दिनांक : 13-15 अगस्त, 2016
स्थान : कान्हा, मध्य प्रदेश
इस वर्ष यह सम्मेलन स्वतंत्र भारत में अपनाए गए विकास के मॉडल और बीते साठ सालों में इनके योगदान की समालोचना पर आधारित होगा। भले ही बात खेती की हो, सिंचाई की हो, पानी की हो, जंगलों की हो या फिर देश की अर्थव्यवस्था की। विकास के तमाम मानकों की मौजूदा स्थितियों को देखकर लगता है कि इन मॉडलों पर कुछ सवाल तो खड़े किये जाएँ। इनकी समीक्षा तो की जाये। और यदि जिन अवधारणाओं के आधार पर हम देश को आगे ले जा रहे हैं, वह अपनी भूमिका में कहीं असफल हो रही हैं, तो विकास के वैकल्पिक मॉडल क्या हैं? मीडिया के साथियों के साथ एक मंच के तले बैठकर कुछ मुद्दों पर नया जानने, आपसी समझ बनाने, एक-दूसरे के विचारों को जानने-समझने, अपने रोजाना काम से अलग हटकर मैदानी इलाकों में जाकर आम लोगों की जिन्दगी में झाँकने, बातचीत करने और विकास के तमाम आयामों पर एक बेहतर संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से हमने दस साल पहले एक पहल की थी।
मप्र में पहाड़ों की रानी पचमढ़ी से होता हुआ यह सफर चित्रकूट, बांधवगढ़, महेश्वर, छतरपुर, पचमढ़ी, केसला, चंदेरी, झाबुआ होता हुआ अब फिर कान्हा आ पहुँचा है। इस बार हम मध्य प्रदेश के भौगोलिक परिदृश्य पर एक महत्त्वपूर्ण स्थान कान्हा में दसवाँ मीडिया कॉन्क्लेव आयोजित कर रहे हैं। अगस्त माह की 13 से 15 तारीख तक यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
इस वर्ष यह सम्मेलन स्वतंत्र भारत में अपनाए गए विकास के मॉडल और बीते साठ सालों में इनके योगदान की समालोचना पर आधारित होगा। भले ही बात खेती की हो, सिंचाई की हो, पानी की हो, जंगलों की हो या फिर देश की अर्थव्यवस्था की। विकास के तमाम मानकों की मौजूदा स्थितियों को देखकर लगता है कि इन मॉडलों पर कुछ सवाल तो खड़े किये जाएँ। इनकी समीक्षा तो की जाये। और यदि जिन अवधारणाओं के आधार पर हम देश को आगे ले जा रहे हैं, वह अपनी भूमिका में कहीं असफल हो रही हैं, तो विकास के वैकल्पिक मॉडल क्या हैं? इस तीन दिवसीय सम्मेलन को इसी केन्द्रीय विषय पर आयोजित करना चाहते हैं। इस सम्बन्ध में आपके सुझाव सादर आमंत्रित हैं।
हमें इस आयोजन में आपको आमंत्रित करते हुए बेहद खुशी हो रही है। कान्क्लेव का एक आधार पत्र भी अगले कुछ दिनों में आपके साथ साझा कर रहे हैं।
कृपया इस सम्मेलन में आपकी भागीदारी की सूचना से हमें अवगत करा दें।
कान्हा के बारे में : कान्हा टाइगर रिजर्व (खटिया गेट) में यह आयोजन होने जा रहा है, (इसकी विस्तृत सूचना हम अगले मेल में देंगे।) कान्हा जाने के लिये जबलपुर तक सभी दिशाओं से ट्रेनें उपलब्ध हैं। जबलपुर से कान्हा की दूरी 132 किलोमीटर है।
एक निवेदन : ट्रेन रिजर्वेशन तत्काल और प्रीमियम चार्जेस के बाद बेहद खर्चीला साबित हो रहा है। इस सम्बन्ध में हमारा आपसे निवेदन है कि यदि आप अपनी यात्रा की योजना अभी से बनाकर अपने टिकट आदि करवा सकें। हम आपके आने-जाने का वातानुकूलित तृतीय श्रेणी तक का किराया वहन कर सकेंगे।
विकास संवाद
0755-4252789,
9977704847,
9977958934,
9826066153,
8889104455,
9425466461
ईमेल : rakeshjournalist@gmail.com
स्थान : कान्हा, मध्य प्रदेश
इस वर्ष यह सम्मेलन स्वतंत्र भारत में अपनाए गए विकास के मॉडल और बीते साठ सालों में इनके योगदान की समालोचना पर आधारित होगा। भले ही बात खेती की हो, सिंचाई की हो, पानी की हो, जंगलों की हो या फिर देश की अर्थव्यवस्था की। विकास के तमाम मानकों की मौजूदा स्थितियों को देखकर लगता है कि इन मॉडलों पर कुछ सवाल तो खड़े किये जाएँ। इनकी समीक्षा तो की जाये। और यदि जिन अवधारणाओं के आधार पर हम देश को आगे ले जा रहे हैं, वह अपनी भूमिका में कहीं असफल हो रही हैं, तो विकास के वैकल्पिक मॉडल क्या हैं? मीडिया के साथियों के साथ एक मंच के तले बैठकर कुछ मुद्दों पर नया जानने, आपसी समझ बनाने, एक-दूसरे के विचारों को जानने-समझने, अपने रोजाना काम से अलग हटकर मैदानी इलाकों में जाकर आम लोगों की जिन्दगी में झाँकने, बातचीत करने और विकास के तमाम आयामों पर एक बेहतर संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से हमने दस साल पहले एक पहल की थी।
मप्र में पहाड़ों की रानी पचमढ़ी से होता हुआ यह सफर चित्रकूट, बांधवगढ़, महेश्वर, छतरपुर, पचमढ़ी, केसला, चंदेरी, झाबुआ होता हुआ अब फिर कान्हा आ पहुँचा है। इस बार हम मध्य प्रदेश के भौगोलिक परिदृश्य पर एक महत्त्वपूर्ण स्थान कान्हा में दसवाँ मीडिया कॉन्क्लेव आयोजित कर रहे हैं। अगस्त माह की 13 से 15 तारीख तक यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
इस वर्ष यह सम्मेलन स्वतंत्र भारत में अपनाए गए विकास के मॉडल और बीते साठ सालों में इनके योगदान की समालोचना पर आधारित होगा। भले ही बात खेती की हो, सिंचाई की हो, पानी की हो, जंगलों की हो या फिर देश की अर्थव्यवस्था की। विकास के तमाम मानकों की मौजूदा स्थितियों को देखकर लगता है कि इन मॉडलों पर कुछ सवाल तो खड़े किये जाएँ। इनकी समीक्षा तो की जाये। और यदि जिन अवधारणाओं के आधार पर हम देश को आगे ले जा रहे हैं, वह अपनी भूमिका में कहीं असफल हो रही हैं, तो विकास के वैकल्पिक मॉडल क्या हैं? इस तीन दिवसीय सम्मेलन को इसी केन्द्रीय विषय पर आयोजित करना चाहते हैं। इस सम्बन्ध में आपके सुझाव सादर आमंत्रित हैं।
हमें इस आयोजन में आपको आमंत्रित करते हुए बेहद खुशी हो रही है। कान्क्लेव का एक आधार पत्र भी अगले कुछ दिनों में आपके साथ साझा कर रहे हैं।
कृपया इस सम्मेलन में आपकी भागीदारी की सूचना से हमें अवगत करा दें।
कान्हा के बारे में : कान्हा टाइगर रिजर्व (खटिया गेट) में यह आयोजन होने जा रहा है, (इसकी विस्तृत सूचना हम अगले मेल में देंगे।) कान्हा जाने के लिये जबलपुर तक सभी दिशाओं से ट्रेनें उपलब्ध हैं। जबलपुर से कान्हा की दूरी 132 किलोमीटर है।
एक निवेदन : ट्रेन रिजर्वेशन तत्काल और प्रीमियम चार्जेस के बाद बेहद खर्चीला साबित हो रहा है। इस सम्बन्ध में हमारा आपसे निवेदन है कि यदि आप अपनी यात्रा की योजना अभी से बनाकर अपने टिकट आदि करवा सकें। हम आपके आने-जाने का वातानुकूलित तृतीय श्रेणी तक का किराया वहन कर सकेंगे।
आपके साथी...
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Post By: RuralWater