रोशनी के त्योहार दीवाली पर उत्तराखण्ड की फिजाओं में प्रदूषण का जहर भी घुल गया। पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद दीवाली पर समय सीमा की परवाह किये बिना खूब पटाखे जले। बारूद का धुआँ हवा में समा गया।
शहरी क्षेत्रों में दीवाली के बाद वायु प्रदूषण की स्थिति के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वो काफी डराने वाले हैं। दीवाली के बाद देहरादून, रुद्रपुर, हल्द्वानी में प्रदूषण दो से दस गुना ज्यादा पाया गया। राज्य में केवल हरिद्वार से ही कुछ सुकून भरी खबर आई है, जहाँ प्रदूषण पिछले सालों के मुकाबले कुछ कम दर्ज किया गया। वातावरण में बिखरे सूक्ष्म और मध्यम कण (पीएम 2.5 और 10) के आधार पर यह गणना की गई।
देहरादूनः गैर सरकारी संस्था गति फाउंडेशन ने अपने अध्ययन के आधार पर दावा किया कि दीवाली पर देहरादून में प्रदूषण आम दिनों के मुकाबले 10 से 15 गुना तक बढ़ा। दून में रात के विभिन्न समय पर अलग-अलग स्थानों पर हवा में हानिकारक तत्वों की जाँच की। इसमें प्रदूषण को आम दिनों की अपेक्षा 10 से 15 गुना तक ज्यादा पाया गया।
गति फाउंडेशन की ओर से वायु प्रदूषण मापने के बाद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। दून में सबसे ज्यादा प्रदूषण पटेलनगर, गाँधी ग्राम, गोविन्दगढ़ और सहारनपुर चौक में मापा गया। इससे तस्दीक होती है कि यहाँ सबसे ज्यादा पटाखे फोड़े गए।
दीवाली की रात दून में लोगों न जमकर पटाखे जलाए। इससे लोगों को सांस लेने में खासी दिक्कत हुई। गति फाउंडेशन की ओर से पाँच नवम्बर से शहर के विभिन्न स्थानों पर एक खास मोबाइल मशीन से पीएम 2.5 और पीएम 10 को मापा जा रहा है। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल और सह संस्थापक आशुतोष कंडवाल ने बताया कि दीवाली की रात में टीम ने बल्लीवाला चौक, निरंजनपुर सब्जी मंडी, पटेलनगर, सहारनपुर चौक, झंडा चौक, खुड़बुड़ा मोहल्ला, गाँधीग्राम, गोविंदगढ़ और घंटाघर मे वायु प्रदूषण मापा।
घंटाघर की तुलना में घनी आबादी वाले पटेलनगर और गाँधीग्राम जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा दर्ज किया गया। सामान्य की तुलना में 10 से 15 गुना तक प्रदूषण बढ़ गया। 10 नवम्बर तक प्रदूषण मापा जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट सम्बन्धित विभाग को सौंपी जाएगी।
उधर, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एसएस राणा ने बताया कि केन्द्रीय बोर्ड के निर्देशों के क्रम में एक से 14 नवम्बर तक प्रदूषण की मॉनीटरिंग की जा रही है। घंटाघर, आईएसबीटी और नेहरू कॉलोनी में प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। तत्काल रिपोर्ट देना सम्भव नहीं है।
पाँच नवम्बर को ये थी स्थिति |
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स्थान |
पीएम 2.5 |
पीएम 10 |
पटेलनगर |
85 |
113 |
झंडा चौक |
77 |
98 |
खुड़बुड़ा |
68 |
84 |
गाँधी ग्राम |
190 |
232 |
गोविंदगढ़ |
82 |
104 |
11 बजे तक खुली रही दुकानें
गति फाउंडेशन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे छोड़ने के लिये रात आठ बजे से 10 बजे का समय तय किया था, लेकिन रात 12 बजे तक भी पटाखे छूटते रहे। रात को 11 बजे तक पटाखों की दुकानें खुली थीं।
अभियानों का असर नहीं
विभिन्न जागरुकता अभियानों का लोगों पर कोई असर नहीं हुआ। गति फाउंडेशन का दावा है कि पिछले साल के बराबर इस साल भी आतिशबाजी की गई। कई जगहों पर जलते हुए पटाखे गिरने से कूड़ेदान में आग लगने से भी प्रदूषण बढ़ा।
शहर में दीपावली की रात को मापा गया वायु प्रदूषण |
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समय |
स्थान |
पीएम 2.5 |
पीएम 10 |
रात 9:36 बजे |
बल्लीवाला चौक |
550 |
724 |
रात 9:41 बजे |
निरंजनपुर मंडी |
649 |
888 |
रात 9:52 बजे |
पटेलनगर |
859 |
1330 |
रात 9:58 बजे |
सहारनपुर चौक |
714 |
1030 |
रात 10:01 बजे |
सहारनपुर चौक |
756 |
1089 |
रात 10:07 बजे |
झंडा चौक |
759 |
1131 |
रात 10:18 बजे |
खुड़बुड़ा |
695 |
913 |
रात |
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