गेहूँ बाहा धान बिदाहा।
ऊख गोड़ाई से है आहा।।
शब्दार्थ- गाहा- जुताई। आहा-अधिक।
भावार्थ- गेहूँ की कई जुताई करने से, धान को बिदाहने (पानी भरे खेत में हल चलाने) से और ईख के गोड़ने से इनकी पैदावार बढ़ जाती है।
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