छिन पुरवैया छिन पछियाँव। छिन छिन बहै बबूला बाव।।
बादर ऊपर बादर धावै। तबै घाघ पानी बरसावै।।
शब्दार्थ- छिन-छिन – क्षण-क्षण। बबूला बाव – बंवडर, भँवर की तरह घूमती हवा
भावार्थ- यदि क्षण में पुरवा एवं क्षण में पछुवा हवा चले, बार-बार बंवडर उठे तथा बादल के ऊपर बादल दौड़ने लगें तो घाघ कहते हैं कि पानी अवश्य बरसेगा।
इसका एक अन्य रूप भी मिलता है-
खन पुरवैय खन पछियाँव। खन खन बहै बबूरा बाव।।
जौ बादर बादर माँ जाय। घाघ कहै जल कहा समाय।।
Path Alias
/articles/chaina-pauravaaiyaa-chaina-pachaiyaanva