जब कभी भी देश की राजधानी दिल्ली की बात होती है तो वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण का ज़िक्र जरूर होता है, क्योंकि दिल्ली में यमुना दुनिया की सबसे प्रदूषित नदियों में शामिल है, तो वहीं वायु प्रदूषण की सूची में भी दिल्ली दुनिया भर में शीर्ष देशों में शामिल रहता है। दिल्ली में यमुना इतनी प्रदूषित है कि उसमे जलीय जीवन लगभग समाप्त हो चुका है। यहां यमुना का झागनुमा काला गंदा बदबूदार पानी विभिन्न प्रकार की बीमारियों को जन्म दे रहा है। तो वहीं इसका असर भूजल की गुणवत्ता पर भी पड़ता। दिल्ली में जल गुणवत्ता और जल संकट पहले से ही चर्चाओं में रहते हैं, जो गर्मियों के दौरान सुर्खियां बन जाते हैं।
वैसे तो दिल्ली अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए भूजल पर ही निर्भर है। केंद्रीय भूजल बोर्ड के वर्ष 2017 के आंकड़ों के अनुसार 119.61 प्रतिशत भूजल का दोहन करता है। इसमें से 25 प्रतिशत भूजल का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है, जबकि उद्योगों के लिए 6 प्रतिशत और घरेलू कार्यों के लिए 67 प्रतिशत भूजल का उपयोग किया जाता है। दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए पानी हरियाणा से भी छोड़ा जाता है, लेकिन फिर भी गर्मियों के दौरान दिल्ली की प्यास नहीं बुझती।
हाल ही में लाॅकडाउन के दौरान ग्रामीण और आउटर दिल्ली में पानी का संकट खड़ा हो गया था। पानी की डिमांड और सप्लाई में 250 से 300 मिलियन गेलन प्रतिदिन का गैप आया था। दिल्ली में जो पानी वर्तमान में सप्लाई किया जाता है, उसकी गुणवत्ता को लेकर भी कई बार प्रश्न खड़े हुए हैं। कई दफा लोगों ने घरों में गंगा पानी आने की शिकायत लेकर हंगामा खड़ा किया है, लेकिन कोरोना के दौरान जब साफ पानी की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब हरियाणा की तरफ से दिल्ली के लोगों के लिए परेशानी बढ़ गई है।
दिल्ली के पड़ोसी राज्य से दिल्ली की जनता को पानी मिलता है, लेकिन हरियाणा से दिल्ली आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा (प्रदूषण में) में तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि औद्योगिक कचरे को ट्रीट किए बिना नदी और जलस्रोतों में बहा दिया जता है। अमोनियायुक्त जहरीला पानी लोगों तक ज्यादा मात्रा में न पहुंच इसलिए दिल्ली के कई इलाकों में पानी की सप्लाई की क्षमता को कम किया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली जलबोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढ़ा ने बताया कि हरियाणा से आने वाले पानी में प्रदूषण (अमोनिया स्तर) बढ़ने के कारण वेस्ट दिल्ली, नाॅर्थ दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली और साउथ दिल्ली के कुछ इलाके में पानी की सप्लाई प्रभावित होगी। हम सामान्य जल आपूर्ति को तुरंत बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं। कृपया पानी का उपयोग सतर्कता बरतते हुए करें।
दिल्ली के बुराड़ी निवासी ललित तिवारी ने बताया कि दिल्ली की जनता को आज भी पानी की समस्या को कोई भी सरकार निजात नहीं दिला पाई है। आज भी दिल्ली के कुछ इलाकों में दो दिन में एक बार पानी आता है। बुराड़ी विधानसभा में तो आज भी कई जगह टैंकर से पानी की सप्लाई की जाती है। जो पानी आता भी है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। स्थानीय लोग 20 रुपये के हिसाब से फिल्टर का पानी लेते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में टैंकर माफियाओं का राज है, जिसका हल अभी तक नहीं हो पाया है।
अमोनिया है नुकसानदायक
पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ना सेहत के लिए काफी खतरनाक है। अमोनियायुक्त पानी से लीवर संक्रमित हो सकता है। वहीं इससे पीलिया, हेपेटाइटिस सहित कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इससे कोमा में जाने का खतरा भी रहता है। दरअसल पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 पीपीएम से अधिक नहीं होनी चाहिए। अमोनिया वाले वाले से डीआइड्रेशन भी बना रहता है। इस पानी को उबालकर पीना चाहिए।
राजधानी को कब मिलेगी जल संकट से राहत
दिल्ली के गिरते जलस्तर को रोकने के लिए केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने पुराने नौ जिलों में से सात जिलों में भूजल का दोहन पर रोकने के आदेश जारी कर दिए। प्राधिकरण ने साल 2000 में दिल्ली के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों को गंभीर क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया। मार्च 2006 में अधिसूचना के माध्यम से पूर्वी जिला, नई दिल्ली जिला, उत्तर पूर्वी जिला और पश्चिम जिले को अत्यधिक दोहन वाला क्षेत्र घोषित कर जल दोहन पर रोक लगा दी। इस पर कानून बनाने के लिए दिल्ली विधानसभा में दिल्ली जल बोर्ड (संशोधन) विधेयक, 2005 लाया गया। इसे भारी विरोध के चलते प्रवर समिति को भेजा गया। समिति ने दो फरवरी 2006 को उसे रद्द कर दिया।
दिल्ली को अन्य राज्यों की तरह यमुना के पानी में से हिस्सा दिल्ली विधानसभा बनने के बाद पहले मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के प्रयास से मिला। दिल्ली को 808 क्यूसेक पानी दिया जाना तय किया गया। लेकिन यह पानी आज तक नहीं मिला। दिल्ली जल बोर्ड ने 2021 का पानी का जो मास्टर प्लान बनाया है, उसके हिसाब से दिल्ली को तब 1840 एमजीडी पानी की जरूरत होगी। उस समय अभी के स्रोतों के अलावा हिमाचल प्रदेश के रेणुका बांध से 275 एमजीडी पानी मिलने की उम्मीद है। यानि उस भरोसे दिल्ली को पानी नहीं मिल पाएगा। पानी की समस्या लगातार भयावह होती जा रही है। इसमें सुधार की उम्मीद नहीं दिखती है। इसमें सुधार के लिए जन आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है। इसमें सरकार की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
हिमांशु भट्ट (8057170025)
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