राजधानी दिल्ली पहले से ही कोरोनोवायरस के बढ़ते ममलों से पस्त है और अब बाढ़ का खतरा। दरअसल, यमुना नदी पर जल स्तर चेतावनी क्षेत्र के पास पहुंचन गया है जिसके बाद प्रशासन ने पूरे शहर में अलर्ट जारी कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बोट क्लब प्रभारी हरीश कुमार ने कहा "जल स्तर चेतावनी क्षेत्र के करीब है। हमने लोगों को सावधान करने के लिए नदी के उस पार नावें, मोटरबोट लगाई हैं। इससे विस्थापित हुए लोगों को आश्रय, भोजन मिल सकेगा "
दिल्ली में नौ बाढ़ संभावित और निचले इलाके हैं- पुराना लोहे का पुल, आईएसबीटी की ओर किसान बस्ती, सीलमपुर की ओर किसान बस्ती, उस्मानपुर पुस्ता, गढ़ी मांडू गांव, सोनिया विहार में एमसीडी टोल, अन्नपूर्णा मंदिर, सबपुर बस टर्मिनल और बदरपुर खादर गांव। .
बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर दिल्ली की जिलाधिकारी गीतिका शर्मा ने 8 अगस्त को डीसीपी नॉर्थईस्ट को पत्र लिखकर उनकी मदद मांगी थी उन्होंने डीसीपी को एक पत्र भेजकर कहा, "केंद्रीय जल आयोग के पूर्वानुमान के अनुसार, यमुना का जल स्तर बढ़कर 201.5 मीटर (204.5 मीटर के चेतावनी स्तर के मुकाबले) शाम 6 से 8 बजे के बीच होने की संभावना है। कल तक इसमें और तेजी आ सकती है। स्थिति की निरंतर निगरानी के लिए, यह अनुरोध किया जाता है कि जिले के सभी बाढ़ संभावित स्थानों पर चौबीसों घंटे पर्याप्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाए ताकि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को नदी से दूर रखा जा सके।
इसके अलावा हरियाणा में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है, क्योंकि यमुना नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुबह छह बजे से अचानक से जलस्तर बढ़ने लगा, हथिनी कुंड बैराज से सुबह आठ बजे 1 लाख 82 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वही राजधानी दिल्ली में बुधवार की सुबह धूप खिली और न्यूनतम तापमान एक डिग्री बढ़कर 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, कुछ दिनों तक अच्छी बारिश की संभावना कम है।
इससे पहले बांदा जिले के मरका इलाके में यमुना नदी में गुरुवार को एक नाव के पलट जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हो गए।उ यह घटना उस समय हुई जब नाव मरका से फतेहपुर जिले के जरौली घाट की ओर जा रही थी पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने कहा कि नाव में लगभग 30-35 लोग सवार थे।
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