एल-मोमेन्टस विधि द्वारा निचली गंगा मैदान उपक्षेत्र 1 (जी) के प्रमापित एवं अप्रमापित जलग्रहण के लिए क्षेत्रिय बाढ़ सूत्रों का विकास

जल संरचनाओं के अभिकल्पन हेतु बाढ़ की मात्रा तथा इसके प्रत्यागमन काल का अनुमान लगाने हेतु विश्वभर के वैज्ञानिक एवं अभियन्ताओं द्वारा प्रयास किया जाता रहा है। विभिन्न प्रकार की जल संरचनाओं के जलविज्ञानीय अभिकल्पन हेतु बाढ़ बारम्बारता विश्लेषण विधि का प्रयोग किया जाता है। जिन स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में वार्षिक शीर्ष बाढ़ के ऑकड़े उपलब्ध होते हैं, वहां पर विभिन्न प्रत्यागमन काल की बाढ़ का अनुमान लगाने के लिए वार्षिक शीर्ष बाढ़ के आंकड़े उपलब्ध नहीं होते या पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होते उन स्थलों के लिए विभिन्न प्रत्यागमन काल की बाढ़ का अनुमान लगाने के लिए क्षेत्रीय बाढ़ बारम्बारता विश्लेषण विधि का उपयोग किया जाता है।

क्षेत्रीय बाढ़ बारम्बारता विश्लेषण में एल-मोमेन्टस विधि की सार्थकता विश्व स्तर पर मान्य की गई है। इस विधि के प्रयोग द्वारा बाढ़ के आंकड़ों की उपयोगिता की जांच, क्षेत्रीय समरूपता की जांच तथा उपयुक्त बारम्बारता वितरण प्रणाली का चुनाव करने के लिए किया जाता है। इस प्रपत्र के एल-मोमेन्टस विधि के उपयोग द्वारा बाढ़ सूत्रों का विकास निचली गंगा मैदान उप क्षेत्र (1-जी) के प्रमापित एवं अप्रमापित जलग्रहण क्षेत्रों के लिए किया गया है। बाढ़ सूत्रों के विकास हेतु, आंकड़ों की उपयुक्ता एल-मोमेन्टस पर आधारित डिस्काडेन्सी मापदंड द्वारा जांच की गई है। एल मोमेन्टस पर आधारित समरूपता जांच की गई है। क्षेत्रीय बारम्बारता विधि की विभिन्न वितरण प्रणालियों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। प्रमापित जलग्रहण क्षेत्रों के लिए विभिन्न प्रत्यागमन काल के बाढ़ का अनुमान लगाने के लिए क्षेत्रीय बाढ़ बारम्बारता सूत्र का विकास किया गया है। अप्रमापित जलग्रहण क्षेत्रों के लिए क्षेत्रीय औसत वार्षिक बाढ़ का मान विकालने के लिए प्रमापित जलग्रहण क्षेत्रों की औसत वार्षिक बाढ़ एवं उनके क्षेत्रफल में सम्बंध स्थापित किया गया है, तथा अप्रमापित जल ग्रहण क्षेत्रों के लिए भी क्षेत्रीय बाढ़ सूत्र का विकास किया गया है।

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