एसटीपी की पुरानी तकनीक कारगर नहीं

प्राधिकरण द्वारा स्थापित पुराने सीेवेज ट्रीटमेंट प्लांट पुरानी तकनीकी के कारण बेकार साबित हो रहे हैं, इसीलिए सीवर से संबंधित कई समस्याएं सामने आ रही हैं, हालांकि, प्राधिकरण का दावा है कि आने वाले समय में सीवर से संबंधित दिक्कतें दूर हो जाएगी क्योंकि, प्राधिकरण इस समस्या को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर योजनाओं पर काम कर रहा है।

शहर में चार ट्रीटमेंट प्लांट चल रहे हैं, जो सेक्टर-50, 54, 123 व सेक्टर-168 में हैं। इनकी क्षमता 169 (मिलियन लीटर डेली) एमएलडी की है, जबकि कुल सीवेज 180 एमएलडी है, जबकि प्रतिदिन सीवेज बिना ट्रीट किए नालों में 11 एमएलडी पानी में फेंका जा रहा है, जिस हिसाब से अब तक व्यवस्था होनी चाहिए थी वह नही हो पाई है। इसीलिए शहर में पर्यावरण की स्थिति भी खराब होते जा रही है। जो प्लॉट कार्यशील हैं वे कई वर्ष पहले स्थापित किए गए थे, इसीलिए वे प्लांट अब अपनी क्षमता के अनुसार भी कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए सीवर का ट्रीटमेंट पूरी क्षमता के साथ नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जाने-अनजाने सीवर से जुड़ी कई समस्याएं लोगों के सामने आ रही हैं। कुल मालाकर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में अभी भी पुरानी तकनीक का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। प्राधिकरण की योजना के अनुसार इस तकनीक में बदलाव कर एसबीआर (सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर) का प्रयोग किया जाना है। जानकारों के अनुसार पुरानी तकनीक होने से काफी मात्रा में मीथेन गैस निकलती है, इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। तापमान मे बढ़ोत्तरी में भी इस गैस की प्रमुख भूमिका होती है। दूसरी तरफ, एसटीपी से निकलने वाले स्लज से खाद बनाने की योजना है। अधिकारियों के अनुसार अभी इसके सैंपल को जांच के लिए दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान भेजा गया है।

दरअसल, इस खाद को नोएडा प्राधिकरण अपने उद्यान में प्रयोग करेगा। ज्यादा उत्पादन होने पर बेचने का भी कार्य करेगा, इससे एसटीपी के संचालन में आने वाले खर्च की भरपाई भी हो सकेगी। प्राधिकरण के उप-मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय यादव ने बताया कि प्राधिकरण सीवेज ट्रीटमेंट योजना को बेहतर करने पर काम कर रहा है।

सीवर सिस्टम की क्षमता


1. ट्रीटमेंट प्लाट-04
2. सेक्टर - 50, 54, 123, 168
3. क्षमता-169 (मिलियन लीटर डेली) एमएलडी
4. कुल सीवेज - 180 एमएलडी
5. प्रतिदिन सीवेज बिना ट्रीट किए नालों में फेका जा रहा है - 11 एमएलडी

प्राधिकरण की योजना


1. सेक्टर 50 में 34 एमलडी क्षमता वाले नई तकनीक के सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट की योजना
2. सेक्टर-54 में 27 एमएलडी क्षमता वाले नई तकनीक से लैस सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट की योजना।
3. दोनों योजनाओं में आएगा सौ करोड़ रुपए का खर्च।
4. 2016 तक 231 एमएलडी सीवेज के ट्रीटमेंट की योजना।

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