भूकम्प सोचने-समझने एवं प्रतिक्रिया करने के लिये बहुत ज्यादा समय नहीं देता है इसलिए आवश्यक है कि हर किसी को पता हो कि भूकम्प आने पर क्या करना सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है। याद रखें; भूकम्प के समय की गयी सही प्रतिक्रिया आपकी, आपके परिवार व प्रियजनों की सुरक्षा के लिये निर्णायक सिद्ध हो सकती है।
(क) जहाँ हैं वहीं रहें; संतुलित रहें। हड़बड़ी घातक हो सकती है
(ख) यदि घर के अन्दर हैं तो गिर सकने वाली भारी वस्तुओं से दूर रहें
(ग) खिड़कियों से दूर रहें; शीशे के टूटे टुकड़े नुकसान पहुँचा सकते हैं
(घ) ऊपर से गिर रही वस्तुओं से सुरक्षित रह सकने में सक्षम मजबूत मेज के नीचे छुपें या अन्दरूनी दीवार या कालम के सहारे खड़े रहें
(ङ) सिर पर लगी चोटें ज्यादा घातक होती हैं इसलिए कम्पनों के रूकने तक चेहरे व सिर को हाथों की सुरक्षा में रखें
भूकम्प के कारण होने वाले भूस्खलनों से सबसे ज्यादा नुकसान 1920 में चीन के कान्सू (Kansu) प्रान्त में आये भूकम्प में हुआ। इन भूस्खलनों के कारण लगभग 2,00,000 लोग मारे गये थे। |
(च) सीढ़ियों व लिफ्ट का प्रयोग न करें। याद रखें कि ज्यादातर स्थितियों में सीढ़ी घर की सबसे कमजोर कड़ी होती है
(छ) अगर घर से बाहर हैं तो खुली जगह तलाशें। मकानों, पेड़ों, बिजली के खम्भों व तारों से दूर रहें
(ज) अगर वाहन में हैं तो रुकें और अन्दर ही रहें
(झ) पुलों, बिजली के तारों, मकानों, खाई और तेज ढाल वाली चट्टानों से दूर रहें
(ञ) भूकम्प के कम्पनों की वजह से भूस्खलन हो सकते हैं; अतः सतर्क रहें
कहीं धरती न हिल जाये (इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिए कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें) | |
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12 | भूकम्प पूर्वानुमान और हम (Earthquake Forecasting and Public) |
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