चिलचिलाती धूप में पानी की तलाश भी बढ़ा रही गुस्सा

हिन्दुस्तान रामनगर, 23 अप्रैल 2019

रामनगर में कॉर्बेट और आस- आस के जंगलों में घूम रहे हाथी गर्मी बढ़ने के साथ चिड़चिड़े होकर पर्यटकों और राहगीरों पर हमले करने लगे हैं। बीते दो माह में रमनगरकी करीब 40 जगहों पर हाथियों ने करीब 45 बारऐसे हमले किए हैं। इनमें अधिकांश जगहों ऐसी हैं, जो हाथियों के कॉरिडोर हैं या हाथी यहां पानी पीने के लिये मूवमेंट करते हैं।

जानकारों के मुताबिक बढ़ते परे में प्यास से परेशान हाथी अपने करीब आने पर उग्र और हमलावर बने हैं। बीते दो माह में कॉर्बेट और सटे जंगलों से के जरने वाले मार्गों पर हाथियों के हमले काफी बढ़े | वन्यजीव विशेषज्ञ भी इसको लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि हाथी के कॉरिडोर में मानवीय मानवीय हस्तक्षेप से हाथी मूबमेंट तय नहीं कर पा रहे हैं। रही कसर जंगल में होनी वाली अव्यवस्था ने हाथियों को चिड़चिड़ा कर दिया है।

कॉर्बेट और रामनगर वन प्रभाग के हाथी अपनी ये प्यास बुझाने कोसी नदी में आते हैं। ऐसे में अपने में मानवीय दखल पर उग्र हाथी हमले कर रहे हैं।

सीपका में हाथियों ने बर्बाद की दो एकड़ फसल

जसपुर। सीपका गांव में हाथी ने किसान की दो एकड़ गो ४ की फसल बर्बाद कर दी | किसान जानवरों के आतंक से परेशान हैं | बता दें कि ग्राम सीपका पतरामपुर जंगल से सटा है । इस गांव में अक्सर गुलदार, हिरन,नीलगाय समेत हाथी आते रहते हैं । येजानवर किसानों की गन्ने, गेहूं एवं धान की फसल बर्बाद करते रहते है। दो दिन पहले सीपका में कुलवंत सिंह की दो एकड़ गेंहू की फसल को बर्बाद कर दिया। कुलवंत सिंह ने बताया कि हाथी गेंहू की बालियों को खाकर शेष फसल को रौंद देते हैं । उन्होंने वन विभाग से इसकी शिकायत की है।

इसलिये उग्र हो रहे गजराज

वन्यजीव विशेषज्ञ दीप रजवार बताते हैं कि गर्मी में हाथी को पानी की अधिक जरूरत होती है । ऐसे में हाथी ज्यादा बार नदी का रुख करता है। पानी नहीं मिलने पर हाथी चिड़चिड़ा हो जाता है। हाथी को गर्मी लगने पर वह सूंड के जरिये शरीर पर - मिटटी फेंकता है।

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Post By: RuralWater
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