![गंगा नदी](https://farm8.staticflickr.com/7448/12898045203_3750b917d8_o.jpg)
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने यहां कहा कि किसी भी नदी की अविरलता और निर्मलता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम इस अभियान को साथ लेकर चलेंगे। गंगा के लिए लागू मानदंड अन्य प्रमुख नदियों के लिए भी लागू होंगे। उन्होंने कहा-भारत का गंगा पुनरुद्धार कार्यक्रम अन्य देशों के लिए मिसाल साबित होगा और हम विश्व को यह दिखाएंगे कि भारत में आस्था और विकास एक साथ चल सकते हैं।
नदियों को जोड़ने के बारे में कुछ पर्यावरणविदों की शंकाओं के संदर्भ में उमा ने कहा-हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वही नदियां जोड़ी जाएं जिनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। उमा ने बताया कि गंगा पुनरुद्धार कार्यक्रम पर विचार के लिए पांच जुलाई को विशेषज्ञों, संतों, पर्यावरणविदों और सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाई गई है। उन्होंने यहां भारत में नदियों के संरक्षण पर राष्ट्रीय गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में दिए अपने संबोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मंत्रालय नदियों पर बिजली परियोजनाओं का विरोध नहीं करता है। लेकिन शर्त यह है कि इस नदियों का प्रवाह अवरुद्ध नहीं हो।
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