भूकम्प से क्षति

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हमारे आस-पास घटित होने वाली आपदाओं में भूकम्प सबसे ज्यादा विनाशकारी होते हैं। यह बिना किसी चेतावनी के काफी बड़े भौगोलिक क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को इसके प्रभावों से पूर्णतः उबरने में हमारी उम्मीद से कहीं लम्बा समय लग सकता है।

 

भूकम्प से विगत 115 वर्षों (1900-2015) में आये 1,292 क्षति पहुँचा सकने वाले भूकम्पों में 25.75 लाख व्यक्तियों की मृत्यु हुयी है और 16.49 करोड़ व्यक्ति प्रभावित हुये हैं।


किसी एक भूकम्प से हो सकने वाली क्षति की भयावहता का आकलन इस तथ्य से किया जा सकता है कि 23 जनवरी, 1556 को चीन के शांशी शांशी (Shaanxi) में आये भूकम्प में 8.30 लाख व्यक्ति मारे गये थे।

 

मारे गये व्यक्तियों के आधार पर बीत गयी एक सदी में आये विनाशकारी भूकम्पों का विवरण आगे दिया गया है। भूकम्प से होने वाली मानव क्षति की ही तरह भूकम्प से होने वाली आर्थिक क्षति का परिमाण बड़ी से बड़ी अर्थव्यवस्था को हिला सकता है। 11 मार्च, 2011 को जापान के नजदीक आये 9.0 परिमाण के तोहोकू (Tohoku) भूकम्प से उत्पन्न सूनामी में 21,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर की क्षति हुयी थी जबकि जापान में ही 17 जनवरी, 1995 को आये 6.9 परिमाण के कोबे (Kobe) या महान हनशिन (Great Hanshin) भूकम्प में 10,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर की क्षति हुयी थी।

 

क्र.सं.

भूकम्प का अभिकेन्द्र

रिक्टर पैमाने पर परिमाण

तिथि

मृतक व्यक्ति

टिप्पणी

1.

पोर्ट ऑफ प्रिन्स, हाइती

7.0

12.01.2010

316000

300000 व्यक्ति चोटिल तथा 97294 घरों के क्षतिग्रस्त होने के कारण 1300000 व्यक्ति बेघर

2.

ताँगशान, चीन

7.5

27.07.1976

242769

आधिकारिक आँकड़ों के विपरीत इस भूकम्प में मारे गये व्यक्तियों की संख्या 655000 मानी जाती है

799000 व्यक्ति चोटिल

इस भूकम्प के कारण बीजिंग तक का क्षेत्र प्रभावित हुआ था।

3.

सुमात्रा, इंडोनेशिया

9.1

26.12.2004

227898

यह 1900 के बाद विश्व भर में आये भूकम्पों में तीसरा सबसे बड़े परिमाण का भूकम्प था इस भूकम्प के कारण उत्पन्न सूनामी के कारण दक्षिण-पूर्व एशिया तथा पूर्वी अफ्रीका के 14 देशों में 1700000 व्यक्ति बेघर हो गये थे

4.

हायूआन, निंगशिया, चीन

7.8

16.12.1920

200000

मैकाली पैमाने पर तीव्रता XII होने के कारण लिजुन्बू-हायूआन-गनयांची क्षेत्र में सम्पूर्ण विनाश

लोंगडे व हुइनिंग शहरों में लगभग सभी घर ध्वस्त

लानझाऊ, ताइयूआन, जियान, जिनंग व यिनचुआन शहरों सहित 07 प्रान्तों व क्षेत्रों में भूकम्प की तीव्रता मैकाली पैमाने पर VI से X के बीच

इस भूकम्प को कान्सू या गंशू भूकम्प भी कहा जाता है

5.

कैन्टो, जापान

7.9

01.09.1923

142800

महान टोकियो भूकम्प के नाम से जाने वाला यह भूकम्प घटना के बाद लगी आग के लिये भी जाना जाता है टोकिया-योकोहामा क्षेत्र में 694000 घर ध्वस्त इनमें से 381000 भूकम्प के बाद फैली आग से क्षतिग्रस्त

सगामी खाड़ी के पास के तट में जमीन 02 मीटर ऊपर उठ गई तथा बोसों प्रायद्वीप में 4.5 मीटर का क्षैतिज विस्थापन मापा गया

6.

अश्गाबाट, तुर्कमेनिस्तान (पूर्व सोवियत संघ)

7.3

05.10.1948

110000

अश्गाबाट व आस-पास के गाँवों में ईंट से निर्मित सभी घर ध्वस्त, कंक्रीट के भवन तीव्र क्षतिग्रस्त व रेलगाड़ियाँ पटरी से उतरी

7.

शिचुआन, चीन

7.9

12.05.2008

87587

चेन्गडू – लिग्शियान – गुयांगयुआन क्षेत्र में 374177 व्यक्ति चोटिल 10 प्रान्तों व क्षेत्रों में 45500000 व्यक्ति 5360000 घर ध्वस्त व 21000000 क्षतिग्रस्त। 8600 करोड़ अमेरिकी डॉलर की क्षति बाइचुआन – वेंचुआन क्षेत्र में भू-स्खलनों के कारण भारी क्षति क्विंगचुआन के पास भू-स्खलन से 700 व्यक्ति मारे गये लोगनान (गंशू) में रेलगाड़ी भू-स्खलन से दबी। 34 नदियों का प्रवाह अवरुद्ध होने से 700000 का जीवन खतरे में 2473 बाँध क्षतिग्रस्त वेंचुआन क्षेत्र में भूकम्प की तीव्रता मैकाली पैमाने पर XI आँकी गई

8.

मुजफ्फराबाद, पाकिस्तान

7.6

08.10.2005

86000

मुजफ्फराबाद व उड़ी में सर्वाधिक क्षति 4000000 व्यक्ति बेघर भारत में 1350 व्यक्ति मारे गये व 6266 चोटिल अनन्तनाग व बारामूला में 32335 घर ध्वस्त गिलगिट व स्कार्दू के आस-पास के क्षेत्र में भू-स्खलन के कारण अवसंरचनाओं को भारी क्षति

9.

मेसेनिया, इटली

7.2

28.12.1908

72000

भूकम्प, सूनामी व मेसेनिया में लगी आग के कारण सेनिया की 40 प्रतिशत व रिग्गो-द-कालाब्रिया की 25 प्रतिशत आबादी मारी गई

10.

चिम्बोटे, पेरू

7.9

31.05.1970

70000

अंचाश व ला लिबर्टाड क्षेत्र में 150000 व्यक्ति चोटिल

11.

पश्चिमी ईरान

7.6

20.06.1990

50000

60000 व्यक्ति चोटिल तथा 400000 व्यक्ति बेघर

रश्त-क्वाजिन-झंझान क्षेत्र में भू-स्खलन के कारण भारी क्षति रद्बार – मंजिल क्षेत्र में लगभग सभी अवसंरचनायें ध्वस्त

12.

गुलांग, गंशू, चीन

7.6

22.05.1927

40900

गुलांग-वूवेई क्षेत्र में भारी क्षति गुलांग के पास एक शहर भू-स्खलन से दबा व वूवेई में भू-स्खलन से नदी के अवरुद्ध होने से झील बनी

 

भूकम्प से होने वाली मानव व आर्थिक क्षति के आँकड़ों का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि भूकम्प के कारण होने वाली मानव क्षति ज्यादातर कम विकसित या विकासशील देशों में होती है, जबकि अधिकांश आर्थिक क्षति विकसित देशों में होती है। अब जहाँ महँगी और ज्यादा अवसंरचनायें होंगी आर्थिक क्षति का परिमाण वहाँ ज्यादा होना स्वाभाविक है।

भूकम्प से सम्भावित जन-धन की अपार क्षति के कारण यह आवश्यक हो जाता है कि भूकम्प सुरक्षा पर समुचित ध्यान दिया जाये।

 

कहीं धरती न हिल जाये

(इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिए कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें)

क्रम

अध्याय

1

पुस्तक परिचय - कहीं धरती न हिल जाये

2

भूकम्प (Earthquake)

3

क्यों आते हैं भूकम्प (Why Earthquakes)

4

कहाँ आते हैं भूकम्प (Where Frequent Earthquake)

5

भूकम्पीय तरंगें (Seismic waves)

6

भूकम्प का अभिकेन्द्र (Epiccenter)

7

अभिकेन्द्र का निर्धारण (Identification of epicenter)

8

भूकम्प का परिमाण (Earthquake Magnitude)

9

भूकम्प की तीव्रता (The intensity of earthquakes)

10

भूकम्प से क्षति

11

भूकम्प की भविष्यवाणी (Earthquake prediction)

12

भूकम्प पूर्वानुमान और हम (Earthquake Forecasting and Public)

13

छोटे भूकम्पों का तात्पर्य (Small earthquakes implies)

14

बड़े भूकम्पों का न आना

15

भूकम्पों की आवृत्ति (The frequency of earthquakes)

16

भूकम्प सुरक्षा एवं परम्परागत ज्ञान

17

भूकम्प सुरक्षा और हमारी तैयारी

18

घर को अधिक सुरक्षित बनायें

19

भूकम्प आने पर क्या करें

20

भूकम्प के बाद क्या करें, क्या न करें

 

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