चैत अमावस जै घड़ी


चैत अमावस जै घड़ी, परती पत्रा माँहिं।
तेता सेरा भड्डरी, कातिक धान बिकाहिं।।


भावार्थ- पचांग में चैत की अमावस जितनी घड़ी की होगी कातिक में धान उतने ही सेर बिकेगा, ऐसा भड्डरी का मानना है।

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Post By: tridmin
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