गहिर न जोतै बोवै धान


गहिर न जोतै बोवै धान।
सो घर कोठिला भरै किसान।।


शब्दार्थ- गहिर-गहरा।

भावार्थ- धान के खेत को अधिक गहरा नहीं जोतना चाहिए। कम जोत कर धान लगाने पर पैदावार इतनी अधिक होगी कि उसके घर के कोठिले धान से भर जायेंगे।

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Post By: tridmin
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