंड 2 हैथॉन 07 सितम्बर, 2017 को शुरू होगा। 08 सितम्बर को ग्रैंड फाइनल होगा। इस सम्बन्ध में ऑनलाइन प्रविष्टियाँ जमा करने के लिये एक विशेष पोर्टल 02 अगस्त, 2017 से ऑनलाइन कर दिया गया है (http://innovate.mygov.in/swachhathon-1.0/) मंत्रालय ने निम्नलिखित श्रेणियों में अभिनव समाधान आमंत्रित किये हैं- 1. पहाड़ी, सूखा, बाढ़ प्रभावित और दूर-दराज के इलाकों के लिये अभिनव, सतत, पर्यावरण अनुकूल और सस्ती शौचालय प्रौद्योगिकी। 2. शौचालयों के उपयोग पर निगरानी के लिये प्रौद्योगिकी समाधान। 3. शौचालय प्रयोग और स्वच्छता के सम्बन्ध में लोगों के व्यवहार एवं सोच में परिवर्तन लाने के लिये प्रौद्योगिकीय समाधान। 4. विद्यालयों के शौचालय के संचालन एवं देख-रेख को बेहतर करने के लिये अभिनव मॉडल और तरीके। 5. मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रबन्धन (एमएचएम) के लिये अभिनव समाधान। 6. मल पदार्थों के जल्द अपघटन के लिये अभिनव समाधान। पात्रता मापदण्ड 1. हैथॉन में कोई भी व्यक्ति (विदेशी भी) शामिल हो सकता है। उम्र की कोई सीमा नहीं है। 2. स्कूल, कॉलेज के छात्रों, व्यवसायियों, संस्थानों, स्टार्टअप सहित व्यक्तियों/व्यक्तियों के समूह/टीम द्वारा प्रविष्टियाँ जमा की जा सकती हैं, पर ध्यान रहे कि एक टीम में अधिकतम 10 प्रतिभागी ही शामिल हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिये www.mygov.inपोर्टल देखें। |
नए भारत के लिये ‘संकल्प से सिद्धि’ छवि वाला प्रतीक चिन्ह बनाएँ 1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संकल्प से सिद्धि’ के आह्वान को आगे बढ़ाते हुए नागरिकों को ‘नए भारत’ का प्रतीक चिन्ह अर्थात लोगों बनाने के लिये आमंत्रित किया जाता है, जो 2017 से 2022 तक सभी भारतीयों को साथ लेकर चलने वाले इस आन्दोलन की आकांक्षाओं एवं भावना को प्रकट करे। 2. 2022 तक नए भारत के निर्माण की बुनियाद डालने वाला 2017 का संकल्प उसे लोगो से झलकना चाहिए। लोगो का प्रयोग सरकार तथा नागरिक नए भारत के निर्माण हेतु अपने एकजुट प्रयासों को प्रकट करने के लिये करेंगे। इसीलिये चुना गया लोगो अगले पाँच वर्षों में भारत में सबसे ज्यादा दिखने वाले चिन्हों में शामिल होगा। 3. प्रविष्टियाँ जमा करने की अन्तिम तिथि 23 सितम्बर, 2017 है। अधिक विवरण www.mygov.in पर देखें। |
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