गहता आथा गहतो ऊगै।
तोऊ चोखी साख न पूगै।।
शब्दार्थ- गहता-ग्रहण। आथा-अस्त। ऊगै-उदय।
भावार्थ- यदि ग्रहण ग्रस्तोदय (लगा हुआ ही उदय) और ग्रसातास्त (लगा हुआ अस्त) हो तो फसल अच्छी नहीं होगी।
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