दिल्ली को नहीं मिलेगा और पानी

केजरीवाल व खट्टर की मीटिंग रही बेनतीजा, समर एक्शन प्लान पर संकट

हरियाणा की ओर से दिल्ली को दो टूक जवाब मिलने के बाद अब कुछ आस अप्रैल के पहले सप्ताह में होने वाली चण्डीगढ़ की मीटिंग पर लगी है। इस मसले पर केजरीवाल व खट्टर के बीच मीटिंग चण्डीगढ़ में होगी। हरियाणा ने दिल्ली से अपने बकाया 106 करोड़ का भी जल्द भुगतान करने का मसला केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाया।

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविंद केजरीवाल के आगामी गर्मियों में पानी के संकट से निपटने के सम्भावित समर एक्शन प्लान पर पानी फिरता नजर आ रहा है। हरियाणा से अतिरिक्त पर्याप्त पानी की आस लगाये बैठी दिल्ली सरकार को साफ इन्कार कर दिया गया है। हरियाणा ने दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविंद केजरीवाल की अतिरिक्त पानी मुहैया कराने की डिमाण्ड को तर्कसंगत और न्यायोचित नहीं माना है। हरियाणा के मुख्यमन्त्री मनोहर लाल खट्टर ने केजरीवाल को फिलाहाल और पानी देने से साफ इन्कार करते हुए अन्य राज्यों से इसकी गुहार लगाने की नसीहत भी दे डाली है।

सूत्रों की मानें तो केन्द्रिय जल संसाधन मन्त्री उमा भारती की अध्यक्षता में शुक्रवार को अपर यमुना जल विवाद को लेकर दिल्ली व हरियाणा के अलावा अन्य चार राज्यों के प्रमुखों की अहम बैठक आयोजित की गई। दिल्ली व हरियाणा के मुख्यमन्त्रियों ने बैठक में शिरकत की। वहीं उत्तर प्रदेश के सिंचाई मन्त्री, हिमाचल प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी, उत्तराखण्ड व राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुये।

मीटिंग में खास मुद्दा दिल्ली को अतिरिक्त पानी मुहैया कराने के लिए अन्य राज्यों पर दबाव बनाने को लेकर रहा। दिल्ली के मुख्यमन्त्री अरविंद केजरीवाल ने केन्द्रीय जल संसाधन मन्त्री भारती के समक्ष यह माँग जोर शोर से उठाई कि हरियाणा की ओर से मिलने वाला पानी आबादी के मुताबिक पर्याप्त नहीं है। वहीं दिल्ली को हरियाणा अपने हिस्से का पर्याप्त पानी नहीं दे रहा है। इसकी वजह से दिल्ली के लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। केजरीवाल ने मुनक नहर से दिल्ली आने वाले पानी में कटौती किए जाने का मसला प्रमुखता से उठाया।

उधर, हरियाणा ने दिल्ली को दो टूक जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि वह पहले ही क्षमता से अधिक पानी मुहैया करा रहा है। हरियाणा के मुख्यमन्त्री खट्टर ने साफ किया कि दिल्ली की आबादी बढ़ रही है और उसकी डिमाण्ड भी उसके मुताबिक बढ़ रही है। लेकिन अतिरिक्त पानी मुहैया कराना उनके प्रदेश के नागरिकों के लिए न्यायोचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा और पानी मुहैया नहीं करा सकता। उसके प्रदेश को पीने का पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी पानी भारी मात्रा में चाहिए। ऐसे में दिल्ली को अतिरिक्त पानी मुहैया कराना हरियाणा के नागरिकों के साथ नाइन्साफी होगी।

खट्टर ने दिल्ली के मुख्यमन्त्री को यह भी नसीहत दे डाली है कि वह हरियाणा के पानी पर ही निर्भर होने की बजाय दूसरे राज्यों पर भी दवाब बनाये। बैठक में सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) का मसला भी जोर शोर से उठा। वहीं उत्तर प्रदेश की ओर से बनाये जा रहे डाबर बांध के नियमानुसार नहीं होने को बन्द करने पर भी विचार विमर्श किया गया। उधर, हरियाणा की ओर से दिल्ली को दो टूक जवाब मिलने के बाद अब कुछ आस अप्रैल के पहले सप्ताह में होने वाली चण्डीगढ़ की मीटिंग पर लगी है। इस मसले पर केजरीवाल व खट्टर के बीच मीटिंग चण्डीगढ़ में होगी। हरियाणा ने दिल्ली से अपने बकाया 106 करोड़ का भी जल्द भुगतान करने का मसला केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाया।

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