अरविंद केजरीवाल ने सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर खड़े किए सवाल
1. 519 करोड़ की योजना की जरूरत नहीं थी
2. आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ खुलासा
3. 9 साल में 18 गुणा बढ़ाए पानी के दाम।आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बिजली कंपनियों के साथ-साथ अब दिल्ली जलबोर्ड के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी कई सवाल खड़े किए कि प्लांट में फर्जी तरीके से ख़रीद और उत्पादन का आंकड़ा पेश किया जाता है। केजरीवाल ने सोनिया विहार ट्रीटमेंट प्लांट की फर्जीवाड़े की निष्पक्ष जांच और लेखा-जोखा की सीएजी से ऑडिट कराने की मांग की है।
शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल ने कहा कि 2004 में दिल्ली में प्रत्येक उपभोक्ता को 45 किलो पानी के लिए महज 74 रुपए महीना बिल चुकाना पड़ता था जो आज 18 गुणा अधिक करीब 1355 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। दिल्ली जलबोर्ड में करीब 840 मिलियन गैलन पानी की रोज खपत है, इसमें आधा पानी एनआरडब्ल्यू है। यानी 210 गैलन पानी रोज बर्बाद हो रहा है। राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने सवाल किया कि आखिर 210 गैलन पानी बर्बाद होकर कहां जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का ठेका एक निजी डेक्रोमेंट कंपनी को दिया गया है। आरटीआई के तहत इस प्लांट में पानी की खरीद और उत्पादन की फर्जीवाड़े पता चली। सोनिया विहार प्लांट में डेक्रोमेट कंपनी ने अगस्त 2009 में 129 एमजीडी पानी की खरीद करने की झुठी रिकार्ड तैयार की। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार को 66 एमजीडी पानी की खरीद का भुगतान किया, यानि जब 66 एमजीडी पानी खरीदी गई तो उत्पादन 123.8 एमजीडी कैसे हो गई. जून 10 में 134 एमजीडी की फर्जी रिकार्ड में तैयार की गई। भुगतान 91 का किया। इसी तरह के कई मामलों से यह स्पष्ट हो गया है कि कंपनी पानी की खरीद और उत्पादन की फर्जी कहानी तैयार कर करोड़ों रुपए का घोटाला कर रही है।
उन्होंने कहा कि जलबोर्ड की 519 करोड़ रुपए की ट्रीटमेंट प्लांट फर्जी आधार पर बनाई गई है, इस तरह की प्लांट की कोई जरूरत थी ही नहीं। केजरीवाल का दावा है कि सरकार इस प्रोजेक्ट के पीछे जनता को लूट रही है आप के सदस्य और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने जल-बोर्ड को निजी हाथों मे सौंपने का आरोप लगाया।
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