यमुना जिए अभियान की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का अल्टीमेटम
उत्तर प्रदेश सरकार को भी जारी किया आदेश
पूर्वी किनारे पर 37 हजार जबकि पश्चिमी तट पर 53 हजार क्यूबिक मीटर मलबा व कचरा जमा है
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को फॉलोअप रिपोर्ट 30 अप्रैल तक सौंपने को कहा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित कमेटी ने यमुना किनारे जमा मलबे व कूड़ा-करकट को हटाने के लिए डीडीए, मेट्रो व यूपी सरकार को 31 मई तक का वक्त दिया है। दिल्ली में यमुना के पूर्वी किनारे पर करीब 37 हजार क्यूबिक मीटर और पश्चिमी तट पर करीब 53 हजार क्यूबिक मीटर ठोस मलबा व कचरा जमा है। यमुना जिए अभियान के संयोजक मनोज मिश्र की याचिका पर इस मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को है। ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव वी. राजगोपालन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया था, जिसे यमुना किनारे से संबद्ध सभी एजेंसियों के साथ विचार-विमर्श करके मलबा व कचरा हटाने की योजना व समय सीमा तय करनी थी। कमेटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव जेएस कमयोत्रा को इस मामले की फॉलोअप रिपोर्ट तैयार कर 30 अप्रैल को एनजीटी को सौंपने के लिए कहा है।
यमुना के पूर्वी किनारे पर ठोकर व नर्सरी के पास मलबा ज्यादा मात्रा में है वहीं पश्चिमी तट पर निजामुद्दीन पुल से बाटला हाउस तक कचरा जमा है। मेट्रो पूर्वी तट पर शास्त्री पार्क और पश्चिमी तट पर निजामुद्दीन के करीब अपना मलबा डंप करता है, उसे भी अब अपने मौजूदा मलबे सहित सभी मलबा बुराड़ी के पास डंप करने के लिए कहा गया है। यूपी के सिंचाई विभाग ने कमेटी को बताया कि उसे गीता कॉलोनी से मलबा उठाकर गाजीपुर में डालने की पूर्वी निगम ने अनुमति नहीं दी। दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसायटी के सीईओ एसडी सिंह ने बताया कि उसने यमुना किनारे किसी भी नर्सरी को लाइसेंस नहीं दिया है, यहां जो भी नर्सरी हैं अवैध हैं। दिल्ली पुलिस ने कमेटी को बताया कि यमुना किनारे से मलबा हटाने के लिए हरियाणा व यूपी में रजिस्टर्ड गाड़ियों को नियमानुसार इजाज़त नहीं दी जा सकती। लेकिन कमेटी ने पुलिस से कहा कि वे इस मामले में एनजीटी के आदेश को देखते हुए छूट दें।
यमुना किनारे से मलबा हटाकर डंप करने के लिए तीन साइट भी सुझा दी गई हैं, जो चिल्ला रेग्युलेटर स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स से सटे मैदान, प्रेमवाड़ी पुल के पास और यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के पास बुराड़ी में है। निर्माण संबंधी मलबे को डंप करने के लिए भाटी माइंस का एक विकल्प भी रखा गया है। मलबे को अवैध रूप से डंप करने से रोकने के लिए डीडीए ने कमेटी को यमुना किनारे कई स्थानों पर बैरिकेड लगाने और 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात करने का भरोसा भी दिलाया है। डीडीए यमुना किनारे 'यहां कूड़ा, मलबा फेंकना पूर्णत: प्रतिबंधित है' लिखे साइनबोर्ड भी लगाएगा। याचिकाकर्ता मिश्र का कहना है कि हर हाल में यह मलबा व कचरा मानसून से पहले हटा लिया जाना चाहिए।
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