आजकल विभिन्न क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता में भिन्नता दिखाई दे रही है। बाढ़ और सुखाड़ पहले से अधिक बारबार होने लगे है,पहले से अधिक तबाही लाने लगे है ऐसे में जरूरी है जलवायू परिवर्तन के प्रभावों के मद्देनजर जल साधानो के प्रबंधन की रणनीति और तरीकों में बदलाव पर विचार करे ।
इस संबंध में CII वाटर इंस्टीट्यूट द्वारा 03 नवंबर, 2020 को "पानी के सुरक्षित भविष्य के लिए जोखिम से लचीलापन की ओर बढ़ना' पर एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने जा रहा है।
यह सम्मेलन इन मुद्दों पर केंद्रित होगा:-
निर्णय समर्थन प्रणाली का प्रयोग ।
पानी की परियोजनाओं पर उपयुक्त सुझाव विकसित करना ।
रणनीतियों के माध्यम से पानी के जोखिम को कम करना ।
बेहतर जल परिदृश्य के लिए अनुकूल जल संसाधन योजना और प्रबंधन।
पारंपरिक जल संचय प्रणालियों को फिर से पुनर्जीवित करना।
प्राकृति आधारित समाधान।
निम्नलिखित ने कॉन्फ्रेंस में शामिल होने और स्टेक होल्डरों से मिलने के लिये सहमति दी है
श्री मृत्युंजय मोहपात्रा,महा निदेशक ,भारत मौसम विभाग
श्री जिगमत टकपा,संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार
श्री कृष्ण वत्स, सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
श्री अविनाश मिश्रा, सलाहकार (जल), एनआईटीआई आयोग, भारत सरकार
आपसे अनुरोध है कि कृपया अपने कैलेंडर को अवरुद्ध कर 03 नवंबर, 2020 को सम्मेलन में भाग लें।
यहां जुड़े:- https://ciionline.webex.com/ciionline/onstage/g.php?MTID=e38e5dbbc6869dd6c190fd1f0c61a073f
धन्यवाद ,
एन के रंगनाथ
सम्मेलन के अध्यक्ष और एम्बेसडर ग्राउंड फोस
अधिक जानकारी के लिए इन नंबरों से संपर्क कर सकते है:-
सुश्री प्रीति कथूरिया
9899582440
सुश्री अदिति हस्कर
8826057341
/articles/bhavaisaya-maen-kaisa-taraha-paanai-kao-kaiyaa-jaa-sakataa-haai-saurakasaita