धनि वह राजा धनि वह देस, जहवाँ बरसै अगहन सेस।
पूस में दूना माघ सवाई, फागुन बरसै घरौ से जाई।।
भावार्थ- वहा राजा और वह देस धन्य है जहाँ अगहन रहते पानी बरसे और यदि पौष महीने में वर्षा हो तो कहना ही क्या। इस बरसात से अनाज दूना पैदा होगा और माघ में वर्षा हो तो सवाया होगा लेकिन यदि यही वर्षा फागुन में हुई तो घर का अनाज भी चला जायेगा।
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