चिड़िया

एक छोटी-सी चिड़िया
प्यासी हुई
उड़कर आती है
नदी से
दो बूंद पानी पीकर
नदी के
बराबर हो जाती है

जितनी दूर तक
बहती है
लंबी-चौड़ी नदी
कई-कई दिनों में
उससे बहुत दूर
कुछ ही पलों में
धाड़ आती है चिड़िया
और लौट आती है
अपने घोंसले में
चिड़िया का घोंसला
कोई ब्रह्मा का
कमंडल तो है नहीं
कि उसमें समा जाए
पूरी की पूरी नदी
चिड़िया को तो चाहिए
सिर्फ उसकी प्यास का पानी
और उड़ने भर को आकाश।

Path Alias

/articles/caidaiyaa

Post By: admin
×